मुंबई. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के मुखिया राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र विदेशियों और मुंबई बांग्लादेशियों का अड्डा बन गया है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुंबई के पुलिस कमिश्नर अरुप पटनायक ने आजाद मैदान में हिंसा करने वाले अपराधियों को छुड़वाया। महिला पुलिसकर्मियों पर अत्याचार हुआ, उन्हें पीटा गया। मोर्चा निकालने वाले हथियारों के साथ आए थे और पुलिस कमिश्नर को सब पहले से पता था। गृह मंत्री पाटिल पुलिसवालों को मार खाने पर मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा, 'बाबरी मस्जिद यूपी में गिरती है और मुंबई में दंगे होते हैं। लेकिन यूपी में जब बुद्ध की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो महाराष्ट्र के दलित नेता कुछ क्यों नहीं बोलते। मुझे यहां आने से रोका जा रहा था। बाकी नेता भड़काऊ भाषण देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती।'
ठाकरे ने 11 अगस्त को मुंबई में हुई हिंसा के विरोध और गृह मंत्री आरआर पाटील के इस्तीफे की मांग के समर्थन में गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक मोर्चा निकाला। राज ठाकरे ने भाषण के दौरान बांग्लादेश का एक पासपोर्ट दिखाया। उन्होंने दावा किया कि यह पासपोर्ट उन्हें 11 अगस्त को मुंबई में हुई हिंसा के दौरान मिला है। उन्होंने कहा, 'मेरा सिर्फ एक धर्म है और वह है महाराष्ट्र धर्म। मैं यहां पुलिसवालों और मीडियाकर्मियों का मनोबल ऊंचा करने यहां आया हूं। समुदाय विशेष को मुआवजा मिला, लेकिन पुलिसवालों को नहीं।'
पुलिस ने राज को सिर्फ रैली करने की इजाजत दी थी, मोर्चा निकालने की नहीं। लेकिन ठाकरे ने पुलिस की इजाजत को दरकिनार करते हुए एक विशाल रैली निकाली। ठाकरे ने धमकी भी दी थी कि अगर पुलिस ने मोर्चा रोकने का प्रयास किया, तो जो कुछ भी होगा उसके लिए वही जिम्मेदार होगी। मोर्चा निकालने के लिए करीब 30 हजार लोग जुटे। हालात बिगड़े नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए 15 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। इस रैली के कारण मुंबई की सड़कों पर दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
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