बेंगलुरु।। वह सिर्फ 13 साल की है और उसे भी अपने हमउम्र टीनेजर्स की तरह कार्टून देखना, दोस्तों के साथ खेलना और बेपरवाह होकर जीना पसंद है। लेकिन अब उसकी मासूमियत कहीं गुम हो चुकी है। हर सुबह स्कूल जाने से पहले वह अपने 3 महीने के अपने बेबी को फीड कराती है और स्कूल से लौटने पर भी उसे अपने बेबी का ख्याल रखना होता है। जिस उम्र में इस बच्ची को खुद पैरंट्स की देखभाल की जरूरत है, उस उम्र में उसे खुद अपने बेबी की देखभाल करनी पड़ रही है। लेकिन 8वीं क्लास में पढ़ने वाली इस टीनेजर के संघर्ष की तो यह शुरुआत भर है।
इस टीनेजर की लाइफ एकदम से बदल गई। अप्रैल में पेट दर्द की शिकायत पर इस टीनेजर को लोकल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। इस टीनेजर ने एक बेबी बॉय को जन्म दिया। लेकिन परिवार को उस वक्त यह जानकर और भी सदमा लगा कि उनकी बेटी को उनके एक पड़ोसी ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है। रेप का आरोपी वह पड़ोसी अब जेल में है।
13 साल की उम्र में ही मां बनी इस मासूम ने पूरी गर्मियां अपने बेटे का ख्याल रखते हुए गुजार दीं। छुट्टियों के बाद जब यह टीनेजर अपने स्कूल लौटी, तो उसे बेहद शर्मनाक हालात का सामना करना पड़ा। उसकी क्लासमेट्स के पैरंट्स नहीं चाहते थे कि उनकी बेटियां उसके साथ बैठें। बल्कि वे तो चाहते ही नहीं थे कि यह टीनेजर मॉम उनकी बेटियों की क्लास में पढ़े। स्कूल ने भी पैरंट्स लॉबी के दबाब के आगे झुकते हुए रेप की शिकार इस टीनेजर को ट्रांसफर सर्टिफ़िकेट थमा दिया। लेकिन अब, पिछले हफ्ते ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल को आदेश दिया है कि वह तुरंत लड़की को फिर से ऐडमिशन दे।
कम उम्र में मां बनने के बाद इस टीनेजर की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। अब वह स्कूल से लौटकर खेलने नहीं जाती, उसे ज्यादातर वक्त अपने बेबी को देना पड़ता है। इस टीनेजर का कहना है कि बेबी का ख्याल रखने में उसकी ममी भी मदद करती हैं। जब वह बेबी के साथ नहीं होती, तो उसकी मां ही बेबी को बॉटल्ड मिल्क देती हैं।
वेस्ट बेंगलुरु के रामचन्द्रपुरा में 2 कमरों के एक छोटे से घर में रहने वाली इस टीनेजर के पैरंट्स ने परिवार में आए नन्हे मेहमान को स्वीकार कर लिया है। रेप का शिकार हुई टीनेजर के पिता का टूटी हुई टाइल्स का छोटा सा बिजनेस है। उनका कहना है कि वह पहले से ही 4 बच्चों की परवरिश कर रहे थे, ऐसे में वह परिवार में आए नए सदस्य का भी पूरा ख्याल रखेंगे। लेकिन साफ है कि इस टीनेजर मॉम की जिंदगी का सफर आगे भी चुनौतियों से भरा रहने वाला है।
इस टीनेजर की लाइफ एकदम से बदल गई। अप्रैल में पेट दर्द की शिकायत पर इस टीनेजर को लोकल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां पता चला कि वह प्रेग्नेंट है। इस टीनेजर ने एक बेबी बॉय को जन्म दिया। लेकिन परिवार को उस वक्त यह जानकर और भी सदमा लगा कि उनकी बेटी को उनके एक पड़ोसी ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया है। रेप का आरोपी वह पड़ोसी अब जेल में है।
13 साल की उम्र में ही मां बनी इस मासूम ने पूरी गर्मियां अपने बेटे का ख्याल रखते हुए गुजार दीं। छुट्टियों के बाद जब यह टीनेजर अपने स्कूल लौटी, तो उसे बेहद शर्मनाक हालात का सामना करना पड़ा। उसकी क्लासमेट्स के पैरंट्स नहीं चाहते थे कि उनकी बेटियां उसके साथ बैठें। बल्कि वे तो चाहते ही नहीं थे कि यह टीनेजर मॉम उनकी बेटियों की क्लास में पढ़े। स्कूल ने भी पैरंट्स लॉबी के दबाब के आगे झुकते हुए रेप की शिकार इस टीनेजर को ट्रांसफर सर्टिफ़िकेट थमा दिया। लेकिन अब, पिछले हफ्ते ही कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल को आदेश दिया है कि वह तुरंत लड़की को फिर से ऐडमिशन दे।
कम उम्र में मां बनने के बाद इस टीनेजर की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। अब वह स्कूल से लौटकर खेलने नहीं जाती, उसे ज्यादातर वक्त अपने बेबी को देना पड़ता है। इस टीनेजर का कहना है कि बेबी का ख्याल रखने में उसकी ममी भी मदद करती हैं। जब वह बेबी के साथ नहीं होती, तो उसकी मां ही बेबी को बॉटल्ड मिल्क देती हैं।
वेस्ट बेंगलुरु के रामचन्द्रपुरा में 2 कमरों के एक छोटे से घर में रहने वाली इस टीनेजर के पैरंट्स ने परिवार में आए नन्हे मेहमान को स्वीकार कर लिया है। रेप का शिकार हुई टीनेजर के पिता का टूटी हुई टाइल्स का छोटा सा बिजनेस है। उनका कहना है कि वह पहले से ही 4 बच्चों की परवरिश कर रहे थे, ऐसे में वह परिवार में आए नए सदस्य का भी पूरा ख्याल रखेंगे। लेकिन साफ है कि इस टीनेजर मॉम की जिंदगी का सफर आगे भी चुनौतियों से भरा रहने वाला है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें