नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने एक छात्र और दो छात्राओं को अश्लील वीडियो तैयार करने के आरोप में एक निश्चित अवधि के लिए निष्कासित कर दिया है। कथित तौर पर यह अश्लील वीडियो नर्मदा हॉस्टल के एक कमरे में तैयार किया गया था।
विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी जानकारी 4 मई, 2012 को मिली थी, जब हॉस्टल वॉर्डन ने इस मामले में एक पत्र विश्वविद्यालय डीन छात्र कल्याण को भेजा। कथित तौर पर यह अश्लील वीडियो एमफिल के छात्र सत्या के नर्मदा हॉस्टल स्थित कमरे में तैयार किया गया।
वीडियो सत्या व उसकी प्रेमिका एमफिल की छात्रा पूजा के बीच शारीरिक संबंधों से जुड़ा है, जिसे उसी कमरे में मौजूद उनकी एक अन्य साथी पीएचडी की छात्रा शैलबाला की मदद से मोबाइल कैमरे से बनाया गया। पहचान छुपाने के लिए सभी नाम बदल दिए गए हैं। हालांकि मोबाइल गुम हो जाने से इस अश्लील वीडियो की खोजबीन जारी है।
लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष दोषी छात्र-छात्रा ने लिखित तौर पर अश्लील वीडियो की बात स्वीकार कर ली है। इसकी प्रति भास्कर के पास मौजूद हैं।
चीफ प्रोक्टर प्रो. एचबी बोहिदार ने फौरन मामले की जांच कर छात्र को तीन साल और दोनों दोषी छात्राओं को एक-एक साल के लिए विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया है। तीनों का ही इस अवधि के दौरान कैम्पस में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कानूनी कार्रवाई से बच रहा प्रशासन
तीन छात्रों पर कार्रवाई की बात स्वीकार करने वाले चीफ प्रोक्टर लगातार न सिर्फ मामले का ब्यौरा देने से बच रहे हैं बल्कि आपराधिक मामला होने के बावजूद वह यह भी बताने को तैयार नहीं है कि मामला दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंपा गया है या नहीं। जबकि इस मुद्दे पर डीसीपी साउथ छाया शर्मा ने बताया कि अभी तक उनके समक्ष ऐसा कोई मामला नहीं आया है।
यदि विश्वविद्यालय की ओर से शिकायत आएगी तो जरूर उसकी गंभीरता से जांच की जाएगी। साफ है कि कहीं न कहीं विश्वविद्यालय प्रबंधन इस मामले को कानूनी कार्रवाई से दूर रखने में जुटा है।
अपनी तरह का पहला मामला
विश्वविद्यालय में फरवरी 2011 में भी पेरियार हॉस्टल के एक कमरे में अश्लील वीडियो से जुड़ा एक ओर मामला उजागर हुआ था। इस मामले में छात्रा के प्रेमी ने ही उच्च तकनीक के जरिये वीडियो तैयार किया था।
इस बार मामला अलग है। सूत्रों के अनुसार नर्मदा हॉस्टल में तैयार अश्लील वीडियो को प्रेमी छात्र व प्रेमी छात्रा की एक साथी अन्य छात्रा की मदद से तैयार किया गया। यानी यह तीसरी छात्रा भी उस दौरान कमरे में मौजूद थी।
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