मंगलवार, 19 जून 2012

पंचायत का कहर, लेक्चरर को छोड़ना पड़ा घर

पंचायत का कहर, लेक्चरर को छोड़ना पड़ा घर
दौसा। पति का चरित्र ठीक नहीं होने से बचपन में हुए विवाह को अस्वीकार करने वाली नांगलराजावतान थाना क्षेत्र के मानपुरिया कोठ्या निवासी स्कूल व्याख्याता संतरा (25) को जातीय पंचायत ने जबरन ससुराल जाने का फैसला सुना दिया। संतरा के मना करने पर पंचों ने परिवार की सम्पत्ति पर कब्जा करने व उसका अपहरण करने के भी आदेश दे दिए। अंधेरे में माता-पिता के साथ संतरा को घर छोड़कर भागना पड़ा।

संतरा के मुताबिक स्थानीय पुलिस को भी बताया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। यहां सोमवार को एसपी एस.एन. खींची ने संतरा व परिवार को सुरक्षा मुहैया करा मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

दरवाजा बंद कर बचाया
संतरा ने बताया कि गत दिनों ससुराल वाले उसे लेने आए। मना किया तो 16 जून को उसके गांव में सामाजिक पंचायत बुलाई। इसमें पंचों ने संतरा को ससुराल भेजने का फरमान सुनाया। ससुराल वाले जबरन उसे ले जाने लगे तो कमरे का दरवाजा बंद कर स्वयं को बचाया। थानाप्रभारी ने संतरा की बहन बादाम सहित ससुराल पक्ष के आधा दर्जन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

14 वर्ष पहले विवाह
मानपुरिया कोठ्यां निवासी रामप्रसाद की पुत्रियों बादाम व संतरा का 14 वर्ष पहले लाहड़ी का बास निवासी संजय व दिनेश मीणा से बाल विवाह हुआ। संतरा ने बीएड किया और वर्ष 2011 में उसका चयन स्कूल व्याख्याता में हुआ ।

मैं राजपत्रित अधिकारी हूं। दसवीं फेल, नशे के अलावा कई गलत शौक के आदी पति के साथ मैं नहीं रहना चाहती। जातीय पंचायत ने ससुराल भेजने के लिए अपहरण करने की धमकी दे दी। इसलिए घर छोड़ना पड़ा।

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