बाड़मेर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्ता की भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा एवं सीमांत बाड़मेर जिले के मुन्नाबाव क्षेत्र की एकदिवसीय यात्रा में सेना द्वारा राज्यपाल के प्रोटोकाल नियमों का उल्लंघन किए जाने का मामला सामने आया हैं।
सेना ने गत २८ जून को दत्ता को प्रोटोकाल नियमों के मुताबिक राज्य सरकार के भेजे बुलेट प्रुफ वाहन की बजाय एक इनोवा गाड़ी में बैठाकर सीमा क्षेत्रों का दौरा कराया जबकि दौरे के दौरान सरकारी बुलेट प्रुफ सफारी गाड़ी इनोवा के पीछे घूमती रही।
बाड़मेर उपखण्ड अधिकारी सी एल देवासी ने बताया इनोवा गाड़ी के चालक कमाल खान ने प्रतिबंधित क्षेत्र में जाने की सक्षम अधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली जबकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक उन्हें इस क्षेत्र में जाने के लिए अनुमति लेना जरूरी है और ऐसा नहीं करने पर तीन साल की सजा का प्रावधान हैं।
देवासी ने बताया कि इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में सेना के प्रशासन के अधिकारियों को रोके जाने की शिकायत भी जिला कलेक्टर वीणा प्रधान से की गई हैं।
बाड़मेर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने स्वीकार किया कि राज्यपाल की यात्रा के दौरान प्रोटोकाल के नियमों का सेना ने उल्लंघन किया हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि राज्य सरकार ने उनके लिए सरकारी वाहन भेजा लेकिन सेना ने उसकी जगह एक निजी वाहन का उपयोग किया। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि उनकी गाड़ी पर एक डंडे पर अशोक स्तम्भ लगा हुआ और उसी पर झंडा पहनाया हुआ था जबकि प्रोटोकाल के हिसाब से डंडे के पास एक डंडा और लगा होना चाहिए जिस पर राष्ट्रीय ध्वज लगा होता हैं।
उन्होंने बताया कि मामले की पूरी जानकारी राज्य सरकार को भेज दी गई हैं। खुफिया एजेंसियों ने भी अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी हैं। उधर सेना ने इस मामले में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया।
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