काम नहीं आई अपील
जैसलमेर। शहर में शनिवार को हुए "नकली" मतदान को लेकर आमजन के बजाय छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला। आमतौर पर होने वाले चुनावो की तरह इस बार मतदाताओं को बूथ तक लाने की भले ही जद्दोजहद नहीं थी, लेकिन संबंधित बूथ क्षेत्र के स्कूली विद्यार्थियो को बुलाने से पोलिंग अधिकारियो को कुछ राहत मिली।
"पत्रिका" टीम ने शनिवार को जैसलमेर मे विभिन्न पोलिंग बूथों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। सुबह सुहाना मौसम, दोपहर में गर्मी और उमस के बीच जैसलमेर मे नई वोटिंग मशीनो का "भाग्य" तय करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियो व जनप्रतिनिधियो की ओर से की मतदाताओं के नाम की गई अपील काम नहीं आई। इस चुनाव मे सबसे ज्यादा उत्साहित वे स्कूली छात्र-छात्राएं नजर आ रहे थे, जिन्होने प हली बार ईवीएम मशीन मे वोट दिया।
लक्ष्य हासिल करने मे आया पसीना
पत्रिका टीम ने मतदान के दौरान पोलिंग बूथो का जायजा लिया। बूथो पर नियुक्त कार्मिक अपनी परेशानी बयां करने से खुद को रोक नहीं पाए। उनका कहना था कि 1000 मतदान करवाने का लक्ष्य हासिल करने मे उन्हे मशक्कत करनी पड़ रही है। हार या जीत का मुद्दा नहीं होने से लोगो मे भी रूझान देखने को नहीं मिल रहा। जनभागीदारी व राजनीतिक दलों के कम उत्साह को देखते हुए उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सुबह 10 बजे तक गल्र्स स्कूल बूथ पर 150 व अमरशहीद सागरमल गोपा स्कूल बूथ पर 180 मत पड़ चके थे।
कुछ परेशानी, बाकी राहत
मतदान बूथो पर 1000 लोगो का मतदान कराने का लक्ष्य पूरा करने के लिए अलग-अलग बूथो पर कई जतन देखने को मिले। गल्र्स स्कूल बूथ पर केवल छात्राएं ही नजर आ रही थी, वहीं जनभागीदारी कम देखने को मिल रही थी। बूथ के बाहर नमकीन-बिस्किट की मनुहार कर मतदाताओ को वोट देने के लिए आग्रह किया जा रहा था। इस अनूठे चुनाव मे मतदान बूथो पर ड्यूटी दे रहे लोगो के लिए काफी राहत रही।
चांधन में दो बूथ
चांधन. बनावटी मतदान प्रक्रिया मे चांधन ग्राम पंचायत क्षेत्र के मतदाताओं ने उत्साह से भाग लिया। मतदान के लिए कस्बे के राजकीय उच्च माघ्यमिक विद्यालय परिसर मे दो बूथ स्थापित किए गए। दोनों बूथ पर दिन भर मतदातों की लम्बी कतार देखने को मिली। मतदान सुचारू हो इसके लिए प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की। चांधन पटवारी, बीएलओ, सरपंच व विद्यालय के छात्र दिन भर प्रयास करते रहे। मतदान दल के सदस्य व पीठासीन अधिकारी लोगों को वोट दिलवाने के साथ साथ पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते रहे। बनावटी मतदान में कस्बे की महिलाओं व छात्रों ने विशेष रूचि दिखाई।
क्या है वीवीपीएटी पद्घति
वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) यह एक ऎसी अत्याधुनिक प्रणाली से तैयार की गई मशीनें हैं जिनमें ईवीएम के साथ प्रिंटर व डिसप्ले यूनिट जुड़ी हुई है। इस पद्घति से मतदान होने पर मतदाता को डिसप्ले में यह पता चल जाएगा कि उसने जो बटन दबाएं हैं वह उसी उम्मीद्वार व उसके उसके चुनाव चिह्न को दिए गए वोट हैं। इसमें एक पर्ची भी साथ में बैलेट बॉक्स में प्रिंटर से ऑटोमेटिक डलेगी। जो कभी भी मतदान के विवाद की स्थिति में निर्णायक होगी। विवाद होने पर ईवीएम एवं इन पर्चियों का मिलान किया जाएगा। यह प्रयोग फिल्हाल देश के पांच अलग-अलग वातावरण के क्षेत्र में किया जा रहा है। जैसलमेर को देश का सबसे गर्म इलाका मानते हुए शनिवार को मॉक पोल इन्हीं मशीनों के जरिए कराया गया।
जैसलमेर। शहर में शनिवार को हुए "नकली" मतदान को लेकर आमजन के बजाय छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला। आमतौर पर होने वाले चुनावो की तरह इस बार मतदाताओं को बूथ तक लाने की भले ही जद्दोजहद नहीं थी, लेकिन संबंधित बूथ क्षेत्र के स्कूली विद्यार्थियो को बुलाने से पोलिंग अधिकारियो को कुछ राहत मिली।
"पत्रिका" टीम ने शनिवार को जैसलमेर मे विभिन्न पोलिंग बूथों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। सुबह सुहाना मौसम, दोपहर में गर्मी और उमस के बीच जैसलमेर मे नई वोटिंग मशीनो का "भाग्य" तय करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियो व जनप्रतिनिधियो की ओर से की मतदाताओं के नाम की गई अपील काम नहीं आई। इस चुनाव मे सबसे ज्यादा उत्साहित वे स्कूली छात्र-छात्राएं नजर आ रहे थे, जिन्होने प हली बार ईवीएम मशीन मे वोट दिया।
लक्ष्य हासिल करने मे आया पसीना
पत्रिका टीम ने मतदान के दौरान पोलिंग बूथो का जायजा लिया। बूथो पर नियुक्त कार्मिक अपनी परेशानी बयां करने से खुद को रोक नहीं पाए। उनका कहना था कि 1000 मतदान करवाने का लक्ष्य हासिल करने मे उन्हे मशक्कत करनी पड़ रही है। हार या जीत का मुद्दा नहीं होने से लोगो मे भी रूझान देखने को नहीं मिल रहा। जनभागीदारी व राजनीतिक दलों के कम उत्साह को देखते हुए उन्हे परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सुबह 10 बजे तक गल्र्स स्कूल बूथ पर 150 व अमरशहीद सागरमल गोपा स्कूल बूथ पर 180 मत पड़ चके थे।
कुछ परेशानी, बाकी राहत
मतदान बूथो पर 1000 लोगो का मतदान कराने का लक्ष्य पूरा करने के लिए अलग-अलग बूथो पर कई जतन देखने को मिले। गल्र्स स्कूल बूथ पर केवल छात्राएं ही नजर आ रही थी, वहीं जनभागीदारी कम देखने को मिल रही थी। बूथ के बाहर नमकीन-बिस्किट की मनुहार कर मतदाताओ को वोट देने के लिए आग्रह किया जा रहा था। इस अनूठे चुनाव मे मतदान बूथो पर ड्यूटी दे रहे लोगो के लिए काफी राहत रही।
चांधन में दो बूथ
चांधन. बनावटी मतदान प्रक्रिया मे चांधन ग्राम पंचायत क्षेत्र के मतदाताओं ने उत्साह से भाग लिया। मतदान के लिए कस्बे के राजकीय उच्च माघ्यमिक विद्यालय परिसर मे दो बूथ स्थापित किए गए। दोनों बूथ पर दिन भर मतदातों की लम्बी कतार देखने को मिली। मतदान सुचारू हो इसके लिए प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था की। चांधन पटवारी, बीएलओ, सरपंच व विद्यालय के छात्र दिन भर प्रयास करते रहे। मतदान दल के सदस्य व पीठासीन अधिकारी लोगों को वोट दिलवाने के साथ साथ पूरी प्रक्रिया की जानकारी देते रहे। बनावटी मतदान में कस्बे की महिलाओं व छात्रों ने विशेष रूचि दिखाई।
क्या है वीवीपीएटी पद्घति
वोटर वेरीफाइबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) यह एक ऎसी अत्याधुनिक प्रणाली से तैयार की गई मशीनें हैं जिनमें ईवीएम के साथ प्रिंटर व डिसप्ले यूनिट जुड़ी हुई है। इस पद्घति से मतदान होने पर मतदाता को डिसप्ले में यह पता चल जाएगा कि उसने जो बटन दबाएं हैं वह उसी उम्मीद्वार व उसके उसके चुनाव चिह्न को दिए गए वोट हैं। इसमें एक पर्ची भी साथ में बैलेट बॉक्स में प्रिंटर से ऑटोमेटिक डलेगी। जो कभी भी मतदान के विवाद की स्थिति में निर्णायक होगी। विवाद होने पर ईवीएम एवं इन पर्चियों का मिलान किया जाएगा। यह प्रयोग फिल्हाल देश के पांच अलग-अलग वातावरण के क्षेत्र में किया जा रहा है। जैसलमेर को देश का सबसे गर्म इलाका मानते हुए शनिवार को मॉक पोल इन्हीं मशीनों के जरिए कराया गया।
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