30 वर्षीय युवती से दुबारा गैंगरेप
बेगूसराय। अब क्या मेरे खुदकुशी करने के बाद ही पुलिस दरिंदों को गिरफ्तार करेगी। पहले हुए गैंग रेप के सदमे से अब तक उबर भी नहीं पाई थी कि दिनदहाड़े दो दरिंदों ने घर में घुसकर फिर सामूहिक दुराचार किया। यह दिल दहलाने वाली आपबीती है बिहार के छौड़ाही थाना क्षेत्र के पन्नसला गांव की 30 वर्षीय युवती की।
अबला के साथ दुबारा गैंगरेप की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस की मौजूदगी में उससे मारपीट की भी बात सामने आई है। हालांकि बाद में पुलिस ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। लेकिन जब होश आने पर शिकायत करने थाने पहुंची तो थानेदार ने डांट-फटकार कर सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद वहां से भगा दिया और धमकी भी दी कि अगर कहीं जुबान खोलेगी तो हथियार थमा कर आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेज दूंगा। थाने के बाद जब छौड़ाही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गई तो आरोपित व उसके परिजन वहां पहले से डॉक्टर से बातचीत कर रहे थे।
पीडिता की फरियाद सुनने के बावजूद डॉक्टर ने मामूली मारपीट की घटना बताते हुए इंज्यूरी रिपोर्ट बनाकर उसे घर भेज दिया। छौड़ाही सहायक थानान्तर्गत पन्नसला गांव निवासी मो. अनवर की 30 वर्षीया पीडिता पत्नी ने आपबीती सुनाई। उसने बताया कि पहली बार जब उसके साथ गैंगरेप किया गया था तो उसने पांच को नामजद करते हुए थाने में मामला दर्ज कराया था। महीनों बाद उनमें से सिर्फ एक को पुलिस ने गिरफ्तार किया और अन्य आरोपित केस उठाने के लिए उसे लगातार धमकी देते रहे। पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर उल्टे उनका बचाव ही करती रही।
बेगूसराय। अब क्या मेरे खुदकुशी करने के बाद ही पुलिस दरिंदों को गिरफ्तार करेगी। पहले हुए गैंग रेप के सदमे से अब तक उबर भी नहीं पाई थी कि दिनदहाड़े दो दरिंदों ने घर में घुसकर फिर सामूहिक दुराचार किया। यह दिल दहलाने वाली आपबीती है बिहार के छौड़ाही थाना क्षेत्र के पन्नसला गांव की 30 वर्षीय युवती की।
अबला के साथ दुबारा गैंगरेप की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस की मौजूदगी में उससे मारपीट की भी बात सामने आई है। हालांकि बाद में पुलिस ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। लेकिन जब होश आने पर शिकायत करने थाने पहुंची तो थानेदार ने डांट-फटकार कर सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद वहां से भगा दिया और धमकी भी दी कि अगर कहीं जुबान खोलेगी तो हथियार थमा कर आम्र्स एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेज दूंगा। थाने के बाद जब छौड़ाही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गई तो आरोपित व उसके परिजन वहां पहले से डॉक्टर से बातचीत कर रहे थे।
पीडिता की फरियाद सुनने के बावजूद डॉक्टर ने मामूली मारपीट की घटना बताते हुए इंज्यूरी रिपोर्ट बनाकर उसे घर भेज दिया। छौड़ाही सहायक थानान्तर्गत पन्नसला गांव निवासी मो. अनवर की 30 वर्षीया पीडिता पत्नी ने आपबीती सुनाई। उसने बताया कि पहली बार जब उसके साथ गैंगरेप किया गया था तो उसने पांच को नामजद करते हुए थाने में मामला दर्ज कराया था। महीनों बाद उनमें से सिर्फ एक को पुलिस ने गिरफ्तार किया और अन्य आरोपित केस उठाने के लिए उसे लगातार धमकी देते रहे। पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर उल्टे उनका बचाव ही करती रही।
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