जयपुर। श्रावणी तीज का सिंजारा शनिवार को मनाया जा रहा है। तीज का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। सिंजारे पर घर घेवरों और मेहंदी की खुशबू महक उठे।
शहर के मंदिरों में भी सिंजारे की खुशबू छा गई। पद गायनों से मंदिर गूंज उठे। भगवान को लहरिए की पोशाक धारण कराई गई। और घेवरों का भोग लगा। आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ठाकुरजी को काले रंग की लहरिया पोशाक धारण कराई गई और घेवरों का भोग लगा। इस मौके पर ठाकुरजी को झूला झुलाया गया। शाम को फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी।
बड़ी चौपड़ के लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में महामंडलेश्वर पुरुषोत्तम भारती के सान्निध्य में सुबह भगवान का अभिषेक कर लहरिए की पोशाक धारण कराई गई। और ऋतुपुष्पों से भगवान का मनोहारी शृंगार किया गया। चांदनी चौक के आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा के सान्निध्य में राधा रानी का सोलह शृंगार कर हाथ और चरणों के मेहंदी रचाई गई।
सिंजारे पर ससुराल पक्ष की ओर से नवविवाहित युवतियों के लिए और सगाई का पहला सिंजारा भेजने का रोमांच छाया हुआ है। सिंजारे में नवविवाहिताओं को सुहाग सामग्री के साथ घेवर आदि मिठाइयां भेजी जाती हैं। महिलाओं व कन्याओं ने मेहंदी रचाई। तीज का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। इस इस मौके पर चारों ओर तीज के पद गूंज उठेंगे। महिलाएं और युवतियां लहरिया पहनकर व सोलह शृंगार कर ताल-तलैया के पास तीज माता का पूजन करेंगी। तीज माता से अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। पर्यटन विभाग की ओर से जनानी ड्योढ़ी से पारंपरिक तीज की सवारी निकाली जाएगी। सवारी शाही लवाजमे के साथ शाम 6 बजे रवाना होगी।
सिंजारे पर ससुराल पक्ष की ओर से नवविवाहित युवतियों के लिए और सगाई का पहला सिंजारा भेजने का रोमांच छाया हुआ है। सिंजारे में नवविवाहिताओं को सुहाग सामग्री के साथ घेवर आदि मिठाइयां भेजी जाती हैं। महिलाओं व कन्याओं ने मेहंदी रचाई। तीज का पर्व रविवार को मनाया जाएगा। इस इस मौके पर चारों ओर तीज के पद गूंज उठेंगे। महिलाएं और युवतियां लहरिया पहनकर व सोलह शृंगार कर ताल-तलैया के पास तीज माता का पूजन करेंगी। तीज माता से अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। पर्यटन विभाग की ओर से जनानी ड्योढ़ी से पारंपरिक तीज की सवारी निकाली जाएगी। सवारी शाही लवाजमे के साथ शाम 6 बजे रवाना होगी।
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