सरकार को बचाने में जुटी सोनिया
नई दिल्ली। बडे आर्थिक फैसलों को लेकर मनमोहन सिंह सरकार और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के बीच छिड़ी आरपार की जंग के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को सरकार को संकट में फंसने से बचाने की कोशिशें तेज कर दीं। लेकिन रिटेल में विदेशी कंपनियों के प्रवेश और डीजल की कीमत में वृद्धि के मुद्दों पर भी डटे रहने का इरादा साफ कर दिया। दिनभर चले राजनीतिक पैंतरों के खेल में कांग्रेस और सरकार ने यह भरपूर जाहिर करने की कोशिश की कि आर्थिक निर्णयों को वापस लेने की बनर्जी की अल्टीमेटम की अवधि में उनसे संपर्क साधने के प्रयास किए गए थे, जो कामयाब नहीं हुए।
उधर, ममता बनर्जी ने कांग्रेस को चेतावनी दी कि वह संदेशों के बारे में भ्रम फैलाने का प्रयास न करे। सरकार के लिए पर्याप्त संख्या बल जुटाए रखने की कवायदें भी तेज हो गई हैं और बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी और उसकी चिर प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के अलावा दक्षिण की पार्टी द्रमुक को अपने साथ बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। सरकार से अपने मंत्रियों का शुक्रवार को इस्तीफा दिए जाने के बनर्जी के मंगलवार शाम के एलान के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री निवास पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में कोर कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी ने कहा कि वह बनर्जी द्वारा उठाए गए मुद्दों को तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत में स्पष्ट करने का प्रयास करेगी।
कोर ग्रुप की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के निर्णय के संदर्भ में भी चर्चा हुई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बैठक के बाद संवाददताओं को बताया कि बनर्जी ने मंगलवार रात सोनिया गांधी को फोन किया था लेकिन तब बात नही हो सकी थी। सोनिया गांधी ने सवेरे बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन दोनों की बात नहीं हो पाई। अब रेल मंत्री मुकुल राय को सूचित कर दिया गया है, वह बनर्जी को यह संदेश पहुंचा दें कि सोनिया गांधी उनसे संपर्क करना चाह रही हैं। द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने भी बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन दोनों की बात नहीं हो पाई है।
केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि डीजल मूल्य में बढ़ोतरी और खुदरा बाजार में विदेश कंपनियों को आने की छूट देने के फैसले के प्रमुख कारणों की जानकारी देने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से सम्पर्क साधने के हरसंभव प्रयास किए गए थे लेकिन ऎसा हो नहीं सका। चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार की ओर से चार दिन पहले ही बनर्जी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनसे बातचीत करने की कोशिश की थी। हमने बनर्जी के लिए संदेश भिजवाया था कि वह बातचीत कर सकती हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।
नई दिल्ली। बडे आर्थिक फैसलों को लेकर मनमोहन सिंह सरकार और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के बीच छिड़ी आरपार की जंग के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को सरकार को संकट में फंसने से बचाने की कोशिशें तेज कर दीं। लेकिन रिटेल में विदेशी कंपनियों के प्रवेश और डीजल की कीमत में वृद्धि के मुद्दों पर भी डटे रहने का इरादा साफ कर दिया। दिनभर चले राजनीतिक पैंतरों के खेल में कांग्रेस और सरकार ने यह भरपूर जाहिर करने की कोशिश की कि आर्थिक निर्णयों को वापस लेने की बनर्जी की अल्टीमेटम की अवधि में उनसे संपर्क साधने के प्रयास किए गए थे, जो कामयाब नहीं हुए।
उधर, ममता बनर्जी ने कांग्रेस को चेतावनी दी कि वह संदेशों के बारे में भ्रम फैलाने का प्रयास न करे। सरकार के लिए पर्याप्त संख्या बल जुटाए रखने की कवायदें भी तेज हो गई हैं और बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी और उसकी चिर प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के अलावा दक्षिण की पार्टी द्रमुक को अपने साथ बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। सरकार से अपने मंत्रियों का शुक्रवार को इस्तीफा दिए जाने के बनर्जी के मंगलवार शाम के एलान के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री निवास पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में कोर कमेटी की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी ने कहा कि वह बनर्जी द्वारा उठाए गए मुद्दों को तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत में स्पष्ट करने का प्रयास करेगी।
कोर ग्रुप की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के निर्णय के संदर्भ में भी चर्चा हुई। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने बैठक के बाद संवाददताओं को बताया कि बनर्जी ने मंगलवार रात सोनिया गांधी को फोन किया था लेकिन तब बात नही हो सकी थी। सोनिया गांधी ने सवेरे बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन दोनों की बात नहीं हो पाई। अब रेल मंत्री मुकुल राय को सूचित कर दिया गया है, वह बनर्जी को यह संदेश पहुंचा दें कि सोनिया गांधी उनसे संपर्क करना चाह रही हैं। द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने भी बनर्जी से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन दोनों की बात नहीं हो पाई है।
केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि डीजल मूल्य में बढ़ोतरी और खुदरा बाजार में विदेश कंपनियों को आने की छूट देने के फैसले के प्रमुख कारणों की जानकारी देने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख से सम्पर्क साधने के हरसंभव प्रयास किए गए थे लेकिन ऎसा हो नहीं सका। चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार की ओर से चार दिन पहले ही बनर्जी से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनसे बातचीत करने की कोशिश की थी। हमने बनर्जी के लिए संदेश भिजवाया था कि वह बातचीत कर सकती हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।
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