बुधवार, 5 सितंबर 2012

नवजीवन प्लाजा में भीषण आग

नवजीवन प्लाजा में भीषण आग
जयपुर। एमआईरोड स्थित नवजीवन प्लाजा में बुधवार सुबह करीब आठ बजे लगी भीषण आग ने कुछ ही देर में इमारत की तीन मंजिलों पर स्थित कई दुकानों को अपने लपेटे में ले लिया। सुबह का समय होने से प्लाजा में कोई मौजूद नहीं था, इसलिए जान का नुकसान नहीं हुआ। आग की वजह शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है। आग से करोड़ों रूपए के नुकसान की आशंका है।

नहीं थे आग बुझाने के उपाय
बताया जा रहा है कि प्लाजा की दूसरी मंजिल पर कपड़े की दुकान में सबसे पहले आग लगी। आग ने एक बार फिर शहर के बीच चल रहे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्लाजा में मौजूद अग्निशमन उपकरण खराब थे, जिसके कारण प्रारंभिक स्तर पर आग बुझाने का कोई उपाय नहीं किया जा सका।

बैंक से निकाला कैश
बिल्डिंग में ही यस बैंक की शाखा भी है। गार्ड की मुस्तैदी से बैंक प्रबंधन के लोग समय पर कार्यालय पहुंच गए और अपना सामान निकालने में जुट गए। जरूरी फाइलें एवं कैश निकाल लिया गया। पुलिस ने पास जाने से लोगों को रोक दिया।

लगा जैसे डकैत आ गए
आग के बाद यस बैंक की शाखा का सायरन बज उठा। सायरन की आवाज सुन गार्ड दारा सिंह को लगा जैसे बैंक में सेंध हुई है और डकैत घुस आए हैं। इससे बौखलाए गार्ड ने बंदूक को लोड किया और बैंक के हर चैंबर में खोजबीन शुरू कर दी। सिंह ने बताया कि इस दौरान बैंक में कुछ भी अप्रिय नहीं लगा तो वो निश्चिंत होकर बैठ गया। बाद में ऊपर जाकर देखा तो उसे धुआं उठता देखा, जिसकी सूचना उसने बैंक आला अधिकारियों और पुलिस को दी।

करोड़ों का माल स्वाहा
नवजीवन प्लाजा के आस-पास की इमारतों से भी व्यापारियों को नहीं जाने दिया गया। प्लाजा की इमारत ढहने व आग आस-पास न पहुंच जाए, इसके लिए सभी दुकानों को बंद करवाया गया। प्लाजा में करीब अस्सी दुकानें एवं दफ्तर हैं। यहां अधिकांश दुकानें कपड़ों की हैं, इस कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया। कपड़ों के व्यापारी केके गोयल ने बताया कि दूसरी मंजिल पर उनकी साडियों की दुकान है। नजारा देख लगता है कि दुकान में कुछ नहीं बचा होगा।


लोगों का लगा हुजूम
आग की सूचना के साथ ही एमआई रोड और आस-पास के बाजारों से लोगों का हुजूम मौके पर जुट गया। जिस कारण पुलिस को व्यवस्था संभालने में भी दिक्कतें उठानी पड़ीं। पुलिस को बार-बार लोगों को खदेड़ना पड़ा। आग को फैलती देखकर यातायात पुलिस ने करीब साढ़े नौ बजे इस सड़क पर ट्रैफिक का आवागमन बंद कर दिया। इमारत के आस-पास खड़े वाहनों को उठाने के लिए क्रेन व ट्रक लगाए गए हैं।

प्रशासन की लापरवाही पर रोष
भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मुकेश पारीक ने बताया कि निगम और अग्निशमन विभाग की ओर से बिना जांच के ही एनओसी दे दी जाती है। जानकारी के मुताबिक प्रतिष्ठानों में बिजली उपकरणों की फिटिंग की एनओसी निगम की ओर से दी जाती है। नियम यह है कि निगम के अधिकारी मौके पर जाकर उपकरणों की फिटिंग की जांच करें और इसके बाद ही एनओसी जारी करें, लेकिन इसकी पालना नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि निगम अधिकारी ऑफिस में बैठे-बैठे ही एनओसी जारी कर देते हैं। वहीं अग्निशमन विभाग कॉम्प्लेक्सों में लगे अग्निशमन उपकरणों की जांच करने की जहमद नहीं उठाता।

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