संविधान की व्यवस्था को कोई बदल नहीं सकताः मोरदिया
मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान का वार्षिकोत्सव संपन्न
समारोह में प्रतिभावान छात्राओं सहित भामाशाहों का हुआ सम्मान
बाड़मेर, 17 जुन।
संविधान में दलितों एवं पिछड़ों के आरक्षण की जो व्यवस्था हैं उसे कोई चाहकर भी बदल नहीं सकता। दलितों के लिए बाबा साहब ने संविधान में व्यवस्था की हैं उसे हर किसी को कायम रखना ही होगा। बात चाहे नौकरियों में आरक्षण की हो या फिर पदोन्नति की। दलितों के हक को छीनने नहीं दिया जाएगा। यह बात राजस्थान आवासन मण्डल के अध्यक्ष परसराम मोरदिया ने मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान बाड़मेर की ओर से आयोजित वार्षिकोत्सव के दौरान हजारों लोगो को संबोधित करते हुए कही।
मोरदिया ने कहा कि बाबा साहब की सोच ने दलित समाज के उत्थान का काम किया। हमारे बुजुर्गो ने भगवान को देखा था और वह भगवान बाबा साहब थे जिन्होंने दलितों एवं पिछड़ों के उत्थान, विकास के लिए पूरी जिंदगी लगा दी। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मन में दलितों एवं पिछड़ों के लिए दर्द लिए हुए हैं और यही कारण हैं कि वह बिना किसी से डरे पदोन्नति के मामले में दलितों के साथ खड़े नजर आए।
जबकि किसी अन्य नेता ने खुलकर इसको लेकर बात नहीं की। उन्होंने बाड़मेर के मेघवाल समाज से आव्हान किया कि वह समाज विकास का कीर्तिमान स्थापित करे ताकि अन्य जिलो के लोग उनसे प्ररेणा ले सके। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां चाहे कुछ भी हो। नेता हो या नौकरशाह, उनके लिए समाज से ब़कर कुछ नहीं होना चाहिए। उन्होंने समाज के लोगो से आव्हान किया कि वह मंथन करे कि कौन उनके साथ हैं और कौन दलितों का सच्चा हितेषी एवं मददगार हैं।
उन्होने कहा कि पूरा समाज एक जाजम पर बैठे तो कोई काम ऐसा नहीं हैं जो नहीं हो सकता। उन्होंने बच्चों को अधिकांधिक शिक्षित करने एवं अन्याय सहन नहीं करने का आव्हान किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि समाज के अगुवा समाज हित को सोचते हुए समाज को आगे ब़ाने में रूचि ले तो उस समाज को आगे ब़ने से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि समय के साथ बदलाव आया हैं और यह बदलाव शिक्षा के कारण ही संभव हो पाया है। इसलिए मेघवाल समाज को चाहिए कि वह ओर ज्यादा शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति करे ताकि समाज को तेजी से विकास हो सके। कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथी सांसद हरीश चौधरी ने कहा कि लोकतांत्रित व्यवस्था में जो फैसले होते हैं उसमें 85 प्रतिशत लोगो तक अधिकार कैसे मिले इसके लिए सभी को सोचते हुए संघर्ष करना होगा। इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावों से पूर्व के दौरे के दौरान उन्होंने पानी को सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हुए बाड़मेर के लोगो के लिए पीने के पानी की मांग की थी।
आज से पूर्व में कई सरकार आई और उन्होंने बाड़मेर में पानी पहुंचाने के दावे किए लेकिन काम नहीं किया। लेकिन इस राज्य सरकार ने इस काम को गंभीरता से लेते हुए ना सिर्फ बजट स्वीकृत कराया बल्कि काम भी पूरा करा दिया हैं और बाड़मेर के लोगो को आगामी महिने तक हिमालय का मीठा पानी नसीब हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिले के अनुसूचित जातिजनजाति बाहुल्य वाली गांव़ाणियों में पीने के पानी के इंतजाम के लिए बजट स्वीकृत कराए। यही कारण हैं कि आज बाड़मेर की अधिकांश अनुसूचित जातिजनजाति वाले ़ाणियों में पानी पहुंच चुका हैं।
कार्यक्रम में वक्फ राज्य मंत्री अमीन खान, राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल, राज्य श्रम सलाहकार समिति के अध्यक्ष गफूर अहमद, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल, जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता रूपाराम धनदे एवं बाड़मेर प्रधान धाई देवी ने भी संबोधित करते हुए मेघवाल समाज से शिक्षा की अलग को ओर अधिक जगाने एवं प्रतिभावान छात्रछात्राओं को मंच प्रदान करने का आव्हान किया। समारोह के दौरान हंजारीराम बालवा द्वारा संस्थान का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आयव्यय का ब्यौरा दिया। इस दौरान आईईटी/पीएमटी/एआईईईई सहित अन्य बोर्ड परीक्षाओं में जिले में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली प्रतिभावन छात्रछात्राओं को पुरस्कृत किया। इससे पूर्व उदाराम मेघवाल के बीसूका उपाध्यक्ष बनने पर नागरिक अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर तनेराम मेघवाल मेमोरियल वाचनालय को लोकापर्ण किया। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष डॉ. बी.एल. मंसुरिया ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन चूनाराम पूनड़ ने किया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में जिले भर से समाज के लोग उपस्थित थे।
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