मंगलवार, 31 जुलाई 2012

बुलंदियों को छू रहा है हमारा जैसलमेर










बुलंदियों को छू रहा है हमारा जैसलमेर


मैं आज (30 जुलाई 2012 ) 857 साल का हो गया हूं..। इन वर्षो में मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। कदम-कदम पर चुनौतियां मिली, मगर मेरे अपने साथ थे जिसके चलते मेरी हमेशा जीत हुई। मेरी प्राचीनता, ऐतिहासिकता व सुंदरता को देखने सात समंदर पार से लाखों सैलानी आ चुके हैं। जैसे आपके पूर्वज मेरा ख्याल रखते थे वैसा आज की पीढ़ी नहीं रख रही है। जहां एक तरफ मैंने पर्यटन मानचित्र पर अपना स्थान बनाया है वहीं दूसरी ओर विकास की राह पर भी दौड़ रहा हूं। मुझे आप लोगों का सहयोग हमेशा ही मिले, इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ता रहूंगा। कब-कब जैसलमेर में क्या आया. पोस्ट ऑफिस 1888 बिजली 1939 अस्पताल 1939 हाईस्कूल 1939 टेलीफोन 1939 नल 1942 रेल 1968 कॉलेज 1970 नहर 1984 विंड मील 1998


पत्थरों ने दिलाई पहचान. जैसलमेर ने 80 के दशक में अपनी धाक जमानी शुरू की। इस दौरान जैसलमेर की कलात्मकता ने सैलानियों को आकर्षित किया और पत्थर खनन में निकले पीले पत्थरों ने जैसलमेर को नई बुलंदियों पर पहुंचा दिया। जैसलमेर में निकलने वाला पीला पत्थर विदेशों तक पहुंच गया। विश्व पर्यटन मानचित्र पर भी जैसलमेर इस दशक में छाने लगा था। तत्कालीन कलेक्टर ललित के. पंवार ने भी जैसलमेर के पर्यटन को बढ़ावा देने में काफी सहयोग दिया था। उनके कार्यकाल के दौरान मरू महोत्सव शुरू किया गया और जैसलमेर की जमीनों को नोटिफाइड भी किया गया।


नहर के साथ आई समृद्धि. जैसलमेर जिले की समृद्धि में इंदिरा गांधी नहर परियोजना का अहम योगदान है। इस परियोजना का तत्कालीन प्रधानमंत्री वी.पी.सिंह ने उद्घाटन किया था। 1984 में जैसलमेर की नहरों में पानी आना शुरू हो गया और यहां की जमीन नहर से सिंचित होने लगी। वर्तमान में जैसलमेर में एक लाख मुरबे हैं। नाचना, मोहनगढ़ व रामगढ़ बेल्ट नहरी बेल्ट कहलाता है। पूर्व में जहां बारिश पर खेती निर्भर थी और जैसलमेर में लगभग हर साल सूखा पड़ता था। ऐसे में यहां पैदावार के नाम पर कुछ भी नहीं होता था। लेकिन नहर आने के साथ ही जिले के किसानों में समृद्धि आनी शुरू हो गई। आज भी नहरी पानी पर 50 हजार परिवार अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं। जैसलमेर का आधुनिक विकास. आज जैसलमेर 857 वर्षो का हो गया है लेकिन इसका विकास महाराजा जवाहिर सिंह के कार्यकाल के दौरान ही हुआ। महाराज जवाहिर सिंह 1914 से 1948 तक जैसलमेर के राजा रहे। इस दौरान जैसलमेर का विकास तेजी से हुआ। उन्होंने जैसलमेर को विकास के पथ पर अग्रसर किया।यहां बदनामी भी.. >लिंगानुपात केवल 849 है। बेटियों को मारने के मामले में जैसलमेर बदनाम है। >बाहरी कंपनियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं। कंपनियां रुख मोड़ सकती है। आए दिन होते हैं विवाद। >पर्यटकों के साथ होने वाली छेड़छाड़ जैसलमेर की छवि बिगाड़ रही है। इन्होंने किया गौरवान्वित. साकर खां: विख्यात कमायचा वादक साकर खां को हाल ही में पद्मश्री से नवाजा गया है। गीतिका भाटिया: सीएस में देश में पहले स्थान पर और सीए में भी देश में छठा और 14वां स्थान हासिल कर चुकी है। एसएस बिस्सा: वर्तमान में सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त, राजस्थान सरकार। स्वरूप खां: इंडियन आइडल में जैसलमेरी लोक संगीत की धूम मचाई और टॉप 4 तक का सफर तय किया। स्व. लक्ष्मीनारायण बिस्सा: लगातार तीन बार मि. डेजर्ट बने और विदेशों में अपनी धाक जमाई। अहसन जमाल व जसवंतसिंह: नेशनल क्रिकेट एकेडमी में चयन। महिपालसिंह: राष्ट्रीय बास्केटबॉल अंडर 16 टीम में खेल चुके हैं। शहीद पूनमसिंह व फतेहखान: देश के लिए लड़ते हुए शहीद हुएअब ये हासिल करना है. पर्यटन जैसलमेर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे बचाने व बढ़ाने के लिए जैसलमेरवासियों को सर्वाधिक प्रयास करने की जरूरत है। जानकार मानते हैं कि 1980 से लेकर 2010 तक जैसलमेर पर्यटन के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ा है लेकिन 2010 के बाद से इसमें गिरावट आ रही है। इसके कई कारण है। एक तो नए क्षेत्र नहीं तलाशे गए और दूसरा प्रतिस्पर्धा के चलते सैलानियों के साथ र्दुव्‍यवहार। कहीं न कहीं जैसलमेर की बिगड़ी हालत भी इसके लिए जिम्मेदार है। जानकारों के अनुसार जैसलमेर शहर की अधिकांश अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर है इसलिए यदि पर्यटन कम हो गया तो खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। >दुर्ग के संरक्षण के लिए सभी को आगे आना होगा। >पर्यटकों के साथ होने वाले र्दुव्‍यवहार पर सख्ती से लगाम कसनी होगी। >पर्यटन के नए क्षेत्र तलाशने होंगे।मेडिकल क्षेत्र में आगे बढ़ना है सीमेंट फैक्ट्रियों की स्थापना सौर ऊर्जा क्षेत्र में छूने होंगे आयाम >युवाओं को लेना होगा संकल्प कि वे डॉक्टर बनकर करेंगे जैसलमेरवासियों की सेवा >मेडिकल संस्थानों की स्थापना। >जनप्रतिनिधियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे आना होगा। >राज्य सरकार को जैसलमेर के विकास में यह कदम उठाना होगा। >स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अहम रोल निभा सकते हैं। >जैसलमेरवासियों को बाहरी कंपनियों को यहां अच्छा माहौल उपलब्ध करवाना होगा। >यहां के जनप्रतिनिधी राज्य सरकार के साथ मिलकर जैसलमेर को पॉवर हब बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं।

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