सोमवार, 10 सितंबर 2012

तरक्की के तराने सुनाने लगा है बाड़मेर





तरक्की के तराने सुनाने लगा है बाड़मेर

सरहद की फिजाओं में घुला विकास का संगीत



- डॉ. दीपक आचार्य

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी

बाड़मेर  राजस्थान का मरुस्थलीय पश्चिमी सीमान्त जिला बाड़मेर विकास के सोपानों को तय करता हुआ अब तरक्की के तराने सुनाने लगा है। एक जमाने में बुनियादी सेवाओं व संसाधनों के पिछड़ेपन के साथ ही रेगिस्तान की समस्याओं के पर्याय रहे बाड़मेर में हाल के वर्षो में हुए बहुआयामी विकास की बदौलत अब हालात बदले हुए हैं।

विकास के ऎतिहासिक मंजर का दिग्दर्शन कराने वाले बाड़मेर में आधारभूत लोक सुविधाओं के साथ ही विकास के आधुनिक सरोकारों से साक्षात करा रहा बाड़मेर अब प्रदेश ही नहीं देश-दुनिया में अपनी अनूठी पहचान कायम कर चुका है।

हो रही कायापलट है

केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और परियोजना ने इस पूरे थार अंचल की काया ही पलट दी है। बाड़मेर अब करवट ले चुका है जहाँ हर क्षेत्र में सुनहरे विकास के कई-कई प्रतिमान स्थापित हो रहे हैं। आज का बाड़मेर वह बाड़मेर है जो विकास का संगीत सुनाते हुए नहीं थकता।

प्रदेश सरकार ने यहाँ की समस्याओं के निराकरण के साथ ही आम जनता की जरूरतों को भाँपते हुए जिन प्राथमिकताओं के साथ विकास के स्वप्नाें को साकार किया है, उनकी वजह से बाड़मेर का स्वरूप निखरा-निखरा नज़र आने लगा है।


आम जन की सरकार ने दिया खूब विकास

आम जन की सरकार के रूप में संकल्पों को मूर्त रूप देने की यह ठोस पहल ही है जो बाड़मेर के विकास की रफ्तार को प्रबल वेग दे रही है। बाड़मेर शहर हो या ग्राम्यांचल। हर कहीं विकास का मंजर दिखाने में सरकार के अनथक प्रयासों का परिणाम सामने आ रहा है।

मुख्यमंत्री की गहरी दिलचस्पी है थार में

बाड़मेर के विकास से जुड़े कई शिलान्यास और लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के हाथों गत माह हो चुके हैं। इसके बाद इनसे जुड़ी गतिविधियों को सम्बल प्राप्त हुआ है। बाड़मेर लिफ्ट पेयजल परियोजना इस दिशा में ऎतिहासिक है जिसका लोकार्पण हाल ही राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी के हाथों हुआ है।

ओवरब्रिज और बस स्टैण्ड अहम् सुविधा

विवेकानन्द सर्किल के पास ओवर ब्रिज बनने के कारण रेल्वे क्रॉसिंग बन्द हो जाने से बसों का आवागमन प्रभावित होगा। ऎसे में लोगों की सुविधा के लिये शहीद सर्किल के पास नया बस स्टैण्ड बनाने का काम हाथ में लिया गया। यह बस स्टैंड रेलवे स्टेशन से लगभग ढाई किमी दूर मुख्य सड़क मार्ग पर और जिला चिकित्सालय एवं वर्तमान बस स्टैंड से मात्र 1.8 किमी दूर है। इससे बार-बार रेलवे फाटक बन्द होने से होने वाली परेशानी से निजात मिलेगी एवं बसों का संचालन सुगमतापूर्वक हो सकेगा।

अत्याधुनिक स्वरूप दर्शाएगा

इस बस स्टेंड के लिए कृषि उपज मंडी समिति की 3.13 बीघा जमीन को मिलाकर कुल6.13 बीघा भूमि की मंजूरी दी गई है। बस स्टेंड निर्माण का तकमीना 6 करोड रुपये का है। इसके लिए 444 लाख रुपये की तकनीकी एवं प्रशासनिक मंजूरी है। इस बस स्टेंड के भूतल पर प्रवेश दीर्घा में 4 टिकट काउन्टर, चौड़ा प्लेटफार्म, क्लॉक रूम, ऑफिस, बुक स्टाल, रेस्टोरेन्ट आदि की सुविधा रहेगी। इसके अलावा महिला-पुरुषों के लिये जन सुविधाओं का भी प्रावधान है।

प्रवेश दीर्घा के दूसरी तरफ 10 कमरों का होटल बनेगा। प्लेटफार्म के पीछे 10 बसों के प्लेट फार्म की व्यवस्था की गई ताकि अलग-अलग मार्गो पर चलने वाली बसें खड़ी हो सकें। साथ ही बसों की इस पार्किग के पीछे 11 बसों की पार्किंग का प्रावधान किया गया है। इस बस स्टेंड के दूसरे तल में प्रवेश दीर्घा के बांयी तरफ 10 कमरों का होटल मय लॉबी, जीने लिफ्ट साथ ही 6 बाई 6मीटर के 11 कार्यालय कक्ष बनेंगे।

बस स्टेंड पर बनने वाली दुकानों, कियोस्क एवं बैंक के साथ बजट होटल को लाईसेन्स पर एक न्यूनतम मासिक किराया तय करके लाईसेन्सधारियों से नॉन रिफण्डेबल निर्माण लागत के साथ प्रस्ताव लिये जायेंगे। बस स्टेंड का निर्माण दो चरणों में करवाया जायेगा। निर्माण पर होने वाला व्यय नगर परिषद द्वारा वहन किया जायेगा।

म्यूजिकल फाउंटेन दे रहा सुकून

राजीव गांधी क्रीड़ा संकुल में जिला प्रशासन एवं नगरपरिषद बाड़मेर द्वारा आदर्श स्टेडियम में 5 वर्ष के रख-रखाव खर्च सहित 57.63 लाख रुपये लागत से म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया है। इसमें राजवेस्ट पॉवर प्रोजेक्ट ने 30 लाख रूपये का सहयोग किया है। इस फाउंटेन में पुराने मशहूर एवं देश भक्ति गीतों से आम नागरिकों का मनोरंजन हो सकेगा। इसमें थार के संगीत का भी समावेश हो जाए तो सोने में सुहागा हो सकता है।

मैरिज गार्डन सजाएगा दांपत्य के रंग

बाडमेर शहर में मैरिज गार्डन की कमी को दूर करने के लिये जिला प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा आदर्श स्टेडियम में 105 लाख रुपये से दो मैरिज गार्डन बनवाये जा रहे हैं। करीब 16हजार 281 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के मैरिज गार्डन-ए में 3375 वर्गमीटर का एक हॉल और आठ कमरों के साथ टायलेट ब्लॉक बनेगा। इसी तरह मैरिज गार्डन-बी 5225 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में होगा।

सड़क सुविधाओं से बढ़ेगी विकास की रफ्तार

स्टेडियम में 1.30 करोड़ रुपये लागत से जोगिंग ग्राउड एवं पाथ-वे का निर्माण करवाया गया है। इससे आम नागरिकों को घूमने एवं व्यायाम की सुविधा मिल सकेगी।

आरयूआईडीपी के तहत नेशनल हाईवे-15 से पुराने परिवहन कार्यालय से उत्तरलाई तक7.30 करोड़ रुपये लागत से 7.70 किलोमीटर बड़ी सड़क का निर्माण करवाया जायेगा। इस सम्पर्क सड़क के बनने से नेशनल हाईवे-112 से नेशनल हाईवे -15 की तरफ जैसलमेर आने-जाने वाले वाहनों का यातायात सुचारू होगा। पन्द्रह महीने में यह काम पूरा होने के साथ ही बाड़मेर शहर के लिये मील का पत्थर साबित होगा। बाड़मेर में 29 करोड़ रुपये लागत से पहले आरओबी का काम अगले माह हो जायेगा। जबकि आरयूआईडीपी के तहत ही सर्किट हाउस के पास 18.55 करोड़ रुपये लागत से दो लेन चौड़ाई में 730 मीटर लम्बे आरओबी निर्माण का काम करवाया जा रहा है।

शहर में सर्किट हाउस से विवेकानन्द सर्किल तक 3.12 करोड़ रुपये लागत से 2.5किलोमीटर में फोरलेनिंग का काम पूरा हो गया है। इसी तरह आरयूआईडीपी के तहत बाड़मेर शहरी पेयजल योजना के 82 किलोमीटर में पाईप लाईन का कार्य पूर्ण हो चुका है।

योजनाओं ने पाया सुनहरा आकार

बाड़मेर में महात्मा गांधी नरेगा में 1155.32 करोड़ रुपये खर्च कर अब तक 56,299 कार्य करवाये गये हैं। इंदिरा आवास योजना के तहत 194.47 करोड़ रुपये लागत से बीपीएल परिवारों के37 हजार 667 आवासों का निर्माण किया गया।

सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) तहत 92.45 करोड़ रुपये लागत से 898 कार्य पूर्ण करवाये जा चुके हैं। इसी तरह मरु विकास कार्यक्रम के तहत 41.76 करोड़ रुपये के 185 कार्य, मरु प्रसार रोक परियोजना के तहत 31.26 करोड़ रुपये लागत के टीबा स्थिरीकरण एवं वृक्षारोपण के 124कार्य करवाये गये।

सांसद एवं विधायक क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत 27.97 करोड़ रुपये लागत से 1 हजार727 सामुदायिक उपयोग की परिसम्पत्तियों और स्वविवेक योजना में करीब 51 लाख रुपये लागत से32 परिसंपत्तियों का निर्माण किया गया। बाड़मेर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रेरणा योजना के तहत 125 बीपीएल परिवारों को लाभान्वित कर देश में प्रथम रहा है।

जिला कलक्टर डॉ. वीणा प्रधान के मुताबिक इसी प्रकार की कई परियोजनाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन ने बाड़मेर जिले को प्रदेश और देश के विकास मानचित्र पर मजबूती से उभारा है। विकास की यही गति बरकरार रही तो आने वाले समय में यह जिला विकसित जिलों की बराबरी पर आ जाएगा।

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