पुलिस और जेल को सिलेंडर बंद
जयपुर। एलपीजी सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनियों ने प्रदेश में पुलिस,जेल,आरएसी सहित विभिन्न संस्थाओं में सिलेंडर की सप्लाई बंद कर दी है। इसका मुख्य कारण सरकार की ओर से स्पष्ट गाइड लाइन नहीं मिलना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से गुरूवार को देश में गैस सिलेंडर,डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की गई है। केंद्र की ओर से फिलहाल सब्सिडी प्राप्त श्रेणियों के संबंध में स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने के कारण पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से स्कू ल,कॉलेज,पुलिस,जेल,आरएसी, बीएसएफ,मंदिर और मदरसों में सप्लाई किए जाने वाले घरेलू सिलेंडरों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।
अटके सैंकड़ों सिलेंडर
तेल कंपनियों के सूत्रों के अनुसार,राजधानी जयपुर में स्कू ल,कॉलेज,पुलिस,जेल,आरएसी,बीएसएफ,मंदिर और मदरसों को प्रतिमाह करीब एक हजार से अधिक सिलेंडर की सप्लाई होती है। फिलहाल इस सप्लाई को आगामी व्यवस्था तक रोक दिया गया है।
हालांकि इस व्यवस्था के बंद होने का तत्काल असर नहीं होगा लेकिन एक-दो दिन में सप्लाई बहाल नहीं हुई तो जेल सहित विभिन्न स्थानों पर भोजन पकाने के लिए ईधन का संकट हो सकता है। आईओसी अधिकारियों के मुताबिक,इस श्रेणी के लिए फिलहाल कोई स्पष्ट सर्कुलर नहीं आने के कारण इनकी सप्लाई रोकी गई है।
राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रिब्यूट्र्स फेडरेशन के महासचिव कार्तिकेयन गौड़ ने बताया कि पुलिस मेस और जेल मेस में हर महीने 250 से 300 सिलेंडर सप्लाई किए जाते हैं। इन्हें फिलहाल रोक दिया गया है।
राज्य के खजाने में 432 करोड़ बढ़े
एक तरफ सरकार पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे का हवाला देकर डीजल और घरेलू एलपीजी की कीमतें बढ़ा रही है,दूसरी तरफ इस इजाफे से उसके खजाने में कई हजार करोड़ रूपए का राजस्व पहुंचेगा। अकेले राजस्थान में डीजल पर वसूले जाने वाले वैट में इस इजाफे से हर महीने 36 करोड़ रूपए और सालाना 432 करोड़ रूपए की बढ़ोत्तरी होगी।
गौरतलब है राज्य में डीजल की सालाना खपत करीब 500 करोड़ लीटर है,जिसमें 18 फीसदी वैट की दर से सरकार को सालाना 4428 करोड़ रूपए सालाना का राजस्व मिलता है। यूपीए शासन में यह अब तक का सबसे बड़ा इजाफा बताया जा रहा है।
जयपुर। एलपीजी सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनियों ने प्रदेश में पुलिस,जेल,आरएसी सहित विभिन्न संस्थाओं में सिलेंडर की सप्लाई बंद कर दी है। इसका मुख्य कारण सरकार की ओर से स्पष्ट गाइड लाइन नहीं मिलना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से गुरूवार को देश में गैस सिलेंडर,डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की गई है। केंद्र की ओर से फिलहाल सब्सिडी प्राप्त श्रेणियों के संबंध में स्पष्ट आदेश जारी नहीं होने के कारण पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से स्कू ल,कॉलेज,पुलिस,जेल,आरएसी, बीएसएफ,मंदिर और मदरसों में सप्लाई किए जाने वाले घरेलू सिलेंडरों की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।
अटके सैंकड़ों सिलेंडर
तेल कंपनियों के सूत्रों के अनुसार,राजधानी जयपुर में स्कू ल,कॉलेज,पुलिस,जेल,आरएसी,बीएसएफ,मंदिर और मदरसों को प्रतिमाह करीब एक हजार से अधिक सिलेंडर की सप्लाई होती है। फिलहाल इस सप्लाई को आगामी व्यवस्था तक रोक दिया गया है।
हालांकि इस व्यवस्था के बंद होने का तत्काल असर नहीं होगा लेकिन एक-दो दिन में सप्लाई बहाल नहीं हुई तो जेल सहित विभिन्न स्थानों पर भोजन पकाने के लिए ईधन का संकट हो सकता है। आईओसी अधिकारियों के मुताबिक,इस श्रेणी के लिए फिलहाल कोई स्पष्ट सर्कुलर नहीं आने के कारण इनकी सप्लाई रोकी गई है।
राजस्थान एलपीजी डिस्ट्रिब्यूट्र्स फेडरेशन के महासचिव कार्तिकेयन गौड़ ने बताया कि पुलिस मेस और जेल मेस में हर महीने 250 से 300 सिलेंडर सप्लाई किए जाते हैं। इन्हें फिलहाल रोक दिया गया है।
राज्य के खजाने में 432 करोड़ बढ़े
एक तरफ सरकार पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे का हवाला देकर डीजल और घरेलू एलपीजी की कीमतें बढ़ा रही है,दूसरी तरफ इस इजाफे से उसके खजाने में कई हजार करोड़ रूपए का राजस्व पहुंचेगा। अकेले राजस्थान में डीजल पर वसूले जाने वाले वैट में इस इजाफे से हर महीने 36 करोड़ रूपए और सालाना 432 करोड़ रूपए की बढ़ोत्तरी होगी।
गौरतलब है राज्य में डीजल की सालाना खपत करीब 500 करोड़ लीटर है,जिसमें 18 फीसदी वैट की दर से सरकार को सालाना 4428 करोड़ रूपए सालाना का राजस्व मिलता है। यूपीए शासन में यह अब तक का सबसे बड़ा इजाफा बताया जा रहा है।
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