गुरुवार, 16 अगस्त 2012

पति का दिल नहीं पसीजा, अंदर तक हिलाने वाली घटना





रायपुर।शिकागो में काम करने वाले अपने साइंटिस्ट पति डॉ. विवेक मिश्रा के साथ रहने के सपने संजोए भारत से निकली 25 साल की पायल के साथ वहां जो कुछ हुआ, वह किसी को भी अंदर तक हिलाने के लिए काफी है। पति के साथ रहने का मतलब उसके लिए चार महीने तक घर और बाथरूम के अंदर बंद रहना था। डच्यूटी पर या बाहर जाने के पहले विवेक बाहर से ताला लगाकर रखता था। कई बार उसे पिटाई करने के बाद बाथरूम में घंटों बंद रखता था। वह रोती- गिड़गिड़ाती थी, पर पति का दिल नहीं पसीजता था। भाइयों ने भारत वापस बुलाने के लिए विमान का टिकट भेजा तो विवेक ने उसे रद्द कर कुछ दिन बाद का टिकट खरीदकर दिया। पर जाने के पहले शिकागो के अस्पताल ले जाकर जबर्दस्ती उसका गर्भपात करवा दिया। दिल और शरीर से टूट चुकी पायल को विमान में बैठा दिया गया। चार महीने के अंदर ही शादी के सपने टूट गए। जगदलपुर में रहने वाली पायल की पढ़ाई रायपुर में ही हुई है। पुलिस थाने में एफआईआर के 21 दिन बाद भी पति विवेक समेत किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से पायल टूटती जा रही है। उसका कहना है कि सारे दस्तावेज, सबूत देने के बाद भी अगर पुलिस इन लोगों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, तो क्या उम्मीद की जाए। सोमवार दोपहर को भास्कर से बातचीत के दौरान कई बार पायल का दिल भर आया। आवाज भर्रा गई। पायल ने कहा- 17 अक्टूबर 2011 को वह अमेरिका से दिल्ली पहुंची। उसके बाद से आज तक मेरे पति ने यह तक नहीं पूछा कि पायल तू जिंदा या मर गई। वह केवल एक ही सवाल पूछना चाहती है कि विवेक तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया। मेरे माता-पिता ने तो एनआरआई के लालच में शादी नहीं की थी। दोनों परिवार एक-दूसरे को दो पीढ़ियों से जानते थे। विवेक मेरे भाई का दोस्त भी था।उसके माता-पिता चार-पांच बार शादी का प्रस्ताव लेकर मेरे पापा के दफ्तर और घर आए। लड़का पढ़ा लिखा था। वे परिवार को सालों से जानते थे। अमेरिका पहुंचते ही विवेक की रंगत सामने आ गई।बात-बात में वह बिफर कर सामान फेंकने लगता था। उसके भाइयों को मारने की धमकी दी जाती थी। पति के अलावा ससुराल पक्ष के लोग भी उसे प्रताड़ित करते थे। पेंटिंग, डांस में निपुण पायल को आज भी यह सोचकर झुरझुरी आ जाती है, कि अगर उसके पड़ोस में रहने वाली महिला मदद नहीं करती, तो क्या होता।वह शायद शिकागो में ही मार दी जाती। महिला ने ही पायल के भाइयों को फोन पर सारी स्थिति बताई। सारी बातें पता चलने के बाद भी भाई इकलौती बहन का घर बचाने की कोशिश में लगे रहे। बहन को कुछ दिनों के लिए भारत भेजने के लिए टिकट भेजा, तो विवेक ने फोन पर भी उनके साथ गालीगलौज की।यल ने बताया कि गर्भपात के तीन दिन बाद ही विवेक ने बिना डॉक्टरों से कंसल्ट किए उसे इकानॉमी क्लास में 17 घंटे की उड़ान के लिए विमान में चढ़ा दिया। दिल्ली पहुंचने तक तो वह बेसुध सी हो रही थी। उसे अपना नाम तक याद नहीं आ रहा था। वह पति से रिश्ते ठीक करने के इंतजार में बीते अक्टूबर से अब तक रुकी रही। विवेक और उसके माता-पिता किसी की बात को ही सुनने तैयार नहीं हैं। उसने केस इसलिए किया कि अन्य दूसरी लड़की के साथ ऐसा न हो। पायल के परिजनों का कहना है कि इस केस को हाईकोर्ट में लेकर जाने के बारे में भी वकीलों से चर्चा की जा रही है। विवेक की कंपनी फ्रेंकलिन इंस्टीट्यूट के आला अफसर ने भी यह भरोसा दिलाया है, उसे न्याय दिलाने में पूरी मदद करेंगे।पायल की सास ललिता मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज-अमेरिका में रायपुर की पायल पाणिग्रही मिश्रा को बंधक बनाने वाले वैज्ञानिक डॉ. विवेक मिश्रा के परिवार की अग्रिम जमानत की अर्जी कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। आरोपी विवेक की मां ललिता मिश्रा की ओर से वकील द्वारा रायपुर के कोर्ट में यह अर्जी लगाई गई थी। ललिता मिश्रा ने जमानत आवेदन में कहा था कि वे ब्लड प्रेशर की मरीज हैं। गिरफ्तारी से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। गिरफ्तारी का उनकी नौकरी पर भी बुरा असर पड़ेगा। सत्र न्यायाधीश प्रज्ञा पचौरी ने आवेदन को खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि मामले की अभी जांच चल रही है और आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी भी नहीं हुई है। इसलिए इस मामले में अभी जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। न्यायालय ने इसे खारिज करते हुए उन्हें सरेंडर करने का आदेश दिया है। पुलिस अब भी विवेक और उसके परिवार वालों की तलाश में जुटी है। इस मामले में पुलिस ने सास ललिता मिश्रा, पायल के पति विवेक मिश्रा, विमल, सुप्रिया और कल्याणी मिश्रा को आरोपी बनाया है। एफआईआर के बाद से ये सारे आरोपी फरार हैं। उनकी खोजबीन के लिए कई टीमें बाहर भी भेजी गई हैं। इधर, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ढेर सारे सबूत भी जुटा लिए हैं। इसमें कई दस्तावेज और टेप शामिल हैं।

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