बाड़मेर. भारत पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राजस्थान-गुजरात के कच्छ रण क्षेत्र में नमक की खदानों के आसपास तारबंदी पर जंग लग रही है। एक बड़ी सीमा पर यह तारबंदी है और उस पर जंग लगने से सुरक्षा के लिहाज से खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि बीएसएफ के मुताबिक बाखासर क्षेत्र में नमक की खदानें होने से पानी लवणीय है इसलिए तारबंदी को जंग लगा है, लेकिन खतरे से जैसी कोई बात नहीं है।
भारत-पाक सीमा पर की गई तारबंदी को जंग से सडऩे लगी है। राजस्थान-गुजरात के कच्छ रण क्षेत्र में नमक की खदानें है। जहां पर बारिश में पानी का भराव होने से लवणीय मात्रा की वजह से तारबंदी जंग खा रही है। क्षेत्र के लालपुर, शाही का टिब्बा, ब्राह्मणों की ढाणी नवातला ,मिठाडाऊ समेत कई गांव व ढाणियां सीमा से सटी हैं। जहां पर खारे पानी की वजह से तारबंदी व पिलर जंग की वजह से सडऩे लगे हैं। बारिश की सीजन थमने के बाद पता चला है कि तारबंदी जगह जगह जंग लगने से टूटने के कगार पर है। हालांकि बीएसएफ का मानना है कि तारबंदी को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। खारे पानी की वजह से तारबंदी को जंग लगी है।
रण-कच्छ क्षेत्र का कुछ ही हिस्सा राजस्थान में आता है, जबकि अधिकांश क्षेत्र गुजरात सीमा में है। यहां पर तारबंदी में जंग लगी है तो उसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा।
-माधोसिंह चौहान डीआईजी बीएसएफ बाड़मेर।
भारत-पाक सीमा पर की गई तारबंदी को जंग से सडऩे लगी है। राजस्थान-गुजरात के कच्छ रण क्षेत्र में नमक की खदानें है। जहां पर बारिश में पानी का भराव होने से लवणीय मात्रा की वजह से तारबंदी जंग खा रही है। क्षेत्र के लालपुर, शाही का टिब्बा, ब्राह्मणों की ढाणी नवातला ,मिठाडाऊ समेत कई गांव व ढाणियां सीमा से सटी हैं। जहां पर खारे पानी की वजह से तारबंदी व पिलर जंग की वजह से सडऩे लगे हैं। बारिश की सीजन थमने के बाद पता चला है कि तारबंदी जगह जगह जंग लगने से टूटने के कगार पर है। हालांकि बीएसएफ का मानना है कि तारबंदी को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। खारे पानी की वजह से तारबंदी को जंग लगी है।
रण-कच्छ क्षेत्र का कुछ ही हिस्सा राजस्थान में आता है, जबकि अधिकांश क्षेत्र गुजरात सीमा में है। यहां पर तारबंदी में जंग लगी है तो उसे तुरंत दुरुस्त करवाया जाएगा।
-माधोसिंह चौहान डीआईजी बीएसएफ बाड़मेर।
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