रक्षा बंधन पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार ग्यारह साल बाद ऐसे नक्षत्रों का योग बन रहा है, जिसमें पूरे दिन राखी बांधी जाएगी। पिछले वर्षों में भद्रा रहने से बहनों को राखी के लिए काफी कम समय मिला था, लेकिन इस बार राखी का पर्व भद्रा रहित होने से बहनों के लिए सौगातों भरा हैं।
रक्षाबंधन पर चार साल बाद भद्रा रहित और ग्यारह साल बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र का योग बन रहा है। इससे पहले 2006 व 2007 में भद्रा रहित रक्षाबंधन मनाया गया था।
ज्योतिषाचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक सूर्योदय कालीन श्रवण नक्षत्र का योग ग्यारह साल बाद बना है, जो पूरे दिन रहेगा। इससे पहले ये योग 2001 में बना था। बुधवार को रात्रि 10.19 बजे से ही श्रवण नक्षत्र शुरू हो चुका है जो गुरुवार रात 9.17 बजे तक रहेगा। इस तरह 22 घंटे 58 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जो रक्षाबंधन पर पूरे दिन रहेगा। बहनों को किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।
ये रहेगा श्रेष्ठ मुहूर्त : राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि पूर्णिमा तिथि बुधवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। शास्त्रानुसार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय कालीन होने से पूरे दिन रक्षाबंधन कार्यक्रम रखे जा सकते हैं। रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस बार पूरे दिन नहीं रहेगी। फिर भी राखी बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 5.56 से 7.35 बजे तक रहेगा। दोपहर 12 से 3.52 बजे तक चर, लाभ व अमृत के चौघडि़ए में राखी बांधना श्रेष्ठ रहेगा। वहीं शाम को 5.31 से 7.10 बजे तक शुभ के चौघडि़ए में श्रेष्ठ समय रहेगा।
ये है श्रवण नक्षत्र : ज्योतिषी दिनेश मिश्रा के अनुसार श्रवण नक्षत्र सावन की पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्रमा से संयोग करता है। शास्त्रों के मुताबिक श्रवण नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से एक है। इसे शुभ माना गया है। यह नक्षत्र सभी कार्यों की बाधाओं को दूर कर शुभ फल प्रदान करता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्य सुख-समृद्धि दायक होते हैं।
रक्षाबंधन पर चार साल बाद भद्रा रहित और ग्यारह साल बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र का योग बन रहा है। इससे पहले 2006 व 2007 में भद्रा रहित रक्षाबंधन मनाया गया था।
ज्योतिषाचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक सूर्योदय कालीन श्रवण नक्षत्र का योग ग्यारह साल बाद बना है, जो पूरे दिन रहेगा। इससे पहले ये योग 2001 में बना था। बुधवार को रात्रि 10.19 बजे से ही श्रवण नक्षत्र शुरू हो चुका है जो गुरुवार रात 9.17 बजे तक रहेगा। इस तरह 22 घंटे 58 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जो रक्षाबंधन पर पूरे दिन रहेगा। बहनों को किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा और पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।
ये रहेगा श्रेष्ठ मुहूर्त : राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि पूर्णिमा तिथि बुधवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। शास्त्रानुसार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय कालीन होने से पूरे दिन रक्षाबंधन कार्यक्रम रखे जा सकते हैं। रक्षाबंधन में भद्रा टाली जाती है, जो इस बार पूरे दिन नहीं रहेगी। फिर भी राखी बांधने का श्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 5.56 से 7.35 बजे तक रहेगा। दोपहर 12 से 3.52 बजे तक चर, लाभ व अमृत के चौघडि़ए में राखी बांधना श्रेष्ठ रहेगा। वहीं शाम को 5.31 से 7.10 बजे तक शुभ के चौघडि़ए में श्रेष्ठ समय रहेगा।
ये है श्रवण नक्षत्र : ज्योतिषी दिनेश मिश्रा के अनुसार श्रवण नक्षत्र सावन की पूर्णिमा पर पूर्ण चंद्रमा से संयोग करता है। शास्त्रों के मुताबिक श्रवण नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से एक है। इसे शुभ माना गया है। यह नक्षत्र सभी कार्यों की बाधाओं को दूर कर शुभ फल प्रदान करता है। इस नक्षत्र में किए गए कार्य सुख-समृद्धि दायक होते हैं।
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