बुधवार, 4 जुलाई 2012

3 साल की बच्ची को मां-बाप की मौत पर 92 लाख का मुआवजा



चेन्नै।। 3 साल की कविनाया को अपने माता-पिता की मौत के मुआवजे के तौर पर 92 लाख रुपए चुकाए जाएंगे। उसके नाम से 50 लाख रुपए बैंक में रखे जाएंगे जिनकी हकदार वह 18 साल की उम्र में होगी। जबकि, 20.9 लाख रुपए उसके दादा और दादी को (अलग-अलग) दिए जाएंगे। चेन्नै की एक अदालत ने यह अलहदा फैसला सुनाया है।
BABY WHO LOST HER PARENTS 
दरअसल, कविनाया के माता-पिता की मौत जब हुई तब वह 75 दिन की थी। मौत एक रोड़ ऐक्सिडेंट में हुई जिसमें अपनी मां की गोद में बैठी कविनाया छिटक कर दूर गिर गई लेकिन उसके माता-पिता मर गए। तीनों लोग उस समय बाइक पर थे जब एक रेत से भरे ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मारी।

कविनाया के पिता कनाडा में सॉफ्टवेयर इंजिनियर थे जबकि मां प्राइवेट नौकरी करती थीं। पिता 10 दिन की छुट्टियों पर यहां आए हुए थे। यह हादसा 20 नवंबर 2009 में हुआ जब टक्कर लगने के तुरंत बाद कविनाया के माता-पिता की मौत तुंरत हो गई।

कनाडा की कंपनी कुमारम सिस्टम में अच्छे पद पर काम कर रहे कविनाया के पिता कुमार की सालाना इनकम 6.53 लाख रुपए थी। कंपनी ने इस बात की पुष्टि की कि वह हर साल टैक्स भी चुका रहे थे और यदि जिन्दा होते तो उनकी सैलरी अब तक 10 लाख रुपए सालाना हो चुकी होती। कविनाया की मां एक प्राइवेट कंपनी में रिसेपशनिस्ट थीं।

27 जून को आए मोटर ऐक्सिडेंट्स के मामलों के ट्राइब्यूनल के जज एन गुनावाथी ने यह फैसला दिया। कुल मुआवजा 91.78 लाख रुपए देने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने बच्ची की हालत और उम्र को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया है। जज ने कहा कि मामले की एफआईआर तुरंत दर्ज हुई और चश्मदीदों के बयान भी हादसे के बारे में सही-सही जानकारी देते हैं। ड्राइवर की लापरवाही भी साबित हो चुकी है।

यह पूरा अमाउंट ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को तीन महीने के भीतर ट्रक ड्राइवर ए शेख मोहम्मद के हवाले से कविनाया और उसकी दादा-दादी के नाम बैंक में जमा करनी है। इस रकम पर दिसंबर 2009 से 7.5 परसेंट की दर से ब्याज लागू हो कर भी मिलेगा। दिसंबर 2009 में क्लेम के लिए पिटिशन दायर की गई थी।

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