कोटा.परिवार में मातम पसरा हुआ था। तभी परिवार को ऐसी खबर मिली कि पलभर में मातम खुशियों में बदल गया। जिस पिता को मृत मानकर सोमवार को दफना दिया था, वे मंगलवार को जिंदा लौट आए। उन्हें सामने देख परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा। अब सीमल्या पुलिस के सामने फिर से सोमवार को मिले शव की पहचान का संकट खड़ा हो गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बारां में अंता के पास बालदड़ा गांव निवासी याकूब अली (53) के बेटे व रिश्तेदारों ने एक दिन पहले सोमवार को रेलगांव के पास पुलिया के नीचे एक व्यक्ति का शव मिलने पर उसकी पहचान अपने पिता के रूप में कर दी। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। सोमवार शाम बोरखेड़ा कब्रिस्तान में शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। परिवार में मातम पसरा हुआ था। इसी बीच याकूब ने अखबारों में अपनी मौत का समाचार पढ़ा तो वे चौंके और अपने गांव बालदड़ा के लिए निकल गए। इस बीच कोटा से लौट रहे रिश्तेदार याकूब को अंता में मिल गए।
रिश्तेदारों ने बताया कि कोटा में बेटों ने उन्हें दफना दिया। यह सुनकर याकूब के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने रिश्तेदारों के मार्फत कोटा के घर पर संपर्क किया। याकूब पहले सीमल्या थाने पहुंचे और फिर अपने घर लौटे। वहां आते ही लोगों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। उनका फूल मालाओं से स्वागत किया गया। पत्नी मेहमूदा बानो की आंख से खुशी के आंसू बहने लगे।
हींग बेचने गए थे याकूब
बड़े बेटे एजाज ने बताया कि पिता याकूब हींग बेचते हैं। शनिवार को वे हींग बेचने रेलगांव की गए थे। उन्हें सोमवार को पता चला कि रेलगांव के पास एक शव मिला है, जिसका हुलिया पिता से मिलता-जुलता है। सभी ने उनकी पहचान कर दी।
पुलिस पता लगाएगी
डीएसपी संजय गुप्ता ने बताया कि अब याकूब जिंदा हैं तो पुलिस यह पता लगाएगी कि शव किसका था। इसके लिए संभाग के सभी थानों में सूचना दे दी गई है। शव काफी सड़ गया था, इसलिए कब्रिस्तान से निकालना भी सही नहीं है। मृतक की पहचान होने के बाद ही सही कारण पता चल सकेंगे।
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