उदयपुर.सराड़ा थाना क्षेत्र के कोलर गांव में पिछले दिनों विवाहिता को निर्वस्त्र कर प्रताड़ित करने के मामले में शुक्रवार को संभागीय आयुक्त ने महिला उत्पीड़न पर कार्य करने वाली स्वयं सेवी संस्थाओं की बैठक ली। इसमें पीड़िता को मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श दिलाने व प्रेमी युवक के साथ व्यवस्थित करने की मांग रखी गई।
संभागीय आयुक्त कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को महिला उत्पीड़न की रोकथाम पर चर्चा के लिए बैठक रखी गई थी, लेकिन पूरी बैठक में कोलर गांव की घटना चर्चा में रही। इसमें महिला को निर्वस्त्र करने की घटना को सभी कार्यकर्ताओं ने शर्मनाक बताया। सभी ने पीड़िता के पक्ष में उसकी मानसिक स्थिति को लेकर चर्चा की और मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श दिलाने की मांग की।
इसके अलावा इस पूरी घटना में सामूहिक रूप से हुए घटनाक्रम के बावजूद 120-बी धारा नहीं जोड़ने पर भी विरोध जताया गया। बैठक में नाता प्रथा को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें इस प्रथा को एक ओर सामाजिक दृष्टि से अच्छा भी बताया गया। यह प्रथा परित्यक्तता व एकल जीवन निर्वाह करने वाली महिला को पुन: विस्थापित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण बताई गई।
स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कानून व नाता प्रथा को लेकर सामाजिक व जातिगत फैसलों में अंतर को आयुक्त के सामने रखा गया। इस पर आयुक्त ने राज्यपाल के अधिकार में स्थानीय कानून को लागू करने का अधिकार होने की जानकारी दी और इसका प्रस्ताव बनाकर राज्यपाल को भेजने पर भी चर्चा की।
बैठक में महिला अध्ययन केंद्र की विशेषज्ञ प्रो. विजय लक्ष्मी चौहान, पीयूसीएल की सदस्य प्रज्ञा जोशी, एआईपीडब्ल्यूए की राज्य सचिव डॉ.सुधा चौधरी, आसरा संस्थान से भोजराज सिंह, कार्यक्रम निदेशक ऊषा चौधरी, मनोवैज्ञानिक डॉ. ममता धूपिया, आईसी डीएस की उपनिदेशक श्वेता फगेड़िया, महिला थानाधिकारी निशा भटनागर, आदिवासी विकास मंच से मेघराज तावड़, आस्था संस्थान से वर्षा झंवर आदि मौजूद थे।
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