जाना पड़ा तो लड़ते हुए जाएंगे:पीएम
नई दिल्ली। पहले डीजल और रसोई गैस और एफडीआई पर केन्द्र सरकार ने कड़ा फैसला लेकर ले लिया। शुक्रवार को एफडीआई पर हुई बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो टूक कहा कि कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है, जाना पड़ा तो लड़ते हुए जाएंगे। एफडीआई से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उधर, सरकार की प्रमुख सहयोगी पार्टी टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि वह एफडीआई के सरकार के फैसले का विरोध करेगी। बनर्जी ने केंद्र सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उधर, एनसीपी ने केन्द्र सरकार के इस कदम का समर्थन किया है।
मालूम हो कि शुक्रवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में मल्टी रिटेल ब्रांड में 51 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई। हालांकि सरकार ने राज्य सरकारों पर यह छोड़ दिया है कि वे इस संबंध में मॉडलिटीज को कैसे लागू करते हैं।
मल्टी रिटेल ब्रांड में विदेशी निवेश को लेकर विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। एनडीए से जुड़े कई दल और वामपंथी पहले ही इसको लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस ने पहले भी मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई का विरोध किया था। इसके चलते सरकार को फैसले को टालना पड़ा था।
नई दिल्ली। पहले डीजल और रसोई गैस और एफडीआई पर केन्द्र सरकार ने कड़ा फैसला लेकर ले लिया। शुक्रवार को एफडीआई पर हुई बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो टूक कहा कि कड़े फैसले लेने का वक्त आ गया है, जाना पड़ा तो लड़ते हुए जाएंगे। एफडीआई से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उधर, सरकार की प्रमुख सहयोगी पार्टी टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि वह एफडीआई के सरकार के फैसले का विरोध करेगी। बनर्जी ने केंद्र सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। उधर, एनसीपी ने केन्द्र सरकार के इस कदम का समर्थन किया है।
मालूम हो कि शुक्रवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में मल्टी रिटेल ब्रांड में 51 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई। हालांकि सरकार ने राज्य सरकारों पर यह छोड़ दिया है कि वे इस संबंध में मॉडलिटीज को कैसे लागू करते हैं।
मल्टी रिटेल ब्रांड में विदेशी निवेश को लेकर विपक्ष ने भी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। एनडीए से जुड़े कई दल और वामपंथी पहले ही इसको लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। मालूम हो कि तृणमूल कांग्रेस ने पहले भी मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई का विरोध किया था। इसके चलते सरकार को फैसले को टालना पड़ा था।
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