केंद्र सरकार ने सोने और चांदी के आयात शुल्क मूल्य (टैरिफ वैल्यू) में कमी कर दी है। पिछले पखवाड़े की तुलना में इस कमी को काफी अहम माना जा रहा है। टैरिफ वैल्यू में कमी के बाद प्रति 10 ग्राम के लिए आयात मूल्य 541 डालर कर दिया गया है। इसका काफी हद तक फायदा सोना-चांदी खरीदने वालों पर पड़ेगा। उन्हें इसके लिए अब कम दाम भी चुकाने पड़ सकते हैं।
वित्त मंत्रालय के तहत कार्यरत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) हर पखवाड़े इन मूल्यों की समीक्षा करता है। 16 अप्रैल को सोना का आयात शुल्क मूल्य 542 डालर प्रति 10 ग्राम तय किया गया था जिसे 30 अप्रैल से 541 डालर प्रति 10 ग्राम कर दिया गया।
सीबीईसी के अनुसार 16 अप्रैल को चांदी का आयात शुल्क मूल्य 1051 डालर प्रति किलोग्राम था जिसे अब कम कर 1011 डालर प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
दिलचस्प है कि मौजूदा शादी-विवाह सीजन के मद्देनजर भारी लिवाली के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 29,760 रु. प्रति दस ग्राम पर आ गया है। यह स्तर 8 दिसंबर को देखा गया था। जानकारों के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय माहौल और शादी के चलते मांग बढ़ने से सोना इसी हफ्ते 30000 रूपये के स्तर को पार कर सकता है।
औद्योगिक इकाइयों और आभूषण निर्माताओं की मांग बढ़ने से चांदी के भाव 100 रु. की तेजी के साथ 56,500 रु. प्रति किलो बोले गये। बाजार सूत्रों के अनुसार विदेशों में तेजी के बीच लगातार लिवाली का असर भी बाजार धारणा पर पड़ा। विदेशों में डालर कमजोर हुआ।
वित्त मंत्रालय के तहत कार्यरत केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) हर पखवाड़े इन मूल्यों की समीक्षा करता है। 16 अप्रैल को सोना का आयात शुल्क मूल्य 542 डालर प्रति 10 ग्राम तय किया गया था जिसे 30 अप्रैल से 541 डालर प्रति 10 ग्राम कर दिया गया।
सीबीईसी के अनुसार 16 अप्रैल को चांदी का आयात शुल्क मूल्य 1051 डालर प्रति किलोग्राम था जिसे अब कम कर 1011 डालर प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।
दिलचस्प है कि मौजूदा शादी-विवाह सीजन के मद्देनजर भारी लिवाली के चलते दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का भाव 29,760 रु. प्रति दस ग्राम पर आ गया है। यह स्तर 8 दिसंबर को देखा गया था। जानकारों के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय माहौल और शादी के चलते मांग बढ़ने से सोना इसी हफ्ते 30000 रूपये के स्तर को पार कर सकता है।
औद्योगिक इकाइयों और आभूषण निर्माताओं की मांग बढ़ने से चांदी के भाव 100 रु. की तेजी के साथ 56,500 रु. प्रति किलो बोले गये। बाजार सूत्रों के अनुसार विदेशों में तेजी के बीच लगातार लिवाली का असर भी बाजार धारणा पर पड़ा। विदेशों में डालर कमजोर हुआ।
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