जैसलमेर.फिल्म निर्माताओं को अब जैसलमेर में शूटिंग की परमिशन के लिए इधर उधर चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जैसलमेर के पर्यटन स्थलों पर शूटिंग के लिए अब उन्हें पर्यटन आयुक्त से स्वीकृति लेनी पड़ेगी। वहां से स्वीकृति मिलते ही वे जैसलमेर में अपनी शूटिंग शुरू कर सकेंगे।
राजस्थान पर्यटन व्यवसाय अधिनियम 2010 के तहत पर्यटन आयुक्त सभी विभागों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। जहां पहले निर्माताओं को अलग अलग स्थानों के लिए संबंधित अधिकारियों से स्वीकृति लेनी पड़ती थी और इसके अलावा पहले जिला प्रशासन और बाद में जिला प्रशासन के माध्यम से स्वीकृति पत्र जयपुर जाता था, उसके बाद जाकर स्वीकृति मिलती थी।
जैसलमेर प्राइम लोकेशन के रूप में उभरा :
जैसलमेर के पर्यटन स्थल और यहां की विरासत फिल्म निर्माताओं के लिए प्राइम लोकेशन है। अब तक जैसलमेर में दर्जनों बॉलीवुड फिल्मों, एड फिल्मों, रीजनल फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। मुख्य रूप से रुदाली, टशन, सरफरोश, कृष्णा, कच्चे धागे तथा कोका कोला, बोरो प्लस, पेप्सी व हीरो होंडा जैसी कंपनियों की एड भी यहां हो चुकी है।
पिछले एक दो साल से शूटिंग पार्टियों का रुझान थोड़ा कम नजर आ रहा है, शायद इसका यही कारण है कि यहां स्वीकृति मिलना थोड़ा मुश्किल काम था। लेकिन अब उन्हें इस मुसीबत से छुटकारा मिल गया है जिससे संभावना जताई जा रही है कि एक बार फिर जैसलमेर कई बॉलीवुड फिल्मों व अन्य फिल्मों में नजर आएगा।
नहीं होगी विरासत से छेड़छाड़ :
पर्यटन स्थलों और विरासत के साथ छेड़छाड़ करने वालों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान भी किया गया है। गत दिनों एक फिल्म पार्टी द्वारा कुलधरा में विरासत से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था, कलेक्टर के माध्यम से तत्काल शूटिंग रुकवाई गई और सामान्य कार्रवाई के बाद कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
जैसलमेर में बढ़ेगा शूटिंग पर्यटन :
शूटिंग की परमिशन आसान हो जाने से यहां कई फिल्म निर्माता आकर अपनी फिल्मों के दृश्य फिल्माएंगे। जिससे जैसलमेर का नाम ऊंचाइयां छूकर विख्यात होगा। जिससे सीधे तौर पर पर्यटन को फायदा मिलेगा। स्वर्णनगरी की पहचान होने पर देश विदेश से सैलानी इसे देखने यहां पहुंचेंगे।
10 लाख जुर्माना और 3 साल सजा
अधिनियम के तहत विरासत व पर्यटन स्थलों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस प्रकार के स्थलों को नुकसान पहुंचाने व अतिक्रमण करने पर दस लाख का जुर्माना और तीन साल का कठोर कारावास हो सकता है।
रोजगार भी मिलेगा
जानकारी के अनुसार जैसलमेर में यदि शूटिंग का क्रेज बढ़ता है तो निश्चित तौर पर यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। पूर्व में भी देखा गया है कि जब भी यहां किसी फिल्म की शूटिंग होती है तो डायरेक्ट व इनडायरेक्ट रूप से कइयों को रोजगार मिलता है। ऐसे में शूटिंग का सिलसिला बढ़ने से कई युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
'अब शूटिंग के लिए सिर्फ पर्यटन विभाग ही अनुमति देगा। इसके तहत सभी विभागों के लिए नोडल विभाग पर्यटन ही होगा। इसमें विरासत व पर्यटन स्थल को नुकसान पहुंचाने के लिए जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है। जैसलमेर जिले को इससे काफी लाभ मिलेगा।'
हनुमानमल आर्य, सहायक निदेशक, पर्यटन
राजस्थान पर्यटन व्यवसाय अधिनियम 2010 के तहत पर्यटन आयुक्त सभी विभागों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। जहां पहले निर्माताओं को अलग अलग स्थानों के लिए संबंधित अधिकारियों से स्वीकृति लेनी पड़ती थी और इसके अलावा पहले जिला प्रशासन और बाद में जिला प्रशासन के माध्यम से स्वीकृति पत्र जयपुर जाता था, उसके बाद जाकर स्वीकृति मिलती थी।
जैसलमेर प्राइम लोकेशन के रूप में उभरा :
जैसलमेर के पर्यटन स्थल और यहां की विरासत फिल्म निर्माताओं के लिए प्राइम लोकेशन है। अब तक जैसलमेर में दर्जनों बॉलीवुड फिल्मों, एड फिल्मों, रीजनल फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। मुख्य रूप से रुदाली, टशन, सरफरोश, कृष्णा, कच्चे धागे तथा कोका कोला, बोरो प्लस, पेप्सी व हीरो होंडा जैसी कंपनियों की एड भी यहां हो चुकी है।
पिछले एक दो साल से शूटिंग पार्टियों का रुझान थोड़ा कम नजर आ रहा है, शायद इसका यही कारण है कि यहां स्वीकृति मिलना थोड़ा मुश्किल काम था। लेकिन अब उन्हें इस मुसीबत से छुटकारा मिल गया है जिससे संभावना जताई जा रही है कि एक बार फिर जैसलमेर कई बॉलीवुड फिल्मों व अन्य फिल्मों में नजर आएगा।
नहीं होगी विरासत से छेड़छाड़ :
पर्यटन स्थलों और विरासत के साथ छेड़छाड़ करने वालों के लिए जुर्माने और सजा का प्रावधान भी किया गया है। गत दिनों एक फिल्म पार्टी द्वारा कुलधरा में विरासत से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था, कलेक्टर के माध्यम से तत्काल शूटिंग रुकवाई गई और सामान्य कार्रवाई के बाद कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
जैसलमेर में बढ़ेगा शूटिंग पर्यटन :
शूटिंग की परमिशन आसान हो जाने से यहां कई फिल्म निर्माता आकर अपनी फिल्मों के दृश्य फिल्माएंगे। जिससे जैसलमेर का नाम ऊंचाइयां छूकर विख्यात होगा। जिससे सीधे तौर पर पर्यटन को फायदा मिलेगा। स्वर्णनगरी की पहचान होने पर देश विदेश से सैलानी इसे देखने यहां पहुंचेंगे।
10 लाख जुर्माना और 3 साल सजा
अधिनियम के तहत विरासत व पर्यटन स्थलों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। इस प्रकार के स्थलों को नुकसान पहुंचाने व अतिक्रमण करने पर दस लाख का जुर्माना और तीन साल का कठोर कारावास हो सकता है।
रोजगार भी मिलेगा
जानकारी के अनुसार जैसलमेर में यदि शूटिंग का क्रेज बढ़ता है तो निश्चित तौर पर यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। पूर्व में भी देखा गया है कि जब भी यहां किसी फिल्म की शूटिंग होती है तो डायरेक्ट व इनडायरेक्ट रूप से कइयों को रोजगार मिलता है। ऐसे में शूटिंग का सिलसिला बढ़ने से कई युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है।
'अब शूटिंग के लिए सिर्फ पर्यटन विभाग ही अनुमति देगा। इसके तहत सभी विभागों के लिए नोडल विभाग पर्यटन ही होगा। इसमें विरासत व पर्यटन स्थल को नुकसान पहुंचाने के लिए जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है। जैसलमेर जिले को इससे काफी लाभ मिलेगा।'
हनुमानमल आर्य, सहायक निदेशक, पर्यटन
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