मंगलवार, 14 अगस्त 2012

विदेशी बैंकों में जमा राहुल गांधी का काला धन: जेठमलानी

 

नई दिल्‍ली. सीनियर वकील, भाजपा नेता और रामदेव समर्थक राम जेठमलानी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मंगलवार को बाबा रामदेव के मंच से उन्‍होंने काला धन के मसले पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कहा, 'इस सरकार में अधिकतर ऐसे हैं जिनका काला धन विदेशी बैंकों में जमा है। इनमें राहुल गांधी भी शामिल हैं। यदि उन्‍हें मेरे खिलाफ मुकदमा करना है तो करें। कांग्रेस पार्टी अपने उन नेताओं के नाम छुपाना चाहती है जिनका काला धन विदेशों में जमा है।'
केंद्र सरकार को समर्थन देते हुए रामदेव के आंदोलन का भी समर्थन करने वाले सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्‍होंने कहा, 'काले धन पर सरकार की कोशिश दिख नहीं रही है।' हालांकि सरकार का कहना है कि वह इस मसले पर बहस के लिए तैयार है।
मंगलवार को अनशन खत्‍म करने से पहले बाबा रामदेव ने भी अंबेडकर स्‍टेडियम में पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधा। उन्‍होंने सोनिया को सरकार का रिमोट कंट्रोल बताते हुए कहा, 'इस सरकार के गृह मंत्री सुशील हैं। उन्‍हें मैडम जो कहती हैं, वह करना पड़ता है।' रामदेव ने समर्थकों को संबोधित करते हुए भ्रष्‍टाचार, काला धन और महंगाई के लिए कांग्रेस को जिम्‍मेदार ठहराया। सरकार देश की जनता और संसद का विश्‍वास खो चुकी है। काले धन के मसले पर सोमवार को यदि संसद में वोटिंग होती तो सरकार गिर सकती थी।

रामदेव ने दावा किया कि उनका आंदोलन सफल रहा क्‍योंकि किसी आंदोलन की सफलता का पैमाना सरकार नहीं बल्कि जनता होती है। उन्‍होंने कहा कि उनके आंदोलन को कांग्रेस छोड़कर अन्‍य सभी पार्टियों और पूरे देश की जनता का समर्थन मिला। हालांकि अन्‍य पार्टियों में भी ऐसे लोग हैं जिनकी ब्‍लैक मनी विदेशों में जमा है लेकिन कांग्रेस दुनिया की सबसे भ्रष्‍ट पार्टी है। उन्‍होंने कहा, '2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हराना है। हम इस चुनाव में कांग्रेस के एक भी सांसद को जीतकर संसद नहीं आने देंगे। किस पार्टी को जिताना है, यह हम अभी नहीं बताएंगे लेकिन चुनाव से पहले जरूर बता देंगे। कांग्रेस को हमने बदनाम नहीं किया है बल्कि वह अपने कर्मों, अपने पापों से बदनाम हुई है।'

केंद्र सरकार ने काले धन पर श्‍वेत पत्र नहीं 'झूठ पत्र' दिया है। उन्‍होंने कहा, 'हम भीख नहीं देश का हक मांग रहे हैं। हम अलग राष्‍ट्र नहीं मांग रहे हैं। कांग्रेस हमारे आंदोलन का समर्थन क्‍यों नहीं करती है? कांग्रेस के राज में गरीब और गरीब हुआ है। रामदेव ने सोनिया का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन इतना जरूर कहा, 'कहने को देश के गृह मंत्री सुशील शिंदे हैं लेकिन वह मैडम के रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। वैसे सुशील शिंदे पी चिदंबरम की तरह क्रूर नहीं हैं।'

मनमोहन पर निशाना साधते हुए रामदेव ने कहा, 'पीएम को 15 अगस्‍त को लाल किले से जवाब देना होगा कि उन्‍होंने काले धन और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ क्‍या कार्रवाई की है। यदि पीएम जवाब नहीं देते तो यह देश उन्‍हें उतना ही गुनहगार मानेगा जितना भ्रष्‍टाचार करने वाला गुनहगार है। हम चाहते तो पीएम को लाल किले पर तिरंगा फहराने से रोक सकते थे। पीएम सरदार तो हैं लेकिन असरदार नहीं दिख रहे हैं। मनमोहन सिंह को राष्‍ट्र धर्म के साथ सिख धर्म भी निभाना होगा। कांग्रेस ने शहीदों के खून का अपमान किया है यदि मनमोहन सिंह शहीदों का सम्‍मान करते हैं तो आपको जवाब देना ही होगा।'
राहुल गांधी ने रामदेव पर किसी तरह की टिप्‍पणी करने से इनकार कर दिया है। उन्‍होंने बस इतना ही कहा, 'मेरे पास रामदेव से ज्‍यादा और भी गंभीर मुद्दे हैं।' लेकिन बाबा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने कहा कि काला धन के मसले पर सरकार जरूरी कदम उठा रही है। यह कहना कि सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई है, उचित नहीं है। यूपीए-2 की सरकार ने काले धन, चाहे वो देश के अंदर हो या बाहर, को उजागर करने की दिशा में सबसे अधिक कार्रवाई की है। तिवारी ने रामदेव के मंच पर सोमवार को बीजेपी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी समेत एनडीए के कई नेताओं की मौजूदगी पर भी चुटकी ली। उन्‍होंने कहा, 'जो कल आंदोलन में शामिल हुए, उनके बारे में मैं यह कहना चाहता हूं कि दूसरों की बैसाखियों पर सियासत नहीं होती बल्कि खुद के कंधे मजबूत करने होते हैं। काले धन के मसले पर बीते तीन सालों में जितनी कार्रवाई की गई है, उतनी कारवाई किसी सरकार के कार्यकाल में नहीं हुई। एनडीए नेताओं को दूसरे के घरों पर पत्‍थर फेंकने से पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।'

यह पूछे जाने पर कि अब जब रामदेव ने अनशन खत्‍म कर दिया है तो सरकार ने राहत की सांस ली होगी, कांग्रेस प्रवक्‍ता ने कहा, 'जहां तक इस आंदोलन का सवाल है तो देश में लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने का सभी को हक है। लेकिन काले धन पर सरकार की तरफ से लाए गए श्‍वेत पत्र का यदि ध्‍यान से अध्‍ययन किया गया होता तो ऐसे आंदोलन की जरूरत ही नहीं पड़ती।'

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