केन्द्रीय अध्ययन दल ने लिया सूखे की स्थिति का जायजा
बाड़मेर, 5 सितम्बर। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री उत्तपल कुमार सिंह के नेतृत्व में आये केन्द्रीय अध्ययन दल ने बुधवार को बाडमेर जिले के गांवों का दौरा कर सूखे की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्होने ग्रामीणों से रूबरू होकर समय पर वर्षा नहीं होने की स्थिति में पैदा हुई सूखे की स्थिति से उत्पन्न समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री उत्तपल कुमार सिंह के नेतृत्व में आये केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य निदेशक फसल बाजरा विभाजन (डीएओ) डॉ. जे.पी.सिंह, वरिष्ठ सलाहकार सुधीर सक्सैना, उपायुक्त पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग डॉ. हरवंशसिंह, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव आर.आर. मीणा, अतिरिक्त आयुक्त ईजीएस नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने सबसे पहले बालेवा गांव में ग्रामीणों से वर्षा की स्थिति, खेतों में बुवाई, पीने के पानी की उपलब्धता तथा नरेगा के कार्यो की स्थिति आदि के बारे में जानकारी ली। यहां ग्रामीणों ने अनियमित तथा कम वर्षा की स्थिति के मद्दे नजर चारा, पानी तथा महानरेगा पर 100 दिन के बजाय 200 दिन का रोजगार दिये जाने की मांग रखी। दल के सदस्यों ने यहां नरेगा के तहत स्वीकृत कार्यो, जोब कार्ड की स्थिति तथा लोगों द्वारा 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने बाबत जानकारी ली।
इसके पश्चात दल के सदस्यों ने हरसाणी में ग्रामीणों से रूबरू होकर सूखे के हालात तथा खेतों में बुवाई की जानकारी ली। यहां सरपंच श्रीमती मटको देवी सहित ग्रामीणों ने पशु शिविर प्रारम्भ करने, पशुओं के लिये चारा डिपों संचालित करने, बीपीएल परिवारों की तरह एपीएल परिवारों को भी अकाल के मद्दे नजर गेहॅू दिये जाने की मांग रखी। लोगों ने महानरेगा के तहत मजदूरी के बदले नकद राशि के साथ साथ गेहॅू भी दिये जाने की बात कही। ग्रामीणों द्वारा दूध का कम दाम मिलने के सवाल पर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने 100 महिलाओं की सोसायटी बनाने को कहा ताकि डेयरी के जरिये दूध का संग्रहण करवाया जाकर दूध का उचित मूल्य मिल सकें।
हरसाणी गांव में ही केन्द्रीय दल के सदस्यों ने नरेगा के तहत प्रेमसिंह पुत्र सवाईसिंह के खेत में निर्मित निर्मित टांके का निरीक्षण किया तथा टांके पर की गई मजदूरी के भुगतान आदि की जानकारी ली। उन्होने खेत में फसल बुवाई के संबंध में लागत आदि की भी जानकारी प्राप्त की। यहां दल प्रभारी सहित दल के सदस्यों ने पौधारोपण किया तथा रोपे गये पौधे पेड बने इसके लिए उचित संरक्षण करने को कहा।
इसी क्रम में दल के सदस्यों ने राणासर गांव में नरेगा के तहत किये गये कार्यो सहित चारे, पानी की स्थिति की जानकारी ली। इसके पश्चात केन्द्रीय दल के सदस्यों ने गडरारोड पहुंच सूखें की स्थिति का जायजा लिया। बालोतरा भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष फतेह मोहम्मद, पूर्व सरपंच रमेश चन्द्र, सरपंच शंकरसिंह, रोशन खां, उमेदा खा, प्रेमाराम मेघवाल, अल्प खां, यादम खां सहित कई लोगों ने नरेगा में 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने, पशुधन के संरक्षण के लिये नि:शुल्क चारा डिपों व पशु शिविर संचालित करने, पेयजल उपलब्ध कराने सहित विभिन्न मांगे रखी तथा समस्याओं से अवगत कराया। गडरारोड में केन्द्रीय दल के समक्ष फरीयाद लेकर आयी एक बीपीएल परिवार की महिला के पुत्र को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए। केन्द्रीय अध्ययन दल ने गडरारोड में बींजाराम पुत्र नवलाराम के खेत में जाकर फसल बुवाई का अवलोकन किया तथा बुवाई की लागत, खराबे आदि कीे जानकारी ली। दल के सदस्यों ने यहां लगाये गये
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बेर तथा गून्दों के पौधों का अवलोकन कर विषम परिस्थितियों में किये गये प्रयासों पर खुशी जताई। केन्द्रीय अध्ययन दल को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने उपस्थित रहकर अकाल से संबंधित स्थिति से अवगत कराया।
इसके पश्चात दल के सदस्यों ने रामसर में लोगो से रूबरू होकर सूखें के हालात जाने। इस दौरान बालोतरा भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष फतेंह खान, पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत, उप प्रधान मोतीलाल मालू, मौलवी उमर, मूलाराम मेघवाल, जमाल खां, जोगेन्द्रसिंह, समद खा, नूर मोहम्मद, सिदीक खा, हमीरसिंह, बख्तावरसिंह, छिबड खां आदि ने पेयजल, पशु चारा, रोजगार के अवसर बाने सहित विभिन्न मांगे रखी। यहां लोगों ने आगजनी की अधिक घटनाओं के मद्दे नजर पक्के आवास बनाने की मांग भी रखी।
बाडमेर जिले के सूखों प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव उत्तपल कुमार सिंह ने बताया कि दल के सदस्यों ने पेयजल, चारा एवं नरेगा में रोजगार संबंधी समस्याओं को जाना है। जयपुर में गुरूवार को राज्य स्तरीय अधिकारियों से इस संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होने बताया कि बाडमेर में अकाल से संबंधित कुछ अन्य सूचनाएं विभागों से मांगी गई है। सभी तथ्यों का समावेश कर सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी।
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केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री उत्तपल कुमार सिंह के नेतृत्व में आये केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्य निदेशक फसल बाजरा विभाजन (डीएओ) डॉ. जे.पी.सिंह, वरिष्ठ सलाहकार सुधीर सक्सैना, उपायुक्त पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग डॉ. हरवंशसिंह, ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव आर.आर. मीणा, अतिरिक्त आयुक्त ईजीएस नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने सबसे पहले बालेवा गांव में ग्रामीणों से वर्षा की स्थिति, खेतों में बुवाई, पीने के पानी की उपलब्धता तथा नरेगा के कार्यो की स्थिति आदि के बारे में जानकारी ली। यहां ग्रामीणों ने अनियमित तथा कम वर्षा की स्थिति के मद्दे नजर चारा, पानी तथा महानरेगा पर 100 दिन के बजाय 200 दिन का रोजगार दिये जाने की मांग रखी। दल के सदस्यों ने यहां नरेगा के तहत स्वीकृत कार्यो, जोब कार्ड की स्थिति तथा लोगों द्वारा 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने बाबत जानकारी ली।
इसके पश्चात दल के सदस्यों ने हरसाणी में ग्रामीणों से रूबरू होकर सूखे के हालात तथा खेतों में बुवाई की जानकारी ली। यहां सरपंच श्रीमती मटको देवी सहित ग्रामीणों ने पशु शिविर प्रारम्भ करने, पशुओं के लिये चारा डिपों संचालित करने, बीपीएल परिवारों की तरह एपीएल परिवारों को भी अकाल के मद्दे नजर गेहॅू दिये जाने की मांग रखी। लोगों ने महानरेगा के तहत मजदूरी के बदले नकद राशि के साथ साथ गेहॅू भी दिये जाने की बात कही। ग्रामीणों द्वारा दूध का कम दाम मिलने के सवाल पर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने 100 महिलाओं की सोसायटी बनाने को कहा ताकि डेयरी के जरिये दूध का संग्रहण करवाया जाकर दूध का उचित मूल्य मिल सकें।
हरसाणी गांव में ही केन्द्रीय दल के सदस्यों ने नरेगा के तहत प्रेमसिंह पुत्र सवाईसिंह के खेत में निर्मित निर्मित टांके का निरीक्षण किया तथा टांके पर की गई मजदूरी के भुगतान आदि की जानकारी ली। उन्होने खेत में फसल बुवाई के संबंध में लागत आदि की भी जानकारी प्राप्त की। यहां दल प्रभारी सहित दल के सदस्यों ने पौधारोपण किया तथा रोपे गये पौधे पेड बने इसके लिए उचित संरक्षण करने को कहा।
इसी क्रम में दल के सदस्यों ने राणासर गांव में नरेगा के तहत किये गये कार्यो सहित चारे, पानी की स्थिति की जानकारी ली। इसके पश्चात केन्द्रीय दल के सदस्यों ने गडरारोड पहुंच सूखें की स्थिति का जायजा लिया। बालोतरा भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष फतेह मोहम्मद, पूर्व सरपंच रमेश चन्द्र, सरपंच शंकरसिंह, रोशन खां, उमेदा खा, प्रेमाराम मेघवाल, अल्प खां, यादम खां सहित कई लोगों ने नरेगा में 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने, पशुधन के संरक्षण के लिये नि:शुल्क चारा डिपों व पशु शिविर संचालित करने, पेयजल उपलब्ध कराने सहित विभिन्न मांगे रखी तथा समस्याओं से अवगत कराया। गडरारोड में केन्द्रीय दल के समक्ष फरीयाद लेकर आयी एक बीपीएल परिवार की महिला के पुत्र को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए। केन्द्रीय अध्ययन दल ने गडरारोड में बींजाराम पुत्र नवलाराम के खेत में जाकर फसल बुवाई का अवलोकन किया तथा बुवाई की लागत, खराबे आदि कीे जानकारी ली। दल के सदस्यों ने यहां लगाये गये
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बेर तथा गून्दों के पौधों का अवलोकन कर विषम परिस्थितियों में किये गये प्रयासों पर खुशी जताई। केन्द्रीय अध्ययन दल को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने उपस्थित रहकर अकाल से संबंधित स्थिति से अवगत कराया।
इसके पश्चात दल के सदस्यों ने रामसर में लोगो से रूबरू होकर सूखें के हालात जाने। इस दौरान बालोतरा भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष फतेंह खान, पूर्व विधायक जालमसिंह रावलोत, उप प्रधान मोतीलाल मालू, मौलवी उमर, मूलाराम मेघवाल, जमाल खां, जोगेन्द्रसिंह, समद खा, नूर मोहम्मद, सिदीक खा, हमीरसिंह, बख्तावरसिंह, छिबड खां आदि ने पेयजल, पशु चारा, रोजगार के अवसर बाने सहित विभिन्न मांगे रखी। यहां लोगों ने आगजनी की अधिक घटनाओं के मद्दे नजर पक्के आवास बनाने की मांग भी रखी।
बाडमेर जिले के सूखों प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव उत्तपल कुमार सिंह ने बताया कि दल के सदस्यों ने पेयजल, चारा एवं नरेगा में रोजगार संबंधी समस्याओं को जाना है। जयपुर में गुरूवार को राज्य स्तरीय अधिकारियों से इस संबंध में विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होने बताया कि बाडमेर में अकाल से संबंधित कुछ अन्य सूचनाएं विभागों से मांगी गई है। सभी तथ्यों का समावेश कर सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी।
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