नई दिल्ली. गुजरात पुलिस विवाद में फंसती नज़र आ रही है। गुजरात के दाहोद जिले की पुलिस पर कांग्रेस की सांसद डॉ. प्रभा किशोर तवियाड के साथ बदसलूकी का आरोप लगा है। पीड़ित सांसद डॉ. प्रभा किशोर ने कांग्रेसी की सांसद डॉ. गिरिजा व्यास के सहयोग से लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। डॉ. प्रभा ने अपने हाथ पर निशान दिखाते हुए लोकसभा में यह मुद्दा उठाया और दावा किया कि दाहोद पुलिस ने उनकी पिटाई भी की। इस दौरान डॉ. प्रभा बेहद भावुक हो गईं और उनकी आंखों में आंसू आ गए। वे बार-बार रुमाल से अपनी आंखें और नाक पोंछती रहीं।
दाहोद लोकसभा सीट से सांसद डॉ. प्रभा किशोर का कहना है कि पुलिस ने उनके घर के बाहर उनके बाल पकड़कर खींचे और रात 8 बजे तक मेडिकल सुविधाओं के लिए इंतजार करवाया। डॉ. प्रभा ने सदन में कहा कि उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़नी है तो पुलिस ने पहले रेलवे स्टेशन से उनके टिकट की पुष्टि की और उसके बाद ही उन्हें स्टेशन ले गई।
वहीं, गुजरात सरकार ने महिला सांसद से बदसलूकी के आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि है पूरे मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। गुजरात सरकार का कहना है कि डॉ. प्रभा किशोर खुद पुलिस से भिड़ी थीं। दाहोद पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि गुजरात दिवस के मौके पर उन्हें सूचना मिली थी कि डॉ. प्रभा किशोर हंगामा खड़ा कर सकती हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। वे पहले भी कुछ कार्यक्रमों में हंगामा कर चुकी हैं। दाहोद पुलिस का कहना है कि पुलिस खुद डॉ. प्रभा को वड़ोदरा रेलवे स्टेशन ले जाने से पहले अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मेडिकल जांच की गई।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा में इस मुद्दे पर दाहोद पुलिस के साथ ही गुजरात सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने इसे गुजरात सरकार की साजिश करार दिया। लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि वे खुद नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बात करेंगी। सुषमा स्वराज ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश होगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हालांकि, स्वराज के इस आश्वासन पर भी लोकसभा में हंगामा हुआ।
दाहोद लोकसभा सीट से सांसद डॉ. प्रभा किशोर का कहना है कि पुलिस ने उनके घर के बाहर उनके बाल पकड़कर खींचे और रात 8 बजे तक मेडिकल सुविधाओं के लिए इंतजार करवाया। डॉ. प्रभा ने सदन में कहा कि उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़नी है तो पुलिस ने पहले रेलवे स्टेशन से उनके टिकट की पुष्टि की और उसके बाद ही उन्हें स्टेशन ले गई।
वहीं, गुजरात सरकार ने महिला सांसद से बदसलूकी के आरोप पर जवाब देते हुए कहा कि है पूरे मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। गुजरात सरकार का कहना है कि डॉ. प्रभा किशोर खुद पुलिस से भिड़ी थीं। दाहोद पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि गुजरात दिवस के मौके पर उन्हें सूचना मिली थी कि डॉ. प्रभा किशोर हंगामा खड़ा कर सकती हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। वे पहले भी कुछ कार्यक्रमों में हंगामा कर चुकी हैं। दाहोद पुलिस का कहना है कि पुलिस खुद डॉ. प्रभा को वड़ोदरा रेलवे स्टेशन ले जाने से पहले अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मेडिकल जांच की गई।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा में इस मुद्दे पर दाहोद पुलिस के साथ ही गुजरात सरकार के मुखिया नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने इसे गुजरात सरकार की साजिश करार दिया। लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि वे खुद नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बात करेंगी। सुषमा स्वराज ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश होगी कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हालांकि, स्वराज के इस आश्वासन पर भी लोकसभा में हंगामा हुआ।
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