जल सत्याग्रहियों को खदेड़ने की तैयारी
हरदा। हरदा के खरदना गांव में इंदिरा सागर परियोजना के पीडितों द्वारा जारी जल सत्याग्रह में मंगलवार को एकाएक माहौल गरमा गया। सख्त रूख अख्तियार करते हुए प्रशासन ने देर शाम गांव में धारा 144 लागू कर दी और सत्याग्रहियों को पानी से निकलने का अल्टीमेटम दे दिया।
500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद देखते ही देखते पूरा खरदना गांव छावनी में तब्दील हो गया। ऎसा माना जा रहा है कि किसी भी समय आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
उधर, नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता चितरूपा पालित ने देर रात पत्रिका को बताया कि उन्होंने बातचीत को आए कमिश्नर और कलेक्टर को दो टूक कह दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानीं जाती, वे आंदोलन स्थल से नहीं हटेंगी।
चितरूपा के मुताबिक, उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि 24 घंटे में जल स्तर 260 मीटर ला दे। यदि ऎसा नहीं हुआ तो प्रदेशभर में आंदोलन के कार्यकर्ता पानी में उतरकर प्रदर्शन करेंगे और यदि इस दौरान किसी भी आंदोलनकारी की मौत हुई तो इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।
गांव-गांव से जुटे लोग
मध्य रात्रि तक करीब 50 सत्याग्रही पानी में चितरूपा को घेरे बैठे थे, जबकि पानी के बाहर करीब 100 सत्याग्रही मौजूद थे। आस-पास के गांव से कई टै्रक्टर भरकर ग्रामीण आंदोलन स्थल पहुंचे। वे अपने साथ सत्याग्रहियों के लिए भोजन लेकर आए थे।
गिरफ्तार कर लो
इससे पहले, हरदा रेस्ट हाउस में कमिश्नर अरूण तिवारी, आईजी अजय शर्मा, डीआईजी जेएस संसवाल, कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे आदि की भोजन की टेबल पर बैठक हुई। बैठक के बाद आईजी शर्मा ने डीआईजी-एसपी को आदेश दिया कि उसको (चित्तरूपा पालित) अरेस्ट करके हरदा ले आओ और बाकी लोगों को पानी से बाहर निकलते ही अरेस्ट कर लो।
खरदना में संभावित कार्रवाई के मद्देनजर सोमवार की रात ही भारी संख्या में पुलिस बल भोपाल, होशंगाबाद, खंडवा आदि जिलों से हरदा पहुंच गया। दोपहर बाद ये बल खरदना रवाना हुआ।
भूरिया-अजय आज खरदना में :
मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह बुधवार को सुबह 10 बजे खरदना पहुंचेंगे।
किसका आदेश मानेंगे?
धरना स्थल पर कलेक्टर डा. सुदाम खाडे और आंदोलन की अगुवाई करने पहुंचीं चितरूपा के बीच लम्बी बहस हुई। कलेक्टर ने बांध का जल स्तर कम करने में असमर्थता जताते हुए कहा कि यह नीतिगत मामला है और एनएचडीसी का आदेश है। इस पर पालित ने आदेश की कापी मांगी और फिर कहा कि हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि जल स्तर 260 मीटर से ज्यादा नहीं किया जा सकता। अब आप ही बताएं किसका आदेश मानेंगे, एनएचडीसी का या सुप्रीम कोर्ट का!
