बाड़मेर जैसलमेर में जश्ने ईद की धूम,ईदगाहों में रौनक
बाड़मेर । रमजान माह के पूरे होने पर सोमवार को ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद देशभर में धूमधाम से मनाई गई । अकीदतमंद नमाज अदा करने के लिए ईदगाहों में जुटने लगे हैं। बाड़मेर में हज़ारो नमाजियों के सर खुदा के सजदे में झुके .बाड़मेर में नै ईदगाह में नए-नए कपड़ों में सजे-धजे मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग विभिन्न मस्जिदों में एकत्र हुए। हर तरफ "ईद मुबारक" का स्वर ही सुनाई दे रहा था। शहर की ऎतिहासिक जामा मस्जिद आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। ईद मुबारक की गूंज पूरे वातावरण में फैल गई। जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ,विधायक मेवाराम जैन ,भाजपा नेत्री प्रियंका चौधरी ने ईदगाह में उपस्थित रहकर ईद की मुबारकबाद दी.वही जैसलमेर में ईद गाह में सांसद हरीश चौधरी ,जिला कलेक्टर सूचि त्यागी ,पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ,प्रधान मूलाराम ,सहित जनप्रतिनिधियों ने ईद की मुबारकबाद दी
असम में हिंसा तथा बेंगलूरू, हैदराबाद और पुणे से पूर्वोत्तर के हजारों लोगों के पलायन की रपटों के बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि लोगों को भ्रम का शिकार नहीं होना चाहिए और शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों से अपील कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और जहां भी हैं, वहां शांति और सद्भाव बनाए रखें।
ईद के दिन बाजारों में काफी रौैनक रही। हर तरफ लोग कपड़े, बर्तन और फल खरीदते नजर आए। जामा मस्जिद के नजदीक उर्दू बाजार के निवासी सईद मेहदी ने कहा कि हम नमाज अदा कर लौट आए हैं। अब हमें अपने मित्रों और परिजनों को पारम्परिक पकवान भेंट करेंगे। उपहारों का भी आदान-प्रदान किया जाएगा और फिर पारिवारिक दावत होगी। सेवईयां, फिरनी, बिरयानी, कबाब और अन्य कई व्यंजन ईद के अवसर पर खास तौर पर बनाए जाते हैं। इस अवसर पर बच्चों को अपने बड़ों से प्यार के रूप में मिलने वाली "ईदी" का खास इंतजार रहता है। जिसमें उन्हें प्राय:तर पैसे दिए जाते हैं। शाम के वक्त जामा मस्जिद को रोशनी से सजाया जाएगा।
असम में शांति के लिए नमाज
असम में सोमवार को राज्यभर की मस्जिदों में हजारों लोगों ने नमाज-ए-ईद अदा कर अमन की दुआ मांगी। संकटग्रस्त कोकराझार, चिराग और धुबरी जिलों में भी ईद की नमाज अदा की गई, जहां जातीय हिंसा में 77 लोग मारे जा चुके हैं और चार लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं। हजारों मुसलमानों ने ईदगाहों, मस्जिदों और खुले मैदानों में विशेष नमाज अदा की और असम में, खासतौर से बोडोलैंड टेरीटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) में शांति के लिए दुआ मांगी। 2011 की जनगणना के अनुसार, असम की कुल आबादी का 31.3 प्रतिशत मुसलमान हैं और असम के मुख्य शहर गुवाहाटी में 300 से अधिक मस्जिदें हैं।
जयपुर में हिलाल कमेटी की रविवार शाम को जौहरी बाजार जामा मस्जिद में हुई बैठक में चांद दिखाई देने पर ईद का ऎलान किया गया। कमेटी के संयोजक चीफ काजी खालिद उस्मानी की अगुवाई में चली बैठक में शहर मुफ्ती हकीम अहमद हसन, मुफ्ती अमजद अली समेत अनेक इस्लामी विद्वानों ने हिस्सा लिया। दिल्ली बाईपास स्थित ईदगाह में मुख्य नमाज चीफ काजी खालिद उस्मानी प्रात: 9.15 बजे अदा कराई। मुफ्ती जाकिर और मुफ्ती महफूज की तकरीर के बाद शहर मुफ्ती अहमद हसन रमजान की अहमियत बयान की।
अजमेर में भी ईद का जश्न मनाया जा रहा है। ईद के मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा सोमवार तड़के खोल दिया गया जो दोपहर ढाई बजे तक खुला रहेगा। दरगाह में अकीदतमंदों की भीड़ जुटी है तथा लोग अमन चैन की दुआ मांग रहे हैं।
बाजारों में उतरी ईद की रौनक
जामा मस्जिद से ईद का ऎलान होते ही चांद रात में रविवार रात को राजधानी के बाजारों में लोगों का रैला उमड़ पड़ा। चारदीवारी में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बाजारों में रात 8 से मध्यरात्रि दो बजे तक पैर रखने की जगह नहीं थी। हर दुकान पर लोगों की भीड़ थी। बाजार और फुटपाथ ठसाठस थे। बाजारों में भीड़ के मद्देनजर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी। सबसे ज्यादा रौनक रामगंज व घाटगेट बाजार में नजर आई, जहां बुरकानशीन महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी मौजूद थे। बापू बाजार, दड़ा बाजार, मोतीडूंगरी रोड पर भी लोगों ने खरीदारी की।
बाड़मेर । रमजान माह के पूरे होने पर सोमवार को ईद-उल-फितर यानी मीठी ईद देशभर में धूमधाम से मनाई गई । अकीदतमंद नमाज अदा करने के लिए ईदगाहों में जुटने लगे हैं। बाड़मेर में हज़ारो नमाजियों के सर खुदा के सजदे में झुके .बाड़मेर में नै ईदगाह में नए-नए कपड़ों में सजे-धजे मुस्लिम समुदाय के हजारों लोग विभिन्न मस्जिदों में एकत्र हुए। हर तरफ "ईद मुबारक" का स्वर ही सुनाई दे रहा था। शहर की ऎतिहासिक जामा मस्जिद आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। ईद मुबारक की गूंज पूरे वातावरण में फैल गई। जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ,विधायक मेवाराम जैन ,भाजपा नेत्री प्रियंका चौधरी ने ईदगाह में उपस्थित रहकर ईद की मुबारकबाद दी.वही जैसलमेर में ईद गाह में सांसद हरीश चौधरी ,जिला कलेक्टर सूचि त्यागी ,पुलिस अधीक्षक ममता राहुल ,प्रधान मूलाराम ,सहित जनप्रतिनिधियों ने ईद की मुबारकबाद दी
असम में हिंसा तथा बेंगलूरू, हैदराबाद और पुणे से पूर्वोत्तर के हजारों लोगों के पलायन की रपटों के बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि लोगों को भ्रम का शिकार नहीं होना चाहिए और शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए। उन्होंने मुसलमानों से अपील कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और जहां भी हैं, वहां शांति और सद्भाव बनाए रखें।
ईद के दिन बाजारों में काफी रौैनक रही। हर तरफ लोग कपड़े, बर्तन और फल खरीदते नजर आए। जामा मस्जिद के नजदीक उर्दू बाजार के निवासी सईद मेहदी ने कहा कि हम नमाज अदा कर लौट आए हैं। अब हमें अपने मित्रों और परिजनों को पारम्परिक पकवान भेंट करेंगे। उपहारों का भी आदान-प्रदान किया जाएगा और फिर पारिवारिक दावत होगी। सेवईयां, फिरनी, बिरयानी, कबाब और अन्य कई व्यंजन ईद के अवसर पर खास तौर पर बनाए जाते हैं। इस अवसर पर बच्चों को अपने बड़ों से प्यार के रूप में मिलने वाली "ईदी" का खास इंतजार रहता है। जिसमें उन्हें प्राय:तर पैसे दिए जाते हैं। शाम के वक्त जामा मस्जिद को रोशनी से सजाया जाएगा।
असम में शांति के लिए नमाज
असम में सोमवार को राज्यभर की मस्जिदों में हजारों लोगों ने नमाज-ए-ईद अदा कर अमन की दुआ मांगी। संकटग्रस्त कोकराझार, चिराग और धुबरी जिलों में भी ईद की नमाज अदा की गई, जहां जातीय हिंसा में 77 लोग मारे जा चुके हैं और चार लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं। हजारों मुसलमानों ने ईदगाहों, मस्जिदों और खुले मैदानों में विशेष नमाज अदा की और असम में, खासतौर से बोडोलैंड टेरीटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्ट्स (बीटीएडी) में शांति के लिए दुआ मांगी। 2011 की जनगणना के अनुसार, असम की कुल आबादी का 31.3 प्रतिशत मुसलमान हैं और असम के मुख्य शहर गुवाहाटी में 300 से अधिक मस्जिदें हैं।
जयपुर में हिलाल कमेटी की रविवार शाम को जौहरी बाजार जामा मस्जिद में हुई बैठक में चांद दिखाई देने पर ईद का ऎलान किया गया। कमेटी के संयोजक चीफ काजी खालिद उस्मानी की अगुवाई में चली बैठक में शहर मुफ्ती हकीम अहमद हसन, मुफ्ती अमजद अली समेत अनेक इस्लामी विद्वानों ने हिस्सा लिया। दिल्ली बाईपास स्थित ईदगाह में मुख्य नमाज चीफ काजी खालिद उस्मानी प्रात: 9.15 बजे अदा कराई। मुफ्ती जाकिर और मुफ्ती महफूज की तकरीर के बाद शहर मुफ्ती अहमद हसन रमजान की अहमियत बयान की।
अजमेर में भी ईद का जश्न मनाया जा रहा है। ईद के मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह स्थित जन्नती दरवाजा सोमवार तड़के खोल दिया गया जो दोपहर ढाई बजे तक खुला रहेगा। दरगाह में अकीदतमंदों की भीड़ जुटी है तथा लोग अमन चैन की दुआ मांग रहे हैं।
बाजारों में उतरी ईद की रौनक
जामा मस्जिद से ईद का ऎलान होते ही चांद रात में रविवार रात को राजधानी के बाजारों में लोगों का रैला उमड़ पड़ा। चारदीवारी में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बाजारों में रात 8 से मध्यरात्रि दो बजे तक पैर रखने की जगह नहीं थी। हर दुकान पर लोगों की भीड़ थी। बाजार और फुटपाथ ठसाठस थे। बाजारों में भीड़ के मद्देनजर सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही रोकनी पड़ी। सबसे ज्यादा रौनक रामगंज व घाटगेट बाजार में नजर आई, जहां बुरकानशीन महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी मौजूद थे। बापू बाजार, दड़ा बाजार, मोतीडूंगरी रोड पर भी लोगों ने खरीदारी की।
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