लक्ष्मीनाथ मंदिर - जैसलमेर
पूरे विश्व से लोग इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए आते हैंलक्ष्मीनाथ मंदिर राजस्थान स्थित जैसलमेर के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मी जी को समर्पित है। लक्ष्मी जी को धन की देवी माना जाता है। लक्ष्मीनारायण मंदिर एक किले के भीतर स्थित है। लक्ष्मीनाथ मंदिर यहां के प्रमुख हिन्दू मंदिरों में से है, जिसका आधार मूल रूप से पंचयतन के रूप में था। पूरे विश्व से लोग इस मंदिर में प्रार्थना करने के लिए आते हैं।
निर्माण
लक्ष्मीनारायण मंदिर लगभग छह सौ वर्ष पुराना है। जिस समय किले का निर्माण करवाया गया था तब इस मंदिर का भी निर्माण करवाया गया था। वर्तमान समय में यह मंदिर भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि अलाउद्दीन के आक्रमण के काल में इस मंदिर का एक बड़ा भाग ध्वस्त कर दिया गया था। 15वीं शताब्दी में महारावल लक्ष्मण द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।
पौराणिक कथा
माना जाता है कि जैसलमेर किले स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण सन् 1494 ई. में किया गया था। एक ब्राह्मण जिसका नाम सेन पाल शकदविपी था उसमें यहां पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की थी। इस मंदिर का निर्माण राव लंकारन के शासन के समय में किया गया था। इसके पश्चात् मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। मंदिर का पुनर्निर्माण गंगा सिंह जी ने करवाया था।
सभामंडप
मंदिर का सभामंडप किले के अन्य इमारतों का समकालीन है। मंदिर के सभा मंडप पर कई स्तम्भ है। इन स्तम्भों पर घटपल्लव आकृतियां बनी है। मंदिर में स्थित गर्भ गृढ़, गूढ़ मंडप तथा अन्य भागों का कई बार जीर्णोंधार करवाया गया। गणेश मंदिर की छत में सुंदर विष्णु की सर्पों पर विराजमान मूर्ति है।
पर्व
लक्ष्मीनारायण मंदिर में मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व दीपावली है। इस दिन काफी संख्या में भक्त मंदिर में देवी के दर्शनों के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्त, इस दिन मंदिर को पूरी तरह से रोशनी से जगमगाया जाता है।
निर्माण
लक्ष्मीनारायण मंदिर लगभग छह सौ वर्ष पुराना है। जिस समय किले का निर्माण करवाया गया था तब इस मंदिर का भी निर्माण करवाया गया था। वर्तमान समय में यह मंदिर भारतीय पुरातत्व संरक्षण विभाग द्वारा संरक्षित है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था। ऐसा माना जाता है कि अलाउद्दीन के आक्रमण के काल में इस मंदिर का एक बड़ा भाग ध्वस्त कर दिया गया था। 15वीं शताब्दी में महारावल लक्ष्मण द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था।
पौराणिक कथा
माना जाता है कि जैसलमेर किले स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण सन् 1494 ई. में किया गया था। एक ब्राह्मण जिसका नाम सेन पाल शकदविपी था उसमें यहां पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की थी। इस मंदिर का निर्माण राव लंकारन के शासन के समय में किया गया था। इसके पश्चात् मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया गया। मंदिर का पुनर्निर्माण गंगा सिंह जी ने करवाया था।
सभामंडप
मंदिर का सभामंडप किले के अन्य इमारतों का समकालीन है। मंदिर के सभा मंडप पर कई स्तम्भ है। इन स्तम्भों पर घटपल्लव आकृतियां बनी है। मंदिर में स्थित गर्भ गृढ़, गूढ़ मंडप तथा अन्य भागों का कई बार जीर्णोंधार करवाया गया। गणेश मंदिर की छत में सुंदर विष्णु की सर्पों पर विराजमान मूर्ति है।
पर्व
लक्ष्मीनारायण मंदिर में मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व दीपावली है। इस दिन काफी संख्या में भक्त मंदिर में देवी के दर्शनों के लिए आते हैं। इसके अतिरिक्त, इस दिन मंदिर को पूरी तरह से रोशनी से जगमगाया जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें