नई दिल्ली: रामलीला मैदान से निकलकर बाबा रामदेव एक गाड़ी की छत पर सवार होकर पुलिस बैरिकेडिंग के पास तक पहुंचे, जहां उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया और हिरासत में ले लिया गया। उनके तमाम समर्थकों को भी बसों में भरने का काम पुलिस ने आरंभ कर दिया है। वहीं बाबा रामदेव के सैकड़ों समर्थक बाबा रामदेव की बस के सामने बैठ गए हैं। और दिल्ली पुलिस को उन्हें हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें यहां से बवाना ले जाकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बाबा रामदेव को अपने समर्थकों के साथ संसद की मार्च करने की इजाजत नहीं दी थी, और एनडीएमसी इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी। वहीं, बाबा रामदेव के समर्थकों के लिए बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाया गया है।
इससे पहले, सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और जद (यू) प्रमुख शरद यादव भी रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के मंच पर पहुंचे। इससे पहले रामदेव ने कांग्रेस पर हमला बोला और लोगों से केंद्र की संप्रग सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
गडकरी और भाजपा नीत राजग के संयोजक यादव आज दिन में करीब 11:30 बजे रामलीला मैदान पहुंचे। राजग के नेता मंच पर बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ नजर आए। बाबा के मंच पर पहुंचने वालों में तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता नागेश्वर राव, भाजपा के विजय गोयल और अकाली दल के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। विपक्षी गठबंधन राजग के नेता रामलीला मैदान उस वक्त पहुंचे, जब रामदेव ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस को हराने का आह्वान किया।
इस मौके पर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार दिल्ली से लेकर अब गांव तक फैल गया है। शरद यादव ने कहा कि लंदन ओलिंपिक में पदक जीतने वाले अधिकतर लोग किसान के बेटे हैं।
भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कदम उठाने के लिए अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद केन्द्र सरकार की चुप्पी के बाद अपने तेवर कड़े करते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान में 9 अगस्त से अनशन पर बैठे बाबा रामदेव ने सोमवार को संसद के समक्ष धरने पर बैठ जाने का ऐलान किया था।
रामदेव ने केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए की प्रमुख घटक कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ाना चाहती है, और काले धन पर रोक नहीं लगाना चाहती। बाबा रामदेव ने अपने उद्बोधन में समर्थकों का आह्वान किया कि वे अब जाग जाएं और आगे की गतिविधि के लिए तैयार रहें। बाबा ने पहले किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि एक पार्टी ने अपने आप ही साबित कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ाना चाहती है, और काले धन पर रोक नहीं लगाना चाहती, इसीलिए अगले चुनाव में इसी पार्टी का विरोध भी करना है, लेकिन इसके तुरन्त बाद बाबा रामदेव ने नारा लगवाया, "कांग्रेस हटाओ, भ्रष्टाचार मिटाओ..."
इससे पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि रामलीला मैदान से उठने के बाद अब वह और कार्यकर्ता संसद का घेराव नहीं करेंगे, बल्कि संसद के समक्ष धरने पर बैठेंगे, और कुछ ही देर में संसद तक मार्च किया जाएगा। बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि संसद में कुछ सांसद ईमानदार और राष्ट्रभक्त हैं। उनका कहना था कि अब यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है और अब हम इस सरकार की तेरहवीं की तैयारी करेंगे। रामदेव ने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव जब भी होगा, यह आंदोलन इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि अगली बार एक भी बेईमान सांसद न चुना जा सके।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को बाबा रामदेव के अनशन का पांचवां दिन है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न आने के बाद रामदेव के मिजाज अब गर्म हो गए हैं।
रविवार को सरकार पर तीखे प्रहार करने के साथ-साथ रामदेव ने अब कांग्रेस के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया। रामदेव ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शाम पांच बजे तक का मौका दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने आज तक का वक्त दिया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्हें यहां से बवाना ले जाकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने बाबा रामदेव को अपने समर्थकों के साथ संसद की मार्च करने की इजाजत नहीं दी थी, और एनडीएमसी इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी। वहीं, बाबा रामदेव के समर्थकों के लिए बवाना स्टेडियम को अस्थायी जेल बनाया गया है।
इससे पहले, सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और जद (यू) प्रमुख शरद यादव भी रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के मंच पर पहुंचे। इससे पहले रामदेव ने कांग्रेस पर हमला बोला और लोगों से केंद्र की संप्रग सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
गडकरी और भाजपा नीत राजग के संयोजक यादव आज दिन में करीब 11:30 बजे रामलीला मैदान पहुंचे। राजग के नेता मंच पर बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के साथ नजर आए। बाबा के मंच पर पहुंचने वालों में तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के नेता नागेश्वर राव, भाजपा के विजय गोयल और अकाली दल के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। विपक्षी गठबंधन राजग के नेता रामलीला मैदान उस वक्त पहुंचे, जब रामदेव ने 2014 के चुनाव में कांग्रेस को हराने का आह्वान किया।
इस मौके पर मंच से लोगों को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार दिल्ली से लेकर अब गांव तक फैल गया है। शरद यादव ने कहा कि लंदन ओलिंपिक में पदक जीतने वाले अधिकतर लोग किसान के बेटे हैं।
भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ कदम उठाने के लिए अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद केन्द्र सरकार की चुप्पी के बाद अपने तेवर कड़े करते हुए दिल्ली के रामलीला मैदान में 9 अगस्त से अनशन पर बैठे बाबा रामदेव ने सोमवार को संसद के समक्ष धरने पर बैठ जाने का ऐलान किया था।
रामदेव ने केन्द्र में सत्तारूढ़ यूपीए की प्रमुख घटक कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ाना चाहती है, और काले धन पर रोक नहीं लगाना चाहती। बाबा रामदेव ने अपने उद्बोधन में समर्थकों का आह्वान किया कि वे अब जाग जाएं और आगे की गतिविधि के लिए तैयार रहें। बाबा ने पहले किसी भी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि एक पार्टी ने अपने आप ही साबित कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार को बढ़ाना चाहती है, और काले धन पर रोक नहीं लगाना चाहती, इसीलिए अगले चुनाव में इसी पार्टी का विरोध भी करना है, लेकिन इसके तुरन्त बाद बाबा रामदेव ने नारा लगवाया, "कांग्रेस हटाओ, भ्रष्टाचार मिटाओ..."
इससे पहले बाबा रामदेव ने कहा था कि रामलीला मैदान से उठने के बाद अब वह और कार्यकर्ता संसद का घेराव नहीं करेंगे, बल्कि संसद के समक्ष धरने पर बैठेंगे, और कुछ ही देर में संसद तक मार्च किया जाएगा। बाबा रामदेव ने यह भी कहा कि संसद में कुछ सांसद ईमानदार और राष्ट्रभक्त हैं। उनका कहना था कि अब यह सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है और अब हम इस सरकार की तेरहवीं की तैयारी करेंगे। रामदेव ने कहा कि अगला लोकसभा चुनाव जब भी होगा, यह आंदोलन इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि अगली बार एक भी बेईमान सांसद न चुना जा सके।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को बाबा रामदेव के अनशन का पांचवां दिन है, लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से किसी भी तरह की प्रतिक्रिया न आने के बाद रामदेव के मिजाज अब गर्म हो गए हैं।
रविवार को सरकार पर तीखे प्रहार करने के साथ-साथ रामदेव ने अब कांग्रेस के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया। रामदेव ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शाम पांच बजे तक का मौका दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने आज तक का वक्त दिया है।
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