मुंबई।। बंबई हाई कोर्ट ने सोमवार को 2002 के बेस्ट बेकरी दंगा मामले के पांच आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, लेकिन चार अन्य लोगों की सजा बरकरार रखी गई। इन चारों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जस्टिस वी. एम. कनाडे और पी.डी. कोडे की बेंच ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों की अपील पर तीन जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी। कोर्ट ने संजय ठक्कर, बहादुर सिंह चौहान, सानाभाई बारिया और दिनेश राजभर को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।
जजों ने चार घायल गवाहों के बयान पर भरोसा किया। ये सभी बेस्ट गवाह बेकरी में काम करते थे। इन गवाहों ने आरोपियों की पहचान की थी और कहा था कि ये लोग गोधरा कांड के बाद सांप्रदायिक दंगों के दौरान घटनास्थल पर तलवार और अन्य घातक हथियारों के साथ मौजूद थे।
जस्टिस वी. एम. कनाडे और पी.डी. कोडे की बेंच ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों की अपील पर तीन जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी। कोर्ट ने संजय ठक्कर, बहादुर सिंह चौहान, सानाभाई बारिया और दिनेश राजभर को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा।
जजों ने चार घायल गवाहों के बयान पर भरोसा किया। ये सभी बेस्ट गवाह बेकरी में काम करते थे। इन गवाहों ने आरोपियों की पहचान की थी और कहा था कि ये लोग गोधरा कांड के बाद सांप्रदायिक दंगों के दौरान घटनास्थल पर तलवार और अन्य घातक हथियारों के साथ मौजूद थे।
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