फर्जी बीईईओ ने लगाए 300 विद्यार्थी मित्र
शिक्षा विभाग में अंधेरगर्दी : सिवाना (बाड़मेर) बीईईओ ऑफिस का मामला, मानदेय उठाते रहे विद्यार्थी मित्र
बाड़मेर बाड़मेर में एक प्रबोधक कोजसिंह ने पंचायत समिति सिवाना का फर्जी बीईईओ बनकर 300 विद्यार्थी मित्रों को नियुक्ति-पत्र थमा दिए। मजेदार बात यह है कि नियुक्ति पाने वाले विद्यार्थी मित्र लंबे समय से मानदेय उठा रहे हैं। इनमें 207 विद्यार्थी मित्रों के पद सृजित हैं जबकि 93 सीधे तौर पर नियम विरुद्ध लगे हुए हैं। मामला खुलने के बाद विभाग ने प्रबोधक को निलंबित कर दिया है, जबकि बीईईओ को चार्जशीट जारी कर दी गई है। पंचायत समिति सिवाना में रा.प्रा.वि. भाखरपुरा (सिणेर) में प्रबोधक पद पर कार्यरत कोजसिंह ने वर्ष 2008-09 में विद्यार्थी मित्रों को नौकरी देने का नायाब तरीका ढूंढ़ लिया। खुद बीईईओ सिवाना बन गया और फर्जी सील तैयार कर हाथों हाथ विद्यार्थी मित्रों को नियुक्ति देने का सिलसिला शुरू कर दिया। सिवाना ब्लॉक में करीब 300 विद्यार्थी मित्रों को एक के बाद एक नियुक्ति पत्र थमा दिए। बीते विधानसभा सत्र में भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने फर्जी तरीके से विद्यार्थी मित्रों को नियुक्ति देने का मामला उठाया तो जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया। विभाग ने प्रबोधक कोजसिंह को निलंबित कर मुख्यालय बीईईओ ऑफिस चौहटन कर दिया है
बीईईओ की भूमिका पर संदेह
सिवाना ब्लॉक में फर्जी तरीके से विद्यार्थी मित्रों को दी गई नियुक्तियों की सूची बीईईओ ऑफिस से जारी हुई। इन विद्यार्थी मित्रों को तीन साल तक मानदेय का भुगतान भी बीईईओ के हस्ताक्षर से किया गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि बीईईओ ने मामले को गंभीरता से लेने की जहमत क्यों नहीं उठाई? मामले में बीईईओ की भूमिका संदिग्ध मानते हुए जांच की जा रही है।
ब्लॉक के प्रबोधक ने फर्जी तरीके से विद्यार्थी मित्रों को नियुक्तियां दी थीं। मामला प्रकाश में आने पर निदेशक ने बीईईओ को चार्जशीट दी है। प्रबोधक को निलंबित कर दिया गया है।
-पृथ्वीराज दवे, जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा, बाड़मेर
अब क्या?: पद नहीं होने के बावजूद काम कर रहे 93 विद्यार्थी मित्रों पर अब संकट खड़ा हो गया है। जब पद ही नहीं हैं तो उन्हें काम पर रखना विभाग के लिए मुश्किल है। इधर यदि उन्हें हटाया जाता तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि इन विद्यार्थी मित्रों को नियुक्तियां देने में पैसे का किस कदर लेनदेन हुआ है।
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