गुरुवार, 14 जून 2012

प्रेम संबंध में आड़े आने लगा पति तो प्रेमी के साथ मिल लगा दिया ठिकाने!



फलौदी.मुंबई में मजदूरी करने वाला एक युवक जब अपने गांव देचू पहुंचा तो उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर सोते समय उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को तालाब किनारे दफना दिया गया। देचू कस्बे में करीब एक साल पहले हुई इस हत्या का खुलासा हुआ तो पुलिस ने मृतक की पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया।
 
एसपी (ग्रामीण) नवज्योति गोगोई ने बताया कि गत वर्ष 12 अक्टूबर को देचू निवासी अमकादेवी सुथार ने अपने पति खींयाराम (30) की देचू थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। इसमें उसने बताया कि 26 सितंबर 2011 की रात को उसका पति मुंबई से गांव आया था। अगले दिन सुबह वह कहीं चला गया और वापस नहीं लौटा। पिछले कुछ साल से उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। काफी समय तक उसकी तलाश की गई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।

हाल ही 1 जून को खींयाराम के भाई पप्पूराम और चाचा सुगना राम ने पुलिस महानिरीक्षक (जोधपुर रेंज) को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें खींयाराम को गायब करने का संदेह उसी की पत्नी अमकादेवी पर जताया गया। परिजनों के संदेह के आधार पर पुलिस ने अमकादेवी और उसके प्रेमी देचू निवासी मोहन भारती से पूछताछ की। तब दोनों आरोपियों ने खींयाराम की हत्या करना स्वीकार कर लिया।


प्रेम संबंध में बाधक था पति

खींयाराम की पत्नी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि दो वर्ष से गांव में ही रहने वाले मोहन भारती से उसके संबंध थे। मोहन भारती शादीशुदा था और उसके तीन बच्चे हैं। वहीं, अमका देवी के भी तीन बच्चे हैं। उसकी 10 वर्षीया बड़ी बेटी अपने ननिहाल में रह रही थीं। खींयाराम मुंबई से वापस लौट आया तो दोनों को उसकी मौजूदगी रास नहीं आई। उससे निजात पाने के लिए दोनों ने उसे ठिकाने लगाने की साजिश रची




सोते हुए पर कुल्हाड़ी से वार
पुलिस के अनुसार गत 27 जुलाई 11 की रात को खींयाराम खाना खाकर सो गया था। इसके बाद मोहन भारती उसके घर पहुंचा। छत पर दोनों ने शराब पी और आधी रात को गहरी नींद में सोए खींयाराम के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया। इससे उसकी मौत हो गई। बाद में आरोपियों ने शव को चारे के ढेर में छुपा दिया।

एक दिन बाद मोहन भारती ने शव को बोरी में डाला और गांव की नाडी के निकट पहले से खुदे एक खड्डे में दफना दिया। बताया जाता है कि मोहन भारती ने ही यह खड्डा कुछ दिन पहले पौधरोपण करने का बहाना करते हुए खुदवाया था। लोगों ने इसका विरोध भी किया था। उसकी हत्या करने के बाद आरोपियों ने करीब तीन माह बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज करवाई।

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