इस्लामाबाद [विशेष संवाददाता]। भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार महीने से लंबित रियायती वीजा व्यवस्था के समझौते पर शनिवार को दस्तखत होंगे। साथ ही, दोनों मुल्कों के बीच सीमा पर भरोसा बढ़ाने वाले उपायों के तौर पर सरहद के दोनों ओर आवाजाही बढ़ाने, व्यापार की अड़चनें दूर करने व संचार सुगम बनाने के समझौतों पर भी दस्तखत होने हैं। तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने उम्मीद जताई कि दोनों देश दोस्ती व सहयोग का मुकाम हासिल कर पाएंगे।
पाकिस्तान के चकलाला वायुसेना स्टेशन पर विशेष विमान से पहुंचने के बाद मीडिया से रूबरू कृष्णा ने कहा कि हम ऐसे भविष्य की तलाश में हैं, जहा दोनों देश आतंक व हिंसा मुक्त माहौल में साथ रह सकें। दोनों मुल्कों के बीच संबंध सुधार की जरूरत पर जोर देते हुए पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के प्रभारी व आतरिक मामलों पर सरकार के सलाहकार रहमान मलिक ने कहा कि नए वीजा समझौते में 65 से अधिक उम्र के लोगों को खास सहूलियत मिल सकेंगी। महत्वपूर्ण है कि मई 2012 में भारतीय खेमा इस समझौते पर दस्तखत की तैयारी करके पहुंचा था लेकिन ऐन मौके पर पाकिस्तान ने इससे हाथ खींच लिए।
मंत्रियों की बातचीत से पहले विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी के बीच दो घटे की मुलाकात में भारत ने आतंकवाद और मुंबई हमले की धीमी पड़ताल का मुद्दा उठाया। भारतीय खेमे का कहना है कि आतंकवाद उसके लिए मुख्य मुद्दा है, लिहाजा उस पर कोई समझौता संभव ही नहीं है। विदेश मंत्री स्तर वार्ता की मेज पर भी भारत इस विषय को उठाएगा। इस बारे में मीडिया के सवालों पर रहमान मलिक का कहना था कि मामला अदालत में है। इस कड़ी में अब हम दूसरी बार न्यायिक आयोग भारत भेजने के लिए तारीख का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान पहुंचने के बाद कृष्णा ने प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के अलावा पीपीपी गठबंधन सरकार में शामिल मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम), आवामी नेशनल पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) के नेताओं से भी मुलाकात की।
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