"मनचलों के खिलाफ सैंडिल उठाएं लड़कियां"
जबलपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहणी ने छेड़छाड़ करने वाले लड़कों (मनचलों) को सबक सिखाने के लिए पुलिस के पास जाने की बजाय लड़कियों को अपनी सैंडिल का सहारा लेने की सलाह दी है।
रोहाणी ने गुरूवार को होम साइंस कालेज में "महिला अपराध व हमारी भूमिका" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि लड़कियों को झिझक छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि अब तो करवट बदलो सारा जग जय-जय कार करेगा, जिस दिन बेटियां हाथ में सैंडिल ले लेंगी उस दिन लड़कों को समझ में आ जाएगा।
लड़कियों से रोहाणी ने कहा कि जब कोई लड़का उनसे छेड़छाड़ करे तो वे पुलिस के पास जाने की बजाय खुद ही उसकी पिटाई कर दें, जब वे ऎसा करेंगी तो लड़के पुलिस के पास जाने लगेंगे कि लड़कियां उनसे ज्यादती कर रही हैं। ऎसा करने में समाचार (न्यूज) बनता है तो बनने दें इसकी परवाह न करें।
घर के भीतर अपनी स्थिति पर चुटकी लेते हुए रोहाणी ने कहा कि वे भले ही बाहर दहाड़ते फिरते हैं, मगर घर के भीतर म्याउ-म्याउ करते हैं। इसलिए लड़कियों को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और मनचलों को सबक सिखाएं।
महिला अपराध पर आयोजित इस संगोष्ठी में विभिन्न वर्गो से जुड़े जागरूक लोग मौजूद थे, जिन्होंने बढ़ते अपराधों पर चिंता तो जताई ही साथ में लड़कियों से सजग व सतर्क रहने की हिदायत दी। साथ ही लड़कियों ने अपनी समस्याएं बताई और सवाल भी पूछे।
जबलपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहणी ने छेड़छाड़ करने वाले लड़कों (मनचलों) को सबक सिखाने के लिए पुलिस के पास जाने की बजाय लड़कियों को अपनी सैंडिल का सहारा लेने की सलाह दी है।
रोहाणी ने गुरूवार को होम साइंस कालेज में "महिला अपराध व हमारी भूमिका" विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि लड़कियों को झिझक छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि अब तो करवट बदलो सारा जग जय-जय कार करेगा, जिस दिन बेटियां हाथ में सैंडिल ले लेंगी उस दिन लड़कों को समझ में आ जाएगा।
लड़कियों से रोहाणी ने कहा कि जब कोई लड़का उनसे छेड़छाड़ करे तो वे पुलिस के पास जाने की बजाय खुद ही उसकी पिटाई कर दें, जब वे ऎसा करेंगी तो लड़के पुलिस के पास जाने लगेंगे कि लड़कियां उनसे ज्यादती कर रही हैं। ऎसा करने में समाचार (न्यूज) बनता है तो बनने दें इसकी परवाह न करें।
घर के भीतर अपनी स्थिति पर चुटकी लेते हुए रोहाणी ने कहा कि वे भले ही बाहर दहाड़ते फिरते हैं, मगर घर के भीतर म्याउ-म्याउ करते हैं। इसलिए लड़कियों को अपनी ताकत को पहचानना चाहिए और मनचलों को सबक सिखाएं।
महिला अपराध पर आयोजित इस संगोष्ठी में विभिन्न वर्गो से जुड़े जागरूक लोग मौजूद थे, जिन्होंने बढ़ते अपराधों पर चिंता तो जताई ही साथ में लड़कियों से सजग व सतर्क रहने की हिदायत दी। साथ ही लड़कियों ने अपनी समस्याएं बताई और सवाल भी पूछे।
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