बढ़ी सर्पदंश की घटनाएं रोज आधा दर्जन मरीन आ रहे हें अस्पताल
बाड़मेर। देर से हुई बारिश ने भले ही किसानों को सुकून पहुंचाया हो, लेकिन किसानो की चिंता भी बढ़ाई है। खेतों में काम दौरान सर्प दंश की घटनाएं बढ़ गई है। जिला मुख्यालय पर राजकीय चिकित्सालय में पिछले आठ-दस दिन से सर्पदंश के मरीज आ रहे हंै। बीच में तो स्थिति यह थी कि अधिक तादाद के चलते उन्हें मेडिकल वार्ड की जगह ऊपरी वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा।
सर्पदंश की घटनाएं पिछले कई दिनों से बढ़ रही है। जिला मुख्यालय के राजकीय चिकित्सालय में इसके चलते हर दिन औसतन पांच छः मरीज पहुंच रहे हंै। इस माह के प्रथम सप्ताह में तो पन्द्रह-बीस मरीज भर्ती हुए थे। 12 से 20 सितम्बर तक दस से मरीज पुरूष वार्ड में भर्ती हुए। महिला वार्ड में भी इस दौरान सर्पदंश के मरीज भर्ती हुुए। वर्तमान में भी वार्ड में चार मरीज भर्ती है। इसमें से तीन दो दिन पूर्व भर्ती हुए थे जबकि एक शनिवार को ही आया।
महंगे इलाज में राहत
इस माह की शुरूआत में सर्पदंश के मरीजों की संख्या ज्यादा होने के साथ ही सर्पदंश के इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे। ऎसे में मरीजों को दो-तीन हजार रूपए प्रति इंजेक्शन के खर्च कर मंहगा इलाज करवाना पड़ता था। अब सरकार ने सर्पदंश के इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए है। ऎसे में मंहगे इलाज से मरीजों को राहत मिली है।
खेतों में काम पड़ा रहा भारी
सर्पदंश की अधिकांश घटनाएं रात में हो रही है। इस दौरान किसान खेतों में काम कर रहे होते हैं और अंधेरे के चलते पता नहीं चल पाता और सांप काट लेते हैं।
बाड़मेर। देर से हुई बारिश ने भले ही किसानों को सुकून पहुंचाया हो, लेकिन किसानो की चिंता भी बढ़ाई है। खेतों में काम दौरान सर्प दंश की घटनाएं बढ़ गई है। जिला मुख्यालय पर राजकीय चिकित्सालय में पिछले आठ-दस दिन से सर्पदंश के मरीज आ रहे हंै। बीच में तो स्थिति यह थी कि अधिक तादाद के चलते उन्हें मेडिकल वार्ड की जगह ऊपरी वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा।
सर्पदंश की घटनाएं पिछले कई दिनों से बढ़ रही है। जिला मुख्यालय के राजकीय चिकित्सालय में इसके चलते हर दिन औसतन पांच छः मरीज पहुंच रहे हंै। इस माह के प्रथम सप्ताह में तो पन्द्रह-बीस मरीज भर्ती हुए थे। 12 से 20 सितम्बर तक दस से मरीज पुरूष वार्ड में भर्ती हुए। महिला वार्ड में भी इस दौरान सर्पदंश के मरीज भर्ती हुुए। वर्तमान में भी वार्ड में चार मरीज भर्ती है। इसमें से तीन दो दिन पूर्व भर्ती हुए थे जबकि एक शनिवार को ही आया।
महंगे इलाज में राहत
इस माह की शुरूआत में सर्पदंश के मरीजों की संख्या ज्यादा होने के साथ ही सर्पदंश के इंजेक्शन नहीं मिल रहे थे। ऎसे में मरीजों को दो-तीन हजार रूपए प्रति इंजेक्शन के खर्च कर मंहगा इलाज करवाना पड़ता था। अब सरकार ने सर्पदंश के इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए है। ऎसे में मंहगे इलाज से मरीजों को राहत मिली है।
खेतों में काम पड़ा रहा भारी
सर्पदंश की अधिकांश घटनाएं रात में हो रही है। इस दौरान किसान खेतों में काम कर रहे होते हैं और अंधेरे के चलते पता नहीं चल पाता और सांप काट लेते हैं।
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