जोधपुर। भंवरी हत्याकांड मामले में बुधवार को कोर्ट में आरोपी लूनी विधायक मलखानसिंह विश्नोई के वकील ने कहा कि भंवरी से मलखान प्रेम करते थे। यह बात पत्नी सहित पूरा परिवार जानता था। यहां तक कि भंवरी ने उनके एमएलए बनने पर अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाने गई थी। ऐसे में मलखान भंवरी के गहने और महंगे मोबाइल फोन और पुत्री की पढ़ाई का खर्च वहन करता था।
दूसरी ओर भंवरी भी मलखान प्रेम करती थी कि उसके बिना रह नहीं सकती थी। उन्होंने कहा कि जैसा कि चार्जशीट में सीबीआई ने आरोप लगाया है, मलखान को भंवरी को रास्ते से हटाने की जरूरत ही नहीं थी। इस मामले में मलखान सिंह विश्नोई, उसके भाई परसराम तथा बहन इन्द्रा सभी निर्दोष हैं और उन्हें इसी स्टेज पर बरी किया जाए।
नाहटा ने अपनी दलीलों को पुख्ता करते हुए विभिन्न गवाहों का हवाला देते हुए कहा कि भंवरी के मलखान के साथ पारिवारिक संबंध थे तथा यहां तक कि मलखान के जयपुर स्थित आवास के नौकर के हवाले से कहा कि सब जानते थे कि बाबू मलखान के दो पत्नियां हैं एक कमला और दूसरी भंवरी। उन्होंने चार्जशीट में उल्लेखित मलखान की बेटी की शादी में रेलवे स्टेडियम में भंवरी की ओर से किए गए हंगामे को भी काल्पनिक बताते हुए कहा कि भंवरी ने तब अपनी एक सहेली को बताया था कि मलखान ने अपनी बेटी की शादी में दो करोड़ खर्च किए हैं तो गुनगुन की शादी में 50 लाख खर्च करेगा। उसने यह भी बताया कि मलखान गुनगुन की पढ़ाई के लिए 35 हजार रुपए दे रहा है।
गुनगुन के पैदा होने पर मलखान अस्पताल गए थे
नाहटा ने एक अन्य गवाह के हवाले से अदालत में कहा कि भंवरी के पुत्री होने पर बाबू मलखान अस्पताल उसे देखने आए थे। शुरू में उस गवाह को लगा कि शायद यह बात भंवरी किसी को नहीं बताएगी, लेकिन बाद में भंवरी ने खुद ही सबको बता दिया कि गुनगुन के पिता मलखान है। उन्होंने कहा कि यह बात जब जग जाहिर थी तो भंवरी से मलखान को कैसा खतरा था। यहां तक कि मलखान की लड़की के बच्चा होने पर भंवरी ने लोगों से यहां तक कहा था कि वह नानी बन गई है।
सीबीआई के दिमाग की उपज है
नाहटा ने कहा कि न तो भंवरी मलखान को ब्लैकमेल कर रही थी व न ही मलखान के दिमाग में कहीं भी भंवरी को रास्ते से हटाने की योजना थी। यह सिर्फ सीबीआई के दिमाग की उपज थी कि उसने मलखान व महीपाल मदेरणा को संयुक्त रूप से भंवरी का शिकार बताते हुए षडयंत्रकारी बना दिया। नाहटा ने कहा कि मलखान के खिलाफ न तो सहीराम या न ही सोहनलाल के साथ बैठ कर षडय़ंत्र रचने की गवाही है और न ही 7 सितंबर के मेले में भंवरी किसी तरह का बम फोडऩे वाली थी। हां यह तय है कि सीबीआई महीपाल व मलखान दोनों को मारना चाहती है।
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