सोमवार, 9 जुलाई 2012

पांच महीनों बाद भी नहीं पहुंची अतिरिक्त दवाइयां

 

बालोतरा। सरकारी अस्पतालों मे लागू की गई वितर
ण   मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना दवाइयों की कमी से जूंझ रही है। सरकार की ओर से भले ही योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का दावा किया जा रहा हों, लेकिन अस्पतालों में हालात इसके ठीक विपरीत नजर आ रहे है। मरीजों को नि:शुल्क दवा वितरण के काउंटरों पर तमाम प्रकार की दवाइयां नहीं मिल रही है।

ऎसे में पर्ची लेकर इस काउंटर से उस काउंटर तक भटकने के बाद आखिरकार जेब ढ़ीली कर बाजार से दवाइयों की खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है। दो अक्टूबर को प्रदेश भर में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा वितरण योजना की शुरूआत की गई थी। उस दौरान ओपीडी मरीजों व आईपीडी मरीजों के लिए काउंटरों पर दो सौ प्रकार की दवाइयां उपलब्ध करवाई गई थी। तय योजना के अनुसार दावा यह किया गया था कि 01 जनवरी 2012 से अस्पतालों में सर्वाघिक उपयोग में आनी वाली दो सौ प्रकार की ओर दवाइयां उपलब्ध करवा दी जाएगी, लेकिन यह घोषणा धरातल पर साकार रूप नहीं ले पाई। पांच माह बाद भी ये दवाइयां अस्पतालों में नि:शुल्क दवा वितरण काउंटरों तक नहीं पहुंच पाई है। इसका खामियाजा मरीजों को योजना के लाभ से वंचित रहकर झेलना पड़ रहा है।

मरीज है परेशान
शहर के राजकीय नाहटा चिकित्सालय के काउंटरों पर सरकार द्वारा 01 जनवरी 2012 से उपलब्ध करवाई जाने वाली दो सौ प्रकार की अतिरिक्त दवाइयां आज तक नहीं पहुंच पाई है। ऎसे में मरीजों को आए दिन परेशानी झेलनी पड़ रही है।

नहीं हुई है आपूर्ति
कुछ दवाइयों की कमी है। जिनकी आपूर्ति के लिए आज ही वाहन बाड़मेर भेजा जाएगा। दो सौ प्रकार की अतिरिक्त दवाइयो की आपूर्ति अभी तक नहीं हुई है।
डॉ. एन.एल. गुप्ता
प्रभारी, राजकीय नाहटा अस्पताल

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