बाड़मेर: राजस्थान का सीमावर्ती बाड़मेर जिला नकली नोटों का प्रमुख केन्द्र बन गया है। जिले के ग्रामीण इलाकों सहित जालोर, सिरोही तथा पड़ोसी राज्य गुजरात के हिम्मतनगर, दीसा, मेहसाणा इत्यादि स्थानों पर नकली नोटों का प्रचलन ज्यादा है। राज्य की खुफिया एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि ग्राहकों को परेशानी से बचाने के लिए विभिन्न बैंक संदेह के आधार पर रोजाना हजारों रुपयों के कथित नकली नोट नष्ट करवा रहे हैं।
खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जाली नोटों की सर्वाधिक खेप सीमा पार से बाड़मेर क्षेत्र में आती है। पहले पांच सौ और एक हजार रुपए के नकली नोटों की खेप आती थी। इस बार सौ-सौ रुपए के जाली नोटों की बड़ी खेप बाड़मेर आने की सूचना है। राजस्थान पुलिस की ओर से आर्थिक एवं विशेष अपराधों की रोकथाम के लिए गठित स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के उच्चाधिकारियों का कहना है कि राज्य में बाड़मेर जाली नोटों के कारोबारियों का प्रमुख केन्द्र है। सीमा पार से इस रास्ते बड़े पैमाने पर जाली नोट आ रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश से भी जाली नोटों की खेप आती है।
सूत्रों के अनुसार, नकली करेंसी देहात क्षेत्रों में चलाने के लिए भेजी जाती है। जाली नोटों की समस्या से निपटने के लिए विशेष दल गठित किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को जाली नोटों की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा राज्य की समस्त 302 करेंसी चेस्ट में नकली नोटों की पहचान के लिए शार्टिग मशीनें लगाई गई हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित थार एक्सप्रेस में भी कई मर्तबा नकली नोट आने के मामले प्रकाश में आए हैं।
भारत के मुनावाब रेलवे स्टेशन पर मनी एक्सचेंज काउंटर स्थापित है और वहां नकली नोट के पहचान के लिए मशीन भी लगी हुई है। पाकिस्तान में खोखरापार जीरो लाइन स्थित प्लेटफॉर्म पर मनी एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिए कराची में मनी एक्सचेंज काउंटर लगा हुआ है। मुनावाब में जाली नोटों के साथ पकड़े गए कई आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें नकली नोट कराची काउंटर से थमाए गए। मुनावाब रेलवे स्टेशन पर कस्टम तथा आव्रजन विभाग द्वारा यात्रियों की जांच के दौरान नकली नोट की बरामदगी के कई मामले पकड़े गए हैं, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों की सक्रियता और नकली नोटों का प्रचलन अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं माना जाता। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इन्टर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) सिन्ध प्रान्त से राजस्थान के बाड़मेर तथा जैसलमेर और गुजरात के भुज इलाके से लगती सीमा के आसपास भारी मात्रा में हेरोइन तथा नकली नोटों की खेप एकत्र कर उन्हें भारतीय सीमा में भेजने की फिराक में है। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान से लगती सीमा पर तारबंदी तथा रक्षा और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के बाद आईएसआई भुज में तारबंदी विहीन क्षेत्र से इन्हें अपने संपर्क सूत्रों के जरिए भारतीय सीमा में भिजवाने का प्रयास कर रही है। सूत्रों का कहना है कि हाल ही पकड़े गए संदेशों से खुलासा हो रहा है कि सीमा पार से भुज क्षेत्र से खेप भिजवाने के लिये स्थानीय तस्करों से संपर्क साधा गया है। बताया जाता है कि पाकिस्तानी रेंजर्स भी इन प्रयासों में आईएसआई की पूरी मदद कर रहे हैं।
जैसलमेर और बाड़मेर सीमा पर ऐसे कई गांव और ढाणियां हैं, जहां रहने वाले तस्करों के आईएसआई से संपर्क हैं, लेकिन कतिपय कारणों से इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि भारतीय सीमा के आसपास स्थित करीब एक दर्जन गांव और ढाणियों तथा इतने ही उस पार (पाकिस्तान) स्थित गांवों में तस्कर सक्रिय हैं, जहां हथियार, नकली नोट और मादक पदार्थों को छुपा कर रखा जाता है तथा तस्करी के लिए मौके की तलाश रहती है। इन दिनों पाकिस्तानी तस्कर फोरिया और अलिया सुरक्षा बलों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनके कई बार घुसपैठ करने और वापस चले जाने की सूचनाएं भी हैं, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ पाते। इसी तरह हलिया तथा नबीया भी सीमा प्रहरियों के लिए चिन्ता व परेशानी का कारण बने हुए हैं। हालांकि नबीया जेल में है, लेकिन उसके उस पार पुराने संपर्क सूत्र बताए जाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से भारतीय सीमा के बहुत करीब बसे कुछ गांव और ढाणियों के वाशिंदों को अन्यत्र विस्थापित करने के लिए सुरक्षा बलों ने उच्च स्तर पर पत्र व्यवहार किया, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बाड़मेर सेक्टर के उपमहानिरीक्षक (आईजी) स्वीकार करते हैं कि ठेठ सीमा के निकट बढ़ती आबादी सुरक्षा के लिहाज से चिन्ताजनक है और इस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा जा रहा है।
खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जाली नोटों की सर्वाधिक खेप सीमा पार से बाड़मेर क्षेत्र में आती है। पहले पांच सौ और एक हजार रुपए के नकली नोटों की खेप आती थी। इस बार सौ-सौ रुपए के जाली नोटों की बड़ी खेप बाड़मेर आने की सूचना है। राजस्थान पुलिस की ओर से आर्थिक एवं विशेष अपराधों की रोकथाम के लिए गठित स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के उच्चाधिकारियों का कहना है कि राज्य में बाड़मेर जाली नोटों के कारोबारियों का प्रमुख केन्द्र है। सीमा पार से इस रास्ते बड़े पैमाने पर जाली नोट आ रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश से भी जाली नोटों की खेप आती है।
सूत्रों के अनुसार, नकली करेंसी देहात क्षेत्रों में चलाने के लिए भेजी जाती है। जाली नोटों की समस्या से निपटने के लिए विशेष दल गठित किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को जाली नोटों की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि, रिजर्व बैंक द्वारा राज्य की समस्त 302 करेंसी चेस्ट में नकली नोटों की पहचान के लिए शार्टिग मशीनें लगाई गई हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित थार एक्सप्रेस में भी कई मर्तबा नकली नोट आने के मामले प्रकाश में आए हैं।
भारत के मुनावाब रेलवे स्टेशन पर मनी एक्सचेंज काउंटर स्थापित है और वहां नकली नोट के पहचान के लिए मशीन भी लगी हुई है। पाकिस्तान में खोखरापार जीरो लाइन स्थित प्लेटफॉर्म पर मनी एक्सचेंज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यात्रियों की सुविधा के लिए कराची में मनी एक्सचेंज काउंटर लगा हुआ है। मुनावाब में जाली नोटों के साथ पकड़े गए कई आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें नकली नोट कराची काउंटर से थमाए गए। मुनावाब रेलवे स्टेशन पर कस्टम तथा आव्रजन विभाग द्वारा यात्रियों की जांच के दौरान नकली नोट की बरामदगी के कई मामले पकड़े गए हैं, लेकिन यह सिलसिला थमा नहीं है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों की सक्रियता और नकली नोटों का प्रचलन अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं माना जाता। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इन्टर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) सिन्ध प्रान्त से राजस्थान के बाड़मेर तथा जैसलमेर और गुजरात के भुज इलाके से लगती सीमा के आसपास भारी मात्रा में हेरोइन तथा नकली नोटों की खेप एकत्र कर उन्हें भारतीय सीमा में भेजने की फिराक में है। सूत्रों का कहना है कि राजस्थान से लगती सीमा पर तारबंदी तथा रक्षा और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के बाद आईएसआई भुज में तारबंदी विहीन क्षेत्र से इन्हें अपने संपर्क सूत्रों के जरिए भारतीय सीमा में भिजवाने का प्रयास कर रही है। सूत्रों का कहना है कि हाल ही पकड़े गए संदेशों से खुलासा हो रहा है कि सीमा पार से भुज क्षेत्र से खेप भिजवाने के लिये स्थानीय तस्करों से संपर्क साधा गया है। बताया जाता है कि पाकिस्तानी रेंजर्स भी इन प्रयासों में आईएसआई की पूरी मदद कर रहे हैं।
जैसलमेर और बाड़मेर सीमा पर ऐसे कई गांव और ढाणियां हैं, जहां रहने वाले तस्करों के आईएसआई से संपर्क हैं, लेकिन कतिपय कारणों से इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि भारतीय सीमा के आसपास स्थित करीब एक दर्जन गांव और ढाणियों तथा इतने ही उस पार (पाकिस्तान) स्थित गांवों में तस्कर सक्रिय हैं, जहां हथियार, नकली नोट और मादक पदार्थों को छुपा कर रखा जाता है तथा तस्करी के लिए मौके की तलाश रहती है। इन दिनों पाकिस्तानी तस्कर फोरिया और अलिया सुरक्षा बलों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनके कई बार घुसपैठ करने और वापस चले जाने की सूचनाएं भी हैं, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ पाते। इसी तरह हलिया तथा नबीया भी सीमा प्रहरियों के लिए चिन्ता व परेशानी का कारण बने हुए हैं। हालांकि नबीया जेल में है, लेकिन उसके उस पार पुराने संपर्क सूत्र बताए जाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा कारणों से भारतीय सीमा के बहुत करीब बसे कुछ गांव और ढाणियों के वाशिंदों को अन्यत्र विस्थापित करने के लिए सुरक्षा बलों ने उच्च स्तर पर पत्र व्यवहार किया, लेकिन अभी तक इस बारे में कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के बाड़मेर सेक्टर के उपमहानिरीक्षक (आईजी) स्वीकार करते हैं कि ठेठ सीमा के निकट बढ़ती आबादी सुरक्षा के लिहाज से चिन्ताजनक है और इस बारे में उच्च अधिकारियों को पत्र भी लिखा जा रहा है।
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