गुरुवार, 31 मई 2012

सरहदी रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में सूर्य देवता आग बरसा रहे हें

.
४५ डिग्री चढ़ा पारा तवे सी तपने लगी सड़कें


बाड़मेर सरहदी रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में सूर्य देवता आग बरसा रहे हें तापमान पेंतालिस डिग्री के पार जाने के बाद थार का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया हें भीषण गर्मी के चलते लोग दिनों में घरो में ही कूलर ऐसी के सामने दुबके रहते हें पिछले एक सप्ताह से तापमान में उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को एकबार फिर तापमान 45 डिग्री पहुंच गया। सूर्योदय के साथ ही शहर दिनभर भट्टी की तरह तपने लगा, गर्म हवा चलने से लोग बेहाल रहे। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा जिससे कफ्र्यू सा माहौल दिखाई दिया। चिलचिलाती धूप के चलते लोग घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। सुबह से ही धूप तेज होने से सड़कें तवे की भांति तपने लगी,दोपहर में तो आलम यह रहा मानो आसमान से अंगारे बरस रहे हो।

बिजली कटौती से परेशानी

जहां एक ओर सूर्यदेव के तीखे तेवर के चलते गर्मी ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए। वहीं दूसरी ओर बिजली कटौती ने आग में घी का काम किया। एकबारगी बाहर निकले लोग फटाफट अपना काम निपटा घर की तरफ लौटते नजर आए। लेकिन बिजली कटौती के चलते उन्हें घर में भी भीषण गर्मी से राहत नहीं मिली। कूलर व पंखों की हवा बेअसर साबित हो रही थी। बर्तनों में भरा पानी गर्म होकर उबलने लगा था।

करने लगे जतन : गर्मी और लू के थपेड़ों से बचने के लिए घरों में इमली पानी और छाछ का सेवन बढ़ गया हैं। भोजन में भी कच्चे प्याज और टमाटर व तरबूज के सलाद को प्राथमिकता दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी गर्मी में खूब पानी पीएं। दिन में कम से कम चार-पांच बार नींबू पानी व ग्लूकोज का सेवन जरूर करें।

हीरा की ढाणी. भीषण गर्मी के चलते इन दिनों आमजन के साथ पशुधन का भी हाल बेहाल है। लू से बचने के लिए वाहन चालक सहित आमजन सावधानी बरत रहे हैं। पीएचसी के डॉ.मदनलाल माली ने बताया कि गर्मी व लू से बचने के लिए बार-बार पानी पीए। घर में इमली व छाछ का सेवन करें। ज्यादा तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। सिर पर टोपी व आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का उपयोग करें। दिन में एक दो बार शिकंजी व फलों का सेवन करें।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें