किरण का इस्तीफा, राजे की पेशकश
जयपुर। भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया की लोक जन जागरण यात्रा को लेकर शनिवार को पार्टी में घमासान मच गया। पार्टी मुख्यालय पर कोर कमेटी की बैठक में आपसी कलह खुलकर सामने आ गईं। ज्यादातर सदस्यों के विरोध के बावजूद जब कटारिया अड़े रहे तो प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे यह कहते हुए बैठक छोड़कर बाहर आ गई कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं की रक्षा नहीं की जा रही है इसलिए वे आहत होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा दे देंंगी। राजे की इस पेशकश के बाद कटारिया ने यात्रा रद्द कर दी।
माहेश्वरी के संग कई इस्तीफे
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। देर रात राजे के घर के बाहर मीडिया से कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष को त्यागपत्र भिजवा रही हैं। उन्होंने राजे के इस्तीफे की भी बात कही। माहेश्वरी ने प्रदेश महामंत्री श्री चंद कृपलानी व चार जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ के जिलाध्यक्षों के भी इस्तीफे की घोषणा की।
राजे के घर जमावड़ा
बैठक खत्म होने के बाद राजे के घर नेताओं का जमावड़ा लग गया। ओम माथुर, किरण माहेश्वरी, किरीट सोमैया, भूपेन्द्र यादव, दिगम्बर सिंह, सुमन शर्मा व अन्य नेताओं की चर्चा हुई। मेवाड़ के कार्यकर्ता भी वहां थे जिन्हें राजे ने सम्बोधित किया। पढ़ें भाजपा ञ्च पेज 6
बैठक में गडकरी से बात
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान ही राजे, प्रभारी सोलंकी तथा राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव की राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से टेलीफोन पर बात हुई।
साढ़े तीन घंटे चला विवाद
बैठक करीब साढ़े 5 बजे शुरू हुई। करीब साढ़े तीन घंटे तक यात्रा पर ही विवाद चलता रहा। करीब 8.40 बजे राजे बैठक छोड़कर बाहर आ गई। उनके पीछे राजस्थान के सह प्रभारी किरीट सोमैया भी बाहर निकल गए। राजे के बाहर आने पर एकबारगी सन्नाटा छा गया। फिर राजे की गैरहाजिरी में प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी, कमेटी सदस्य ओमप्रकाश माथुर, अरूण चतुर्वेदी, घनश्याम तिवाड़ी में चर्चा हुई और तय हुआ कि राजे के इस्तीफे की पेशकश के बाद अब यात्रा का कोई मतलब नहीं रह जाता है। करीब नौ बजे कटारिया ने बाहर आकर यात्रा रद्द करने का ऎलान किया। कटारिया के बाद माथुर, तिवाड़ी और सबसे अंत में साढ़े नौ बजे चतुर्वेदी बाहर निकले। अन्य नेताओं ने मीडिया से बात नहीं की।
कार्यकर्ताओं का अपमान सहन नहीं-वसुंधरा
बैठक छोड़कर बाहर आई राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कार्यकर्ता नहीं चाहते हैं कि यात्रा हो। कार्यकर्ता पार्टी की जान हैं। मुझे इन परिस्थितियों में लगता है कि यात्रा टाल देनी चाहिए। जब कार्यकर्ता नहीं चाहता तो फिर यह पार्टी को बांटने जैसी बात हो रही है। मुझे लगता है कि मैं कार्यकर्ताओं की भावनाओं की रक्षा नहीं कर पा रही हूं इसलिए मुझे पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। मीडिया से बात करने के बाद राजे एक बार फिर पार्टी कार्यालय के भीतर चली गई और कुछ देर बाद राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी के संग बाहर निकल अपने घर चली गई।
मैं पार्टी का सिपाही-कटारिया
राजे के जाने के थोड़ी देर बाद कटारिया बैठक से बाहर आए। मीडिया से बातचीत में कहा, मेरी यात्रा से नाराज होकर वसुंधरा राजे ने पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही है, मैं पार्टी व संगठन का सिपाही हूं, इसलिए मैं संगठन को एक रखने के लिए अपनी यात्रा को निरस्त करता हूं।
जयपुर। भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया की लोक जन जागरण यात्रा को लेकर शनिवार को पार्टी में घमासान मच गया। पार्टी मुख्यालय पर कोर कमेटी की बैठक में आपसी कलह खुलकर सामने आ गईं। ज्यादातर सदस्यों के विरोध के बावजूद जब कटारिया अड़े रहे तो प्रतिपक्ष की नेता वसुंधरा राजे यह कहते हुए बैठक छोड़कर बाहर आ गई कि कार्यकर्ताओं की भावनाओं की रक्षा नहीं की जा रही है इसलिए वे आहत होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस्तीफा दे देंंगी। राजे की इस पेशकश के बाद कटारिया ने यात्रा रद्द कर दी।
माहेश्वरी के संग कई इस्तीफे
भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। देर रात राजे के घर के बाहर मीडिया से कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष को त्यागपत्र भिजवा रही हैं। उन्होंने राजे के इस्तीफे की भी बात कही। माहेश्वरी ने प्रदेश महामंत्री श्री चंद कृपलानी व चार जिलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ के जिलाध्यक्षों के भी इस्तीफे की घोषणा की।
राजे के घर जमावड़ा
बैठक खत्म होने के बाद राजे के घर नेताओं का जमावड़ा लग गया। ओम माथुर, किरण माहेश्वरी, किरीट सोमैया, भूपेन्द्र यादव, दिगम्बर सिंह, सुमन शर्मा व अन्य नेताओं की चर्चा हुई। मेवाड़ के कार्यकर्ता भी वहां थे जिन्हें राजे ने सम्बोधित किया। पढ़ें भाजपा ञ्च पेज 6
बैठक में गडकरी से बात
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान ही राजे, प्रभारी सोलंकी तथा राष्ट्रीय सचिव भूपेन्द्र यादव की राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी से टेलीफोन पर बात हुई।
साढ़े तीन घंटे चला विवाद
बैठक करीब साढ़े 5 बजे शुरू हुई। करीब साढ़े तीन घंटे तक यात्रा पर ही विवाद चलता रहा। करीब 8.40 बजे राजे बैठक छोड़कर बाहर आ गई। उनके पीछे राजस्थान के सह प्रभारी किरीट सोमैया भी बाहर निकल गए। राजे के बाहर आने पर एकबारगी सन्नाटा छा गया। फिर राजे की गैरहाजिरी में प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी, कमेटी सदस्य ओमप्रकाश माथुर, अरूण चतुर्वेदी, घनश्याम तिवाड़ी में चर्चा हुई और तय हुआ कि राजे के इस्तीफे की पेशकश के बाद अब यात्रा का कोई मतलब नहीं रह जाता है। करीब नौ बजे कटारिया ने बाहर आकर यात्रा रद्द करने का ऎलान किया। कटारिया के बाद माथुर, तिवाड़ी और सबसे अंत में साढ़े नौ बजे चतुर्वेदी बाहर निकले। अन्य नेताओं ने मीडिया से बात नहीं की।
कार्यकर्ताओं का अपमान सहन नहीं-वसुंधरा
बैठक छोड़कर बाहर आई राजे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कार्यकर्ता नहीं चाहते हैं कि यात्रा हो। कार्यकर्ता पार्टी की जान हैं। मुझे इन परिस्थितियों में लगता है कि यात्रा टाल देनी चाहिए। जब कार्यकर्ता नहीं चाहता तो फिर यह पार्टी को बांटने जैसी बात हो रही है। मुझे लगता है कि मैं कार्यकर्ताओं की भावनाओं की रक्षा नहीं कर पा रही हूं इसलिए मुझे पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे देना चाहिए। मीडिया से बात करने के बाद राजे एक बार फिर पार्टी कार्यालय के भीतर चली गई और कुछ देर बाद राष्ट्रीय महासचिव किरण माहेश्वरी के संग बाहर निकल अपने घर चली गई।
मैं पार्टी का सिपाही-कटारिया
राजे के जाने के थोड़ी देर बाद कटारिया बैठक से बाहर आए। मीडिया से बातचीत में कहा, मेरी यात्रा से नाराज होकर वसुंधरा राजे ने पार्टी से इस्तीफा देने की बात कही है, मैं पार्टी व संगठन का सिपाही हूं, इसलिए मैं संगठन को एक रखने के लिए अपनी यात्रा को निरस्त करता हूं।
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