दो मुआवजा व जमीन
इससे पहले, आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए चित्तरूपा पालित ने कहा कि डूब प्रभावित भूमिहीन मजदूरों को ढाई लाख रूपए मुआवजा तथा खातेदार किसानों को 5 एकड़ सिंचित जमीन दी जाए। उन्होंने सरकार पर डूब प्रभावितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि अंतिम सांस तक हक की लड़ाई लड़ेंगे।
दिनभर रही सरगर्मी
सुबह 11 बजे कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे आंदोलनकारियों से मिले
दोपहर 2 बजे चितरूपा पालित खरदना पहुंचीं
2.30 बजे : अफसरों की बैठक हुई
3.00 बजे आईजी ने एसपी से सत्याग्रहियों की गिरफ्तारी को कहा
4.00 बजे 10 वाहनों में पुलिस फोर्स खरदना पहुंचा, मोर्चा संभाला
शाम 6.00 बजे डीएम वापस चले गए
6.35 बजे एसडीएम मंजूषा राय ने धारा 144 लागू कर दी
हरदा। हरदा के खरदना गांव में इंदिरा सागर परियोजना के पीडितों द्वारा जारी जल सत्याग्रह में मंगलवार को एकाएक माहौल गरमा गया। सख्त रूख अख्तियार करते हुए प्रशासन ने देर शाम गांव में धारा 144 लागू कर दी और सत्याग्रहियों को पानी से निकलने का अल्टीमेटम दे दिया।
500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के बाद देखते ही देखते पूरा खरदना गांव छावनी में तब्दील हो गया। ऎसा माना जा रहा है कि किसी भी समय आंदोलनकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है।
उधर, नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता चितरूपा पालित ने देर रात पत्रिका को बताया कि उन्होंने बातचीत को आए कमिश्नर और कलेक्टर को दो टूक कह दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानीं जाती, वे आंदोलन स्थल से नहीं हटेंगी।
चितरूपा के मुताबिक, उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि 24 घंटे में जल स्तर 260 मीटर ला दे। यदि ऎसा नहीं हुआ तो प्रदेशभर में आंदोलन के कार्यकर्ता पानी में उतरकर प्रदर्शन करेंगे और यदि इस दौरान किसी भी आंदोलनकारी की मौत हुई तो इसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी।
गांव-गांव से जुटे लोग
मध्य रात्रि तक करीब 50 सत्याग्रही पानी में चितरूपा को घेरे बैठे थे, जबकि पानी के बाहर करीब 100 सत्याग्रही मौजूद थे। आस-पास के गांव से कई टै्रक्टर भरकर ग्रामीण आंदोलन स्थल पहुंचे। वे अपने साथ सत्याग्रहियों के लिए भोजन लेकर आए थे।
गिरफ्तार कर लो
इससे पहले, हरदा रेस्ट हाउस में कमिश्नर अरूण तिवारी, आईजी अजय शर्मा, डीआईजी जेएस संसवाल, कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे आदि की भोजन की टेबल पर बैठक हुई। बैठक के बाद आईजी शर्मा ने डीआईजी-एसपी को आदेश दिया कि उसको (चित्तरूपा पालित) अरेस्ट करके हरदा ले आओ और बाकी लोगों को पानी से बाहर निकलते ही अरेस्ट कर लो।
खरदना में संभावित कार्रवाई के मद्देनजर सोमवार की रात ही भारी संख्या में पुलिस बल भोपाल, होशंगाबाद, खंडवा आदि जिलों से हरदा पहुंच गया। दोपहर बाद ये बल खरदना रवाना हुआ।
भूरिया-अजय आज खरदना में :
मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह बुधवार को सुबह 10 बजे खरदना पहुंचेंगे।
किसका आदेश मानेंगे?
धरना स्थल पर कलेक्टर डा. सुदाम खाडे और आंदोलन की अगुवाई करने पहुंचीं चितरूपा के बीच लम्बी बहस हुई। कलेक्टर ने बांध का जल स्तर कम करने में असमर्थता जताते हुए कहा कि यह नीतिगत मामला है और एनएचडीसी का आदेश है। इस पर पालित ने आदेश की कापी मांगी और फिर कहा कि हमारे पास सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि जल स्तर 260 मीटर से ज्यादा नहीं किया जा सकता। अब आप ही बताएं किसका आदेश मानेंगे, एनएचडीसी का या सुप्रीम कोर्ट का!
दो मुआवजा व जमीन
इससे पहले, आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए चित्तरूपा पालित ने कहा कि डूब प्रभावित भूमिहीन मजदूरों को ढाई लाख रूपए मुआवजा तथा खातेदार किसानों को 5 एकड़ सिंचित जमीन दी जाए। उन्होंने सरकार पर डूब प्रभावितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि अंतिम सांस तक हक की लड़ाई लड़ेंगे।
दिनभर रही सरगर्मी
सुबह 11 बजे कलेक्टर डॉ. सुदाम खाडे आंदोलनकारियों से मिले
दोपहर 2 बजे चितरूपा पालित खरदना पहुंचीं
2.30 बजे : अफसरों की बैठक हुई
3.00 बजे आईजी ने एसपी से सत्याग्रहियों की गिरफ्तारी को कहा
4.00 बजे 10 वाहनों में पुलिस फोर्स खरदना पहुंचा, मोर्चा संभाला
शाम 6.00 बजे डीएम वापस चले गए
6.35 बजे एसडीएम मंजूषा राय ने धारा 144 लागू कर दी
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