नई दिल्ली.अजीब-ओ-गरीब उपाय बताकर लोगों को दुख दूर करने का दावा करने वाले निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक निजी टीवी चैनल ने दावा किया है कि एडवांस में कई महीने तक बुक रहने वाले निर्मल बाबा के चार समागमों को रद्द कर कर दिया गया है। ये समागम दिल्ली में 9, 10, 16, 17 जून होने थे। मीडिया में जब यह खबर आई और एक निजी टीवी चैनल से निर्मल बाबा के वकील से उनका पक्ष और समागम रद्द होने की वजह से जाननी चाही तो उनका फोन स्विच्ड ऑफ मिला।
गौरतलब है कि निर्मल बाबा के खिलाफ कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। देश के कई थानों में निर्मल बाबा के खिलाफ शिकायतें और एफआईआर दर्ज की गई हैं। बीना की अदालत ने निर्मल बाबा के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें 25 जून को पेश होने को कहा है। बाबा के भक्त सुरेंद्र विश्वकर्मा ने बाबा के खिलाफ आरोप लगाया था कि बाबा की सलाह मानने से उन्हें नुकसान हुआ। साथ ही पिता की तबियत भी बिगड़ गई। विश्वकर्मा ने प्रथम श्रेणी कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कुछ दिनों पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ में निर्मल बाबा के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि अगर उन्होंने जांच में पुलिस का पूरा सहयोग नहीं किया तो गिरफ़्तारी पर रोक के आदेश को निरस्त भी किया जा सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में निर्मल बाबा की ओर से दायर रिट याचिका में कहा गया था कि वे एक प्रख्यात धार्मिक व्यक्ति हैं और इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं। उन्होंने सीजेएम के आदेश को गलत बताते हुए इस एफआईआर को निरस्त करने और इस दौरान गिरफ़्तारी रोकने की मांग की थी। निर्मल बाबा पर सवाल उठने के बाद उनके भक्तों की संख्या और दान में कमी की बात सामने आ रही है।
गौरतलब है कि निर्मल बाबा के खिलाफ कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। देश के कई थानों में निर्मल बाबा के खिलाफ शिकायतें और एफआईआर दर्ज की गई हैं। बीना की अदालत ने निर्मल बाबा के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें 25 जून को पेश होने को कहा है। बाबा के भक्त सुरेंद्र विश्वकर्मा ने बाबा के खिलाफ आरोप लगाया था कि बाबा की सलाह मानने से उन्हें नुकसान हुआ। साथ ही पिता की तबियत भी बिगड़ गई। विश्वकर्मा ने प्रथम श्रेणी कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कुछ दिनों पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लखनऊ में निर्मल बाबा के खिलाफ दर्ज मामले में गिरफ्तारी के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि अगर उन्होंने जांच में पुलिस का पूरा सहयोग नहीं किया तो गिरफ़्तारी पर रोक के आदेश को निरस्त भी किया जा सकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में निर्मल बाबा की ओर से दायर रिट याचिका में कहा गया था कि वे एक प्रख्यात धार्मिक व्यक्ति हैं और इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं। उन्होंने सीजेएम के आदेश को गलत बताते हुए इस एफआईआर को निरस्त करने और इस दौरान गिरफ़्तारी रोकने की मांग की थी। निर्मल बाबा पर सवाल उठने के बाद उनके भक्तों की संख्या और दान में कमी की बात सामने आ रही है।
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