जिंदा दफन लाडलों की "माटी" मिली
चौहटन। उपखण्ड के ठठर का डेर गांव में पिछले सात दिनों से लगातार जारी रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार तड़के करीब तीन बजे पूरा हो गया। करीब 162 घंटों तक जमीन में दबे रहे दो युवकों के शव 100 फीट की गहराई से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की गई। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मदद से चलाए गए इस ऑपरेशन में प्रशासन की सांसे अटकी हुई थी। वहीं मीरा खान एवं गबर खान के परिजनों को अपने लाडलों की "माटी" का दीदार करने की उम्मीदे थी। शनिवार तड़के जब एक के बाद, दूसरा शव बाहर निकालने में कामयाबी हासिल हुई तो प्रशासन ने राहत की सांस ली।
यूं हुआ था हादसा
बामणोर पंचायत के ठठर का डेर गांव में मोहमद के खेत में कुआ खुदाई का कार्य चल रहा था। मीरा खान एवं गबर खान सहित चार जने इस कार्य में लगे थे। करीब सौ फीट गहराई तक कुआ खोद रहे मीर खान व गबर खान अंदर उतरे हुए थे कि साठ फीट ऊंचाई से फर्मा टूटा और दरकती रेत में दोनो दब गए। शनिवार की शाम को यह हादसा हुआ।
मिशन में जुटे थे सैकड़ो हाथ
पिछले शनिवार को हुए इस हादसे के बाद तत्काल प्रारम्भ किए इस रेस्क्यू आपरेशन में कुएं में उतरने वाले एक दर्जन मददगारों के अलावा सैकड़ों लोग इस कार्य में सहयोगी बने। हरपालिया के सच्चू खान, उपखण्ड अधिकारी राकेश चौधरी, बामणोर सरपंच गुलामशाह, नायब तहसीलदार नानगाराम चौधरी, एईन सुजानाराम के निर्देशों में 162 घंटों तक चले इस ऑपरेशन में आखिर कामयाबी मिल गई।
पहले मीरा खान बाद में गबर
शुक्रवार आधी रात बाद करीब साढ़े बारह बजे मीर खान का शव बाहर निकाला गया तथा उसी के पास रेत में धंसे गबर खान को शनिवार तड़के कुएं से बाहर निकालने में कामयाबी मिल पाई।
कितनोरिया में सुपुर्दे खाक
ठठर का डेर की जमीन 100 फीट गहरे मिट्टी में दबे मीर खां (30) पुत्र शरीफ खां एवं गबर खान (30) पुत्र सुमार खां के शव निकालने के बाद उनकी पार्थिव देह को उनके गांव कितनोरिया पहुंचाया गया। यहां सैकड़ो लोगों की मौजूदगी में कब्रगाह में सुपुर्दे खाक किया गया।
परिजनों को बंधाया ढाढस
विधायक पदमाराम मेघवाल, श्रम समिति के अध्यक्ष गफूर अहमद, उपखण्ड अधिकारी राकेश चौधरी ने कितनोरिया गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाया तथा दोनो ही बीपीएल परिवारों को राजकीय सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। विधायक ने बताया कि इन्हें पन्नाधाय अमृतकलश योजना से पचहतर-पचहतर हजार रूपए एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20-20 हजार रूपए की सहायता दिलाई जाएगी। इनकी पत्नियों को पेंशन प्रारम्भ करवाने के निर्देश दिए गए है।
चौहटन। उपखण्ड के ठठर का डेर गांव में पिछले सात दिनों से लगातार जारी रेस्क्यू ऑपरेशन शनिवार तड़के करीब तीन बजे पूरा हो गया। करीब 162 घंटों तक जमीन में दबे रहे दो युवकों के शव 100 फीट की गहराई से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की गई। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों की मदद से चलाए गए इस ऑपरेशन में प्रशासन की सांसे अटकी हुई थी। वहीं मीरा खान एवं गबर खान के परिजनों को अपने लाडलों की "माटी" का दीदार करने की उम्मीदे थी। शनिवार तड़के जब एक के बाद, दूसरा शव बाहर निकालने में कामयाबी हासिल हुई तो प्रशासन ने राहत की सांस ली।
यूं हुआ था हादसा
बामणोर पंचायत के ठठर का डेर गांव में मोहमद के खेत में कुआ खुदाई का कार्य चल रहा था। मीरा खान एवं गबर खान सहित चार जने इस कार्य में लगे थे। करीब सौ फीट गहराई तक कुआ खोद रहे मीर खान व गबर खान अंदर उतरे हुए थे कि साठ फीट ऊंचाई से फर्मा टूटा और दरकती रेत में दोनो दब गए। शनिवार की शाम को यह हादसा हुआ।
मिशन में जुटे थे सैकड़ो हाथ
पिछले शनिवार को हुए इस हादसे के बाद तत्काल प्रारम्भ किए इस रेस्क्यू आपरेशन में कुएं में उतरने वाले एक दर्जन मददगारों के अलावा सैकड़ों लोग इस कार्य में सहयोगी बने। हरपालिया के सच्चू खान, उपखण्ड अधिकारी राकेश चौधरी, बामणोर सरपंच गुलामशाह, नायब तहसीलदार नानगाराम चौधरी, एईन सुजानाराम के निर्देशों में 162 घंटों तक चले इस ऑपरेशन में आखिर कामयाबी मिल गई।
पहले मीरा खान बाद में गबर
शुक्रवार आधी रात बाद करीब साढ़े बारह बजे मीर खान का शव बाहर निकाला गया तथा उसी के पास रेत में धंसे गबर खान को शनिवार तड़के कुएं से बाहर निकालने में कामयाबी मिल पाई।
कितनोरिया में सुपुर्दे खाक
ठठर का डेर की जमीन 100 फीट गहरे मिट्टी में दबे मीर खां (30) पुत्र शरीफ खां एवं गबर खान (30) पुत्र सुमार खां के शव निकालने के बाद उनकी पार्थिव देह को उनके गांव कितनोरिया पहुंचाया गया। यहां सैकड़ो लोगों की मौजूदगी में कब्रगाह में सुपुर्दे खाक किया गया।
परिजनों को बंधाया ढाढस
विधायक पदमाराम मेघवाल, श्रम समिति के अध्यक्ष गफूर अहमद, उपखण्ड अधिकारी राकेश चौधरी ने कितनोरिया गांव पहुंचकर मृतकों के परिजनों को ढाढस बंधाया तथा दोनो ही बीपीएल परिवारों को राजकीय सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। विधायक ने बताया कि इन्हें पन्नाधाय अमृतकलश योजना से पचहतर-पचहतर हजार रूपए एवं मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20-20 हजार रूपए की सहायता दिलाई जाएगी। इनकी पत्नियों को पेंशन प्रारम्भ करवाने के निर्देश दिए गए है।
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