नई दिल्ली.भारतीय मूल अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कजाकिस्तान के बेकोनुर स्पेस स्टेशन से अंतरिक्ष के लिए रविवार सुबह उड़ान भरी और 10 मिनट में ही वे अंतरिक्ष में दाखिल हो गईं। वे 3 सदस्यीय एक्सपीडीशन 32 टीम का हिस्सा हैं।
यह सुनीता की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा है। वे 4 महीनों तक अंतरिक्ष में रहेंगी। सुनीता अपने साथ मेढक और मछली ले जा रही हैं। इन जीवों को अंतरिक्ष में रखा जाएगा ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वहां जीव किस तरह जिंदा रह सकते हैं। यह मिशन नवंबर में खत्म होगा।
सुनीता विलियम्स एक्सपीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर हैं। वे सोयुज अंतरिक्ष यान से रवाना हुई हैं। अगले 2 दिनों में सुनीता का अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में मौजूद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचेगा। जहां पहले से ही 3 लोग की मदद से सुनीता की टीम के 3 सदस्य अनुसंधान करेंगे। उनकी टीम करीब 200 प्रयोग करेगी। माना जा रहा है कि इन प्रयोगों से मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। सुनीता विलियम्स के मुताबिक स्पेसवॉक में सबसे अच्छी बात ये है कि आप किसी भी दिशा में मु़ड़ सकते हैं। आप अंतरिक्ष से सूर्योदय या सूर्यास्त देख सकते हैं। आप पृथ्वी को भी आराम से देख सकते हैं। आप जिधर चाहें उधर देख सकते हैं। सूरज निकलने के बाद मैंने अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखा। तब मुझे अहसास हुआ कि हमारी पृथ्वी कितनी सुंदर है।
यह सुनीता की दूसरी अंतरिक्ष यात्रा है। वे 4 महीनों तक अंतरिक्ष में रहेंगी। सुनीता अपने साथ मेढक और मछली ले जा रही हैं। इन जीवों को अंतरिक्ष में रखा जाएगा ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वहां जीव किस तरह जिंदा रह सकते हैं। यह मिशन नवंबर में खत्म होगा।
सुनीता विलियम्स एक्सपीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर हैं। वे सोयुज अंतरिक्ष यान से रवाना हुई हैं। अगले 2 दिनों में सुनीता का अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में मौजूद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचेगा। जहां पहले से ही 3 लोग की मदद से सुनीता की टीम के 3 सदस्य अनुसंधान करेंगे। उनकी टीम करीब 200 प्रयोग करेगी। माना जा रहा है कि इन प्रयोगों से मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। सुनीता विलियम्स के मुताबिक स्पेसवॉक में सबसे अच्छी बात ये है कि आप किसी भी दिशा में मु़ड़ सकते हैं। आप अंतरिक्ष से सूर्योदय या सूर्यास्त देख सकते हैं। आप पृथ्वी को भी आराम से देख सकते हैं। आप जिधर चाहें उधर देख सकते हैं। सूरज निकलने के बाद मैंने अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखा। तब मुझे अहसास हुआ कि हमारी पृथ्वी कितनी सुंदर है।
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