100 फीट नीचे, 35 फीट तक पहुंचे
बाड़मेर। धोरीमन्ना क्षेत्र के बामणोर गांव में कुंए में दबे श्रमिकों को रविवार देर रात तक भी नहीं निकाला जा सका। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार सोमवार शाम तक श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की संभावना है।
ग्राम पंचायत बामणोर के राजस्व गांव ठठर का डेर में एक निजी कृषि कुं ए की खुदाई कर उसका फरमा बांध रहे कितनोरिया निवासी शरीफखां व गब्बरखां पुत्र सुमारखां कुंआ ढहने से करीब 110 फीट नीचे जमीदोंज हो गए। सूचना मिलने के बाद शनिवार आधी रात को प्रशासन व पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो रविवार देर रात तक जारी रहा। लेकिन केवल तीस फीट तक खुदाई की जा सकी। उपखण्ड अधिकारी चौहटन राकेश चौधरी, तहसीलदार चौहटन, थानाधिकारी धोरीमन्ना लूणसिंह भाटी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम ग्रामीणों के सहयोग से इस काम में लगी हुई थी। इधर कितनोरिया में इन दो युवकों के घर पर मातम का माहौल बना हुआ रहा।
परिजन व रिश्तेदार भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहा। रैस्क्यू ऑपरेशन में बीस टै्रक्टर, जेसीबी इत्यादि मशीनरी भी लगी हुई है। 110 फीट नीचे दबे इन दो श्रमिकों के जिंदा होने की संभावना कम ही है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम तक श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद की जा सकती है।
सरक जाती है रेत
रेत के धोरों में दबे इन श्रमिकों को निकालने के लिए आस पास से रेत को खोदा जा रहा है। जैसे रेत खोदते है कई बार यह रेत सरक जाती है। ऎसे में मुश्किलेें बढ़ रही है।
बाड़मेर। धोरीमन्ना क्षेत्र के बामणोर गांव में कुंए में दबे श्रमिकों को रविवार देर रात तक भी नहीं निकाला जा सका। रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार सोमवार शाम तक श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की संभावना है।
ग्राम पंचायत बामणोर के राजस्व गांव ठठर का डेर में एक निजी कृषि कुं ए की खुदाई कर उसका फरमा बांध रहे कितनोरिया निवासी शरीफखां व गब्बरखां पुत्र सुमारखां कुंआ ढहने से करीब 110 फीट नीचे जमीदोंज हो गए। सूचना मिलने के बाद शनिवार आधी रात को प्रशासन व पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जो रविवार देर रात तक जारी रहा। लेकिन केवल तीस फीट तक खुदाई की जा सकी। उपखण्ड अधिकारी चौहटन राकेश चौधरी, तहसीलदार चौहटन, थानाधिकारी धोरीमन्ना लूणसिंह भाटी के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम ग्रामीणों के सहयोग से इस काम में लगी हुई थी। इधर कितनोरिया में इन दो युवकों के घर पर मातम का माहौल बना हुआ रहा।
परिजन व रिश्तेदार भी मौके पर पहुंच गए, लेकिन उनके पास इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहा। रैस्क्यू ऑपरेशन में बीस टै्रक्टर, जेसीबी इत्यादि मशीनरी भी लगी हुई है। 110 फीट नीचे दबे इन दो श्रमिकों के जिंदा होने की संभावना कम ही है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार शाम तक श्रमिकों को बाहर निकाले जाने की उम्मीद की जा सकती है।
सरक जाती है रेत
रेत के धोरों में दबे इन श्रमिकों को निकालने के लिए आस पास से रेत को खोदा जा रहा है। जैसे रेत खोदते है कई बार यह रेत सरक जाती है। ऎसे में मुश्किलेें बढ़ रही है।
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