कलक्टरों से सीधे मांगी रिपोर्ट
जयपुर। राजधानी में बाढ़ जैसे हालात झेल रहे इलाकों का दौरा करने के बाद राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने सभी प्रभावित जिलों के कलक्टरों से सीधे रिपोर्ट मांगी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक जयपुर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, धौलपुर, दौसा, करौली व सवाईमाधोपुर जिले में मोटे तौर पर नुकसान के बारे में पूछा गया है।
पता चला है कि रिपोर्ट आना शुरू भी हो गया है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि राज्यपाल ने अपने स्तर पर रिपोर्ट मंगवाई है या केन्द्र सरकार के निर्देश पर और रिपोर्ट दिल्ली भेजी जाएगी या नहीं। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल प्रभावित जिलों के दौरे पर भी जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि जयपुर दौरे में राज्यपाल ने जहां अफसरों को फटकार लगाई थी वहीं कोटा पहुंचकर अवैध कालोनियों के लिए अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया था।
सीएम बोले, बाढ़ नहीं अतिवृष्टि
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि राज्य में कहीं भी बाढ़ नहीं है, अतिवृष्टि से निचले इलाकों में पानी भरा है। यहां जेडीए के पौधरोपण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया ने हालात को बढ़ा-चढ़ाकर ऎसे पेश किया है, मानो आधा जयपुर डूब गया, बाढ़ आ गई हो, जबकि यह अतिवृष्टि है। सब शहर में आ-जा रहे हैं, बाढ़ जैसी बात कहां है।
नेतृत्व पर सवाल-भाजपा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल के इस कदम से राज्य की राजनीतिक सत्ता के नेतृत्व पर सवाल उठता है। इससे लगता है कि केंद्र को अपनी ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, वहीं नेतृत्व परिवर्तन की आहट भी सुनाई देती है। राष्ट्रपति शासन में जरूर राज्यपाल सीधे रिपोर्ट मंगवाते हैं, मगर सामान्य परिस्थितियों में नहीं। उन्होंने राज्यपाल का आभार जताया कि संवैधानिक पद पर होते हुए भी वे जनता के बीच जा रही हैं।
राज्यपाल संवैधानिक संस्था है। संवेदनशील होने के कारण उन्होंने कलक्टरों से रिपोर्ट मंगवाई है। इस पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार व संगठन प्रभावितों की दिन-रात मदद कर रहे हैं। चन्द्रभान, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
राजभवन सचिवालय का देर रात इनकार
राज्यपाल के कलक्टरों से रिपोर्ट मंगवाने को लेकर बने राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात राज्यपाल के प्रमुख सचिव ए.मुखोपाध्याय ने रिपोर्ट मंगवाने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मुझे ऎसे कोई निर्देश नहीं मिले हैं और सामान्यत: रिपोर्ट मंगवाने जैसा काम राज्यपाल सचिवालय के जरिए ही होता है।
जयपुर। राजधानी में बाढ़ जैसे हालात झेल रहे इलाकों का दौरा करने के बाद राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने सभी प्रभावित जिलों के कलक्टरों से सीधे रिपोर्ट मांगी है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक जयपुर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, धौलपुर, दौसा, करौली व सवाईमाधोपुर जिले में मोटे तौर पर नुकसान के बारे में पूछा गया है।
पता चला है कि रिपोर्ट आना शुरू भी हो गया है। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि राज्यपाल ने अपने स्तर पर रिपोर्ट मंगवाई है या केन्द्र सरकार के निर्देश पर और रिपोर्ट दिल्ली भेजी जाएगी या नहीं। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल प्रभावित जिलों के दौरे पर भी जा सकती हैं। उल्लेखनीय है कि जयपुर दौरे में राज्यपाल ने जहां अफसरों को फटकार लगाई थी वहीं कोटा पहुंचकर अवैध कालोनियों के लिए अफसरशाही को जिम्मेदार ठहराया था।
सीएम बोले, बाढ़ नहीं अतिवृष्टि
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि राज्य में कहीं भी बाढ़ नहीं है, अतिवृष्टि से निचले इलाकों में पानी भरा है। यहां जेडीए के पौधरोपण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय मीडिया ने हालात को बढ़ा-चढ़ाकर ऎसे पेश किया है, मानो आधा जयपुर डूब गया, बाढ़ आ गई हो, जबकि यह अतिवृष्टि है। सब शहर में आ-जा रहे हैं, बाढ़ जैसी बात कहां है।
नेतृत्व पर सवाल-भाजपा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने पत्रकारों से कहा कि राज्यपाल के इस कदम से राज्य की राजनीतिक सत्ता के नेतृत्व पर सवाल उठता है। इससे लगता है कि केंद्र को अपनी ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर भरोसा नहीं है, वहीं नेतृत्व परिवर्तन की आहट भी सुनाई देती है। राष्ट्रपति शासन में जरूर राज्यपाल सीधे रिपोर्ट मंगवाते हैं, मगर सामान्य परिस्थितियों में नहीं। उन्होंने राज्यपाल का आभार जताया कि संवैधानिक पद पर होते हुए भी वे जनता के बीच जा रही हैं।
राज्यपाल संवैधानिक संस्था है। संवेदनशील होने के कारण उन्होंने कलक्टरों से रिपोर्ट मंगवाई है। इस पर भाजपा को राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार व संगठन प्रभावितों की दिन-रात मदद कर रहे हैं। चन्द्रभान, अध्यक्ष, प्रदेश कांग्रेस
राजभवन सचिवालय का देर रात इनकार
राज्यपाल के कलक्टरों से रिपोर्ट मंगवाने को लेकर बने राजनीतिक घटनाक्रम के बीच देर रात राज्यपाल के प्रमुख सचिव ए.मुखोपाध्याय ने रिपोर्ट मंगवाने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मुझे ऎसे कोई निर्देश नहीं मिले हैं और सामान्यत: रिपोर्ट मंगवाने जैसा काम राज्यपाल सचिवालय के जरिए ही होता है।
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