विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यावरण और जीवनशैली में आ रहे बदलावों का प्रतिकूल प्रभाव इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिससे हाल के सालों में पुरुषों में नपुंसकता के मामलों में इजाफा हुआ है।पुरुष नपुंसकता (एंड्रालाजी) के मामलों से जुड़े संस्थान अंकुर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के डॉ.एस एस वासन ने कहा कि.तेजी से विकसित हो रहे समाज में जहां तनाव और प्रदूषण में इजाफा हुआ है, वहीं धूम्रपान और मद्यपान जैसी आदतों ने भी लोगों के बीच तेजी से अपनी जगह बनाई है। इन सब कारणों की वजह से पिछले पांच वषरें में पुरुष नपुंसकता के मामलों में खासी तेजी देखने में आई है।
डॉ वासन ने बताया कि बांझपन के कुल मामलों में से तीस फीसदी महिलाओं से जुड़े होते हैं, जबकि इतनी ही संख्या में पुरुष भी इससे प्रभावित होते हैं। शेष मामलों में या तो दोनों दंपत्ति ही इससे प्रभावित रहते हैं अथवा कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिनकी स्पष्ट व्याख्या चिकित्सकों के पास भी उपलब्ध नहीं होती।
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