मंगलवार, 7 अगस्त 2012

थाली से गायब हुई दाल


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जयपुर। खाने की थाली को महंगाई की नजर लग गई है। ...ये नजर रोटी और दाल के रिश्ते को तोड़ रही है। दालों के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। हाल यह है कि थाली में दाल की कटोरी या तो छोटी होती जा रही है या बिल्कुल नदारद हो चुकी है। बीते छह दिनों में दाल को दाम 8-10 रूपए बढ़ गए हैं। तेल, शक्कर व खाद्यान्नों के भावों में 20-25 प्रतिशत के इजाफे ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। एकदम से बढ़ी महंगाई से मध्यमवर्गीय परिवारों के घर के मासिक बजट 300-400 रूपए का इजाफा हो गया है।

साल भर में 10-15 रूपए का फर्क
2011 के आंकड़ों को वर्तमान आंकड़ों से तुलना करेंतो सभी दालों में 10-15 रूपए का इजाफा हुआ है। मसूर की दाल 41 रूपए प्रति किलो थी, जो अब 56 रूपए पर पहुंच गई है। इसी तरह उड़द, चना दाल, अरहर, मूंग, तुअर में भी 12-15 रूपए तक का फर्क आया है।


कहीं छोटे पैकेट ना बनने लगें
लोगों का मानना है कि दुकानों पर दालें आधा किलो, एक किलो व दो किलो के पैक में मिल रही हैं। अगर अगस्त में ही दालों का भाव इतना बढ़ गया तो आने वाले दिनों में दालें 200, 300 ग्राम के पैकेट में भी मिल सकती हैं।

किसानों को फायदा, जनता को नुकसान
केन्द्र ने सभी दालों के लिए समर्थन मूल्य तय किए हैं। ये समर्थन मूल्य पिछले साल के मुकाबले इस बार 20-25 प्रतिशत अघिक है। किसानों को तो अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन इसका भार आम जनता पर पड़ रहा है।

तेल-शक्कर में भी तेजी
परिवार का बजट दाल के साथ ही तेल और शक्कर ने भी बिगाड़ा। तेल की कीमतें 70 रूपए प्रति किलो से बढ़कर 85-90 रूपए किलो और शक्कर 33 रूपए से बढ़कर 42 रूपए पर पहुंच गई।

ऎसे बिगड़ा बजट
खाद्य पदार्थ पहले अब महंगाई
पांच किलो तेल 350 रूपए 450 रूपए 100 रूपए
दालें पर खर्च 150 रूपए 240 रूपए 90 रूपए
पांच किलो शक्कर 150 रूपए 210 रूपए 60 रूपए

दो महीने में बढ़ीं कीमतें
दाल जुलाई अगस्त
चना 60 68
अरहर 64 74
मूंग 64 74
तुअर 65 76
मसूर 47 56
उड़द 63 72

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