धूम्रपान से न केवल फेफडे़ खराब होते हैं बल्कि इससे जोड़ों को भारी नुकसान पहुंचता है। तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर गुरुवार को अस्थि विशेषज्ञों ने कहा कि सिगरेट का धुंआ मांसपेशियों एवं हडि्डयों की मस्क्युलोस्केलेटन प्रणाली को व्यापक रूप से प्रभावित करता है।अस्थि विशेषज्ञों का कहना है कि आजकल युवाओं में कूल्हे की हड्डियों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मौजूदा समय में युवाओं में अवैस्कुलर नेक्रोंसिस ऑफ हिप बोन की समस्या बढ़ रही है जिसके कारण कूल्हे बदलने की जरूरत बढ़ जाती है।
यहां स्थित फोर्टिस अस्पताल के अस्थि विशेषज्ञ डा. सुभाष जांगिड और डा. विवेक लोगानी के अनुसार तंबाकू में पाया जानेवाला निकोटीन हमारे शरीर में जहरीला प्रभाव छोड़ता है जिसका असर मांसपेशियों, जोड़ों और हडि्डयों पर पड़ता है और सिगरेट का धुंआ चोट को ठीक होने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के अस्थि शल्य चिकित्सक डा. राजू वैश्य के अनुसार निकोटीन हडि्डयों का फ्रैक्चर भरने की प्रक्रिया तथा एस्ट्रोजन हार्मोन के प्रभाव को कम करता है और यह विटामिन सी और ई से मिलने वाले एंटी ऑक्सिडेंट तत्वों को निष्प्रभावी कर देता है यही वजह है कि धूम्रपान करने वालों को कूल्हे के फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा रहता है।
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