रविवार, 15 जुलाई 2012

बाघ बचाने जंगल में अमिताभ


रणथंभौर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन शनिवार को बाघ बचाओ अभियान के तहत एक कार्यक्रम में शरीक होने रणथंभौर अभयारण्य आए। काली पैंट और सफेद शर्ट पहने अमिताभ एक नीम के पेड़ के नीचे चबूतरे पर पहुंचे। लोगों ने तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया। इसके बाद शुरू हुआ बातचीत का सिलसिला। किसी ने विस्थापन के बाद सड़क, पानी, बिजली की परेशानी बताई तो किसी ने कहां जंगल से निकलकर जिंदगी अब पटरी पर लौट रही है। बच्चन हर एक की बात तसल्ली से सुनते रहे और वादा किया कि सरकार से मिलकर उनकी तकलीफें जल्द दूर करेंगे। अमिताभ करीब 27 साल बाद रणथंभौर पहुंचे हैं। बाघों के लिए जंगल छोड़कर विस्थापित हुए ग्रामीणों से वे घुल-मिल गए। शेष त्न पेज ४ 

उन्होंने लंबे समय तक बातचीत के बाद सबके साथ फोटो खिंचवाई।

हिंदवाड़ और मोरडूंगरी के विस्थापित परिवारों ने कहा कि उन्हें अब तक रसोई गैस कनेक्शन नहीं मिले। युवा हरकेश ने अमिताभ से वादा मांगा कि वे अभिषेक, ऐश्वर्या और पोती सहित यहां आएंगे। बच्चन ने मुस्कुराकर हामी भरी और कहा कि मौका मिला तो जरूर आएंगे। अमिताभ ने बाघों का ख्याल रखने की नसीहत भी दी।

बाघों पर फिल्म बनाएंगे
अमिताभ ने कहा कि यदि सरकार उन्हें बाघों पर फिल्म बनाने के लिए कहेगी तो वे इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने क्षेत्र में बाघ संरक्षण के लिए काम करने वाले दिवंगत फतह सिंह राठौड़ के जीवन चरित्र पर भी फिल्म बनाने पर सहमति प्रकट की। उन्होंने कहा कि जंगलों से विस्थापन का काम अब तक सरकार की ओर से ही किया जा रहा है, लेकिन इसमें बड़ी कंपनियां और एनजीओ को मदद के लिए आगे लाने का प्रयास कर रहे हैं। टाइगर के उम्र के इस पड़ाव में भी चुस्त-दुरुस्त रहने के राज पर वे खिलखिलाते हुए बोले, यह बात जंगल में टाइगर से ही पूछो।

